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मोदी 2020 ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन संपन्न, मोदी जी जीवंत किवदन्ती हैं -कुलपति

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा 'मोदी 2020 ड्रीम्स मीट डिलीवरी' पुस्तक पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी इन अपने अध्यक्षीय भाषण में कहां की मोदी जी जीवंत किवदंती हैं।यह पुस्तक मोदी 20 को दुनिया के समस्त विश्वविद्यालयों के प्रत्येक विभाग में अध्ययन कराया जाना चाहिए और मोदी जी के दृष्टिकोण को उजागर किया जाना चाहिए।यह पुस्तक न केवल मोदी जी के व्यक्तित्व के विभिन्न तथ्य प्रस्तुत करती है बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना है।जिससे भावी पीढ़ी संस्कारवान होने के साथ-साथ आत्मनिर्भर हो सके।हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्ति से शिक्षा लेनी चाहिए। यह पुस्तक बड़ा सोचने और सपने देखने के लिए प्रेरित करती है।यह पुस्तक विचार और कार्य की एकता, विदेश नीति, हृदय में भारतीयता वसुदेव कुटुंबकम और ऐसे कई आदर्शों के बारे में बात करती है। जो व्यक्ति स्वयं में जीते थे आज वह समाज और देश के लिए जी रहे हैं। यह पुस्तक उन युवाओं के लिए जरूरी है जो जीवन में बड़ा सपना देखना चाहते हैं और आवश्यक जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहते हैं। हम सभी मोदी जी के व्यक्तित्व से सीख सकते हैं। जिनकी पहुंच अपार है, जिनके लिए पद और पदनाम आवश्यक नहीं है क्योंकि वह खुद को प्रधान सेवक कहते हैं। देश के लिए एक व्यक्ति का समर्पण अतुलनीय है। विदेश नीति के परिप्रेक्ष्य में भारतीय राजनय को मोदी डिप्लोमेसी अर्थात मोदी की कूटनीति के नाम से जाना जाता है। इसी के चलते पड़ोसी राष्ट्रों को प्राथमिकता एवं महाशक्तियों के साथ आत्मीयता है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी अर्थात पूर्व की ओर सक्रियता की नीति से दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों से निकटता बढ़ी है। शिक्षा से शोध और विद्या से बोध के आग्रही मोदी जी स्वच्छ,स्वस्थ, सुविज्ञ,समृद्ध, सशक्त और समर्थ भारत के शिल्पी हैं। मोदी जी अपने गुणों और राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं। वह राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत और संविधान को हमारे राष्ट्र के सर्वोच्च मार्गदर्शक के रूप में मानते हैं इस देश को सभी मोर्चों पर उत्कृष्ट बनाने और देश को विश्व गुरु बनाने के लिए उनका नेतृत्व हमारे विचारों और कार्यों में हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।
                 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफ़ेसर प्रभा शंकर शुक्ला (माननीय कुलपति नॉर्थ ईस्ट एंड हिल यूनिवर्सिटी शिलांग) द्वारा अपने उद्बोधन में व्यक्तित्व विकास में युवाओं के लिए मोदी के दर्शन और दृष्टिकोण को आवश्यक बताया उन्होंने कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय सुरक्षा, बुनियादी ढांचा और मानव विकास जैसे कई विषयों पर भारत की सफलता की सराहना करते हुए मोदी जी की प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर राजकुमार आचार्य (माननीय कुलपति अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा) ने अपने उद्बोधन में कहां की मोदी जी का व्यक्तित्व एक व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि दर्शन के रूप में पहचाना जाना चाहिए। मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था के एक ट्रांसफार्मर हैं, एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने की पुरजोर कोशिश कि, उनका एक दृष्टिकोण है। इस पुस्तक के माध्यम से मोदी के जीवन का विश्लेषण करना अर्थात संपूर्ण रामायण को समझने के लिए केवल सुंदरकांड का अध्ययन करने जैसा है। 
                 विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित प्रोफ़ेसर गोविंद पांडेय (अधिष्ठाता मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश) गोरखपुर द्वारा अपने उद्बोधन में मोदी जी के 2001 के गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर उनके जीवन को 2022 तक रेखांकित किया। प्रधानमंत्री के रूप में गिनती किसी का भी योगी से कम नहीं है। चाहे राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के रूप में यह राज्य के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो सौंपे गए कार्य को निष्ठा के साथ करते हैं। 'हम नहीं मैं, व्यक्ति से पहले पार्टी और पार्टी से पहले देश उनकी जीवन और विचारधारा का आदर्श बन जाता है। मैं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से संबंधित हूं इसलिए देश को प्रौद्योगिकी की अगुवाई में ले जाने के प्रधानमंत्री के दृष्टि को लेकर मैं खुशी से सराहना कर सकता हूं। अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, रूस और अन्य यूरोपीय देशों के विश्व नेताओं के साथ अपने बयान और व्यक्तिगत संपर्क और रिपोर्ट के एक सख्त वार्ता के रूप में मोदी ने खुद को एक सच्चे विश्व नेता के रूप में स्थान दिया है। जब दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी तब मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत में न केवल सफल टीकों का उत्पादन किया बल्कि हर भारतीय को टीकाकरण दिया। भारत ने टीकाकरण और अन्य देशों को दवाओं और टीकों की आपूर्ति का विश्व रिकॉर्ड बनाया। 
              परिचर्चा में भाग लेते हुए प्रोफेसर ए.के. शुक्ला (अधिष्ठाता पृथ्वी विज्ञान) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मोदी के नेतृत्व में 336 सीटें जीतकर वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी जीत को रेखांकित किया। यह प्रचंड बहुमत घोटालों, भ्रष्टाचार और कुशासन के प्रतिशोध में दिया गया था। प्रोफेसर शुक्ला ने रेलवे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धि पर प्रकाश डाला जहां मोदी सरकार के पहले वर्ष में सामान्य प्रदूषण करने वाले शौचालयों को जैव शौचालय में  बदल दिया गया था। विमुद्रीकरण ने उच्च मूल्य वाली मुद्राओं को खत्म कर दिया और डिजिटल धक्का दिया और डिजिटल भुगतान दैनिक जीवन का आदर्श बन गया इसने कर कवरेज को भी बढ़ाया है, जिससे उच्च कर राजस्व प्राप्त हुआ जीएसटी जैसे सुधार, अनुच्छेद 370 को खत्म करके जम्मू कश्मीर के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाना और राम मंदिर मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना जाना शुरुआती दौर में मोदी सरकार के मील के पत्थर माने जा सकते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे कई कल्याणकारी कार्यक्रम ने मोदी जी के विजन को उजागर किया है।
               प्रोफेसर आलोक श्रोत्री अधिष्ठाता अकादमिक ने अपने विचार विमर्श में पुस्तक और मोदी के व्यक्तित्व की सराहना कि। उनके अनुसार 'हम ना केवल 20 साल की सार्वजनिक सेवा बल्कि उससे 30 साल पहले की मोदी की शानदार यात्रा को याद करने के मोड़ पर खड़े हैं।' मोदी पर पुस्तक राष्ट्र को एक संदर्भ सामग्री के रूप में सेवा प्रदान करेगी जो भविष्य में प्रवचन, बहस और विचार विमर्श को आकर्षित करेगी मोदी 20 किताब को पांच खंडों और 22 अध्याय में बांटा गया है।
                    कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रोफेसर अनुपम शर्मा (विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान एवं मानवाधिकार) ने अपने स्वागत भाषण में पुस्तक के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री का सुशासन नागरिक उन्मुख है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मोदी जी की विदेश नीति से लेकर घरेलू नीति तक के विविध आयाम कुशल एवं दक्ष दिख रहे हैं। कोरोनावायरस के दौरान भी माननीय मोदी जी ने अदम्य साहस और एक कुशल न केवल व्यक्ति के रूप में बल्कि एक दर्शन के रूप में जोर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ एक घरेलू नाम नहीं है बल्कि वह हर भारतीय के दिल में रहते हैं कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई। कार्यक्रम का समापन आयोजन समिति के सदस्य प्रोफ़ेसर जितेन्द्र मोहन मिश्रा द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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