(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र एवं छत्तीसगढ़ शासन के बीच नवसृजित गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिला के निवासियों के कौशल प्रशिक्षण तकनीक उन्नयन तथा व्यापार उन्नति हेतु एक हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव तथा छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जिलाधिकारी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस समझौता ज्ञापन को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया जिससे कौशल विकास द्वारा रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस समझौता ज्ञापन से न सिर्फ विश्वविद्यालय के हित में कार्य होगा बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों के उन्नयन की गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन पूरा सहयोग करेगा।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय वनस्पतियों की विविध प्रजातियों से भरा हुआ है। इस अंचल के निवासी पेड़-पौधे और दुर्लभ जीव-जंतुओं एवं औषधियों के जानकार हैं। उनका विश्वविद्यालय के साथ संपर्क संवाद होने से न सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा। यह समझौता ज्ञापन मानव कल्याण रूपी यज्ञकुण्ड में विशिष्ट आहुति तुल्य है। इससे कौशल विकास एवं नवाचार की प्रक्रिया को गति मिलेगी।"
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक प्रो.आशीष माथुर द्वारा इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा तथा व्यापार कौशल, स्थानीय उत्पादों के प्रमाणीकरण एवं विपणन के क्षेत्र में उठाया गया एक बड़ा कदम बताया।ये एम ओ यू पेंड्रा में हुआ है,जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारीगण पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस समझौता ज्ञापन को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया जिससे कौशल विकास द्वारा रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस समझौता ज्ञापन से न सिर्फ विश्वविद्यालय के हित में कार्य होगा बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों के उन्नयन की गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन पूरा सहयोग करेगा।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय वनस्पतियों की विविध प्रजातियों से भरा हुआ है। इस अंचल के निवासी पेड़-पौधे और दुर्लभ जीव-जंतुओं एवं औषधियों के जानकार हैं। उनका विश्वविद्यालय के साथ संपर्क संवाद होने से न सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा। यह समझौता ज्ञापन मानव कल्याण रूपी यज्ञकुण्ड में विशिष्ट आहुति तुल्य है। इससे कौशल विकास एवं नवाचार की प्रक्रिया को गति मिलेगी।"
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक प्रो.आशीष माथुर द्वारा इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा तथा व्यापार कौशल, स्थानीय उत्पादों के प्रमाणीकरण एवं विपणन के क्षेत्र में उठाया गया एक बड़ा कदम बताया।ये एम ओ यू पेंड्रा में हुआ है,जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारीगण पहुंचे थे।
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