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टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष पार्टियों की तमाम समितियां फॉर्मेलिटी तक रही सीमित

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव एवं नगरीय निकाय चुनाव विधानसभा 2023 के पूर्व का सेमीफाइनल चुनाव है इसका सीधा असर विधानसभा 2023 के चुनाव में देखने को मिलेगा।भाजपा की आपसी खींचातानी के कारण जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं में टिकट वितरण के बाद व्यापक आक्रोश एवं असंतोष व्याप्त है।चुनाव के पूर्व बड़े-बड़े नेताओं के बयान की पार्टियां परिवारवाद से दूर रहेंगी और सर्वे के आधार पर टिकट का वितरण किया जाएगा लेकिन देखा गया की परिवारवाद एवं बिना किसी सर्वे के टिकट का वितरण भाजपा ने कर दिया।जिसका खामियाना भी आने वाले समय में भोगना पड़ेगा।भारतीय जनता पार्टी का इतिहास गवाह है अनूपपुर जिले में कि कितनी भी गुटबाजी पार्टी के अंदर क्यों ना हो चुनाव के समय सब एकजुट हो जाते थे।लेकिन लगभग कुछ वर्षों से भाजपा की रीति नीति पूरी तरह से बदल गई नए-नए लोग जो कभी कांग्रेस के रीति रिवाज नीतियों पर चलते थे वह भारतीय जनता पार्टी में आकर भाजपा के रीति रिवाज नीतियों को बदलने का कार्य प्रारंभ कर दिए।नगर पालिका के चुनाव में देखा गया कि भारतीय जनता पार्टी के पुराने जमीनी कार्यकर्ताओं की खुलेआम उपेक्षा की गई और कांग्रेस से भाजपा में आए लोगों को नगरपालिका अनूपपुर की टिकट से उपकृत कर दिया गया।जबकि सच्चाई यह है की भाजपा में जिंदगी भर काम करने वाले वफादार कार्यकर्ताओं की पूरी तरह से उपेक्षा की गई और नए चेहरों को सामने लाकर पुराने लोगों में निराशा की भावना पैदा करने का कार्य पार्टी के तथाकथित लोगों द्वारा किया गया। जिसका खामियाना भी निकट भविष्य में पार्टी को भुगतना पड़ेगा फिर जिम्मेदारी तय होगी जब तक काफी देर हो चुकी होगी।उसका सीधा असर 2023 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।

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