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समाज को एकता के सूत्र में बांधने आदि गुरु शंकराचार्य ने की चार मठों की स्थापना एकात्म पर्व पखवाड़ा संपन्न

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप पूरे प्रदेश में आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन को जन जन तक पहुँचाने के लिए उनकी जन्म जयंती पर 6 मई से लेकर 12 मई तक एकात्म पर्व पखवाड़े का आयोजन प्रदेश के 313 विकाशखण्ड में किया गया।इसी क्रम में जिले में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के कुशल मार्गदर्शन में जिले के चारों विकाशखण्डो में एकात्म पर्व का आयोजन किया गया।जिले के पुष्पराजगढ़ विकाशखण्ड मे 12 मई कोआदि गुरु शंकराचार्य जयंती पखवाड़े के उपलक्ष्य में एकात्म पर्व का आयोजन ग्राम पंचायत भवन किरगी राजेन्द्रग्राम में किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुष्पराजगढ़ एस डी एम  अभिषेक चौधरी (आई ए एस),प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ नागेंद्र सिंह सहायक प्राध्यापक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक, आचार्य राजेंद्र तिवारी अनूपपुर,सुदामा सिंह सिंग्राम पूर्व विधायक पुष्पराजगड, वरिष्ठ पत्रकार मनोज द्विवेदी उपस्थित रहे।कोतमा विकाशखण्ड में 8 मई
को नगर पालिका परिषद सभागार कोतमा में एकात्म पर्व का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता पँडित अजय शुक्ला,वाल्मीक तिवारी,मुनेश्वर पाण्डेय रहे।जैतहरी विकासखंड में आदि गुरु शंकराचार्य जी के प्रकटोत्सव के तहत मनाए जा रहे पखवाड़े में एकात्म पर्व का आयोजन 12 मई को किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पंचायत जैतहरी कीअध्यक्ष श्रीमती नवरत्नी विजय शुक्ला, प्रमुख वक्ता के रूप में चिंतक एवं विचारक सुरेन्द्र भदौरिया अनूपपुर,वरिष्ठ पत्रकार मनोज द्विवेदी ,पुष्पेंद्र नामदेव ,राजेन्द्र तिवारी,नरेश नापित आदि उपस्थित रहे। फत्ते सिंह एकात्मक पर्व के विकास खंड स्तरीय सभी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और साथ ही स्थानीय प्रबुद्धजन,सामाजिक कार्यकर्ता, प्रस्फुटन समिति सदस्य ,बी एस डब्लु छात्र,,स्वयं सेवी संगठन प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।सभी जगह वक्ताओं ने आचार्य शंकर के जीवन व दर्शन विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति के अविरल प्रवाह को सशक्त रूप से प्रवाह मान बनाए रखने आदि शंकराचार्य जी के कार्य एवं दर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है।अद्वैत दर्शन संपूर्ण विश्व को रंग ,जाति ,लिंग, प्रजाति ,भाषा आदि की विविधताओं से परे एक सूत्र में बांधने का दर्शन है। आदिगुरु शंकराचार्य जी ने भारत को सांस्कृतिक एकता में निबध्य करने का महान कार्य किया है अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर वक्ता सनातन संस्कृत के पुनरुद्धारक एवं सांस्कृतिक एकता के देवदूत आदिशंकराचार्य द्वारा किए गए कार्यों का अनुसरण हम सबको अपने जीवन में करना चाहिए।आचार्य शंकर के बारे में बताया की आचार्य शंकरअद्वैत वेदान्त के प्रणेता, संस्कृत के विद्वान, उपनिषद के ज्ञाता और धर्म प्रचारक थे। उन्होंने लगभग पूरे भारत की यात्रा  कर देश को धार्मिक एकता के सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण कार्य किया आज की वर्तमान पीढ़ी को आचार्य शंकर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की आवश्यकता है।

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