(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर के न्यायालय के द्वारा आरोपी गोपाल प्रसाद कोल पिता तुलाराम कोल उम्र करीब 23 वर्ष निवासी ग्राम सेन्दुरी थाना कोतवाली अनूपपुर जिला अनूपपुर के अपराध क्र 440/19 धारा 304बी, 498ए भादवि में आरोपी को आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य की ओर से मामले की पैरवी लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा की गई।
मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पाण्डेय ने उक्त न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि युवती का विवाह वर्ष 2018 में अभियुक्त के साथ सम्पन्न हुआ था जिसके बाद वह अपने ससुराल ग्राम सेन्दुरी में रहती थी। विवाहित का पति दहेज के एवज में 50 हजार रूपये की नगद राशि की मांग करते हुए उसे परेशान करता था और अनावश्यक रूप से चारित्रिक संदेह को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडित करता था। दिनांक 17-09-2019 को युवती के शरीर में आग लगने के कारण उसे ईलाज हेतु जिला अस्पताल अनूपपुर लाया गया, गंभीर रूप से जले होने के कारण उसे बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल भेजा गया था जहां ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु होने पर पुलिस को तहरीर प्रेषित किये जाने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पंचयातनामा तैयार करते हुए मर्ग कायम कर जांच उपरांत अपराध पंजीब्द्ध करते हुए विवेचना में लिया गया एवं अनुसंधान पश्चात प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां अपराध प्रमाणित पाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पाण्डेय ने उक्त न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि युवती का विवाह वर्ष 2018 में अभियुक्त के साथ सम्पन्न हुआ था जिसके बाद वह अपने ससुराल ग्राम सेन्दुरी में रहती थी। विवाहित का पति दहेज के एवज में 50 हजार रूपये की नगद राशि की मांग करते हुए उसे परेशान करता था और अनावश्यक रूप से चारित्रिक संदेह को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडित करता था। दिनांक 17-09-2019 को युवती के शरीर में आग लगने के कारण उसे ईलाज हेतु जिला अस्पताल अनूपपुर लाया गया, गंभीर रूप से जले होने के कारण उसे बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल भेजा गया था जहां ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु होने पर पुलिस को तहरीर प्रेषित किये जाने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पंचयातनामा तैयार करते हुए मर्ग कायम कर जांच उपरांत अपराध पंजीब्द्ध करते हुए विवेचना में लिया गया एवं अनुसंधान पश्चात प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां अपराध प्रमाणित पाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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