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जिले के स्वास्थ्य विभाग को मिली बड़ी उपलब्धि 50 बेड के क्रिटिकल यूनिट बनाए जाने केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) राज्य प्रबंधन समिति सदस्य रेडक्रॉस सोसायटी जिला अनूपपुर विवेक कुमार बियानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा दुर्घटना से हो रही मौत को रोके जाने के लिए अभियान के माध्यम से तरह-तरह के सर्वे का कार्य पूर्व में कराया गया था।जिसमें प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां आए दिन दुर्घटनाओं की वजह से अच्छी व्यवस्था ना मिल पाने के कारण लोगों की मौत अधिक मात्रा में होना पाया गया। जिसे सर्वे के आधार पर मध्यप्रदेश के अंतिम छोर का जिला अनूपपुर भी शामिल था।जहां विगत वर्षों में दुर्घटना के माध्यम से प्रदेश भर में मौत के आंकड़े अधिक मात्रा में पाए गए जिसे रोके जाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रतिवेदन भेज कर मांग की गई थी कि ऐसे जिले जहां दुर्घटना के कारण एमरजेंसी सुविधा न मिल पाने की वजह से लोगों की मौत हो जाती है उन जिलों में क्रिटिकल यूनिट एमरजेंसी चिकित्सा के माध्यम से दुर्घटना के पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल राहत एवं सुविधा देते हुए लोगों का जान बचाया जा सके।

50 बेड के क्रिटिकल यूनिट      
को केंद्र से मिली हरी झंडी


राज्य प्रबंधन समिति सदस्य रेडक्रॉस सोसायटी जिला अनूपपुर विवेक कुमार बियानी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने अनूपपुर जिले को 50 बेड के क्रिटिकल यूनिट एमरजेंसी चिकित्सा व्यवस्था शीघ्र तैयार किए जाने की हरी झंडी दे दी गई है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस. सी. राय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक उक्त क्रिटिकल यूनिट बनाए जाने के लिए केंद्रीय दल के द्वारा स्थान निरीक्षण का कार्य कर लिया गया है, कुछ प्रशासनिक प्रक्रिया जो जिला प्रशासन के माध्यम से की जानी है को पूरा करने के बाद तत्काल एमरजेंसी क्रिटिकल यूनिट का कार्य प्रभावी गति से चालू कर दिया जाएगा।

गम्भीर मरीजों 
को मिलेगा लाभ


राज्य प्रबंधन समिति सदस्य रेडक्रॉस सोसायटी जिला अनूपपुर विवेक कुमार बियानी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस.सी.राय ने बताया कि अनूपपुर जिला मध्यप्रदेश के अंतिम छोर का जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां गरीब तबके के लोग निवास करते हैं जो एमरजेंसी चिकित्सा के लिए सक्षम न होने के कारण वहां तक नहीं पहुंच पाते और लोगों की मौत हो जाती है। वैसे भी चिकित्सा व्यवस्था तत्काल दिलाए जाने हेतु यहां के मरीजों को बिलासपुर छत्तीसगढ़ या जबलपुर भेजा जाता था।जो दूर होने की वजह से वहां पहुंचते तक लोगों की जान चली जाती थी।

कलेक्टर सीएमएचओ की 
मेहनत का रहा परिणाम

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिला प्रशासन के माध्यम से भी सर्वे कराकर मध्यप्रदेश शासन को अवगत कराया था कि अनूपपुर जिले में एमरजेंसी चिकित्सा सुविधा हेतु यूनिट प्रारंभ कर दी जाए तो निश्चित तौर पर लोगों का तत्काल उपचार मिलने के कारण जान बच सकेगी और दुर्घटनाओं में कमी आ सकेगी।उन तमाम दस्तावेजों का निरीक्षण कराने के बाद केंद्र सरकार द्वारा अनूपपुर जिले के लिए 50 बेड के क्रिटिकल यूनिट प्रारंभ किए जाने हेतु कई करोड़ रुपए की लागत का पैकेज बनाकर तत्काल चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने हेतु राशि आवंटित यह जाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।जिससे आमजन को भरपूर लाभ मिल सके फिजिकल यूनिट होने के कारण वहां केवल इमरजेंसी मरीजों का ही उपचार किया जाएगा जिससे दुर्घटना के कारण हो रही मौतों में कमी आ सकेगी।

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