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अंचलधारा
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मंत्री एवं प्रभारी मंत्री में 36 का आंकड़ा प्रभावित हो रहे हैं विकास के कार्य रुक गया अनूपपुर का विकास

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) शहडोल संसदीय क्षेत्र का दुर्भाग्य किसी से छिपा नहीं है।दमदार सांसद नहीं मिलने से केंद्र की तमाम योजनाओं पर ग्रहण लग गया जो था वह भी छिन गया।उसी प्रकार अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र का हाल है यहां के विधायक बिसाहूलाल सिंह जोकि मध्यप्रदेश शासन में मंत्री पद पर सुशोभित है।लेकिन कुछ ऐसा दुर्भाग्य है कि यहां पर प्रदेश के मुखिया ने जिसे प्रभारी मंत्री बना कर भेजा हैं मीना सिंह को उनका मंत्री बिसाहूलाल सिंह के साथ 36 का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है।प्रभारी मंत्री जिले को अपने तरीके से चलाना चाहती है वही विधायक होने के नाते मंत्री अपने हिसाब से जिले को चलाना चाहते हैं।अधिकारी असमंजस की स्थिति में आ जाते हैं परिणाम यहां के विकास कार्य ठप्प से पड़ गए हैं।वर्षों से जमे अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है क्योंकि गणित प्रभारी मंत्री के पाले में होने के कारण क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री की नहीं चल पा रही है।उसके कारण भी अव्यवस्था का आलम पूरे जिले में छा गया है।जो मंत्री चाहते हैं वह प्रभारी मंत्री नहीं चाहती और ऐसा नहीं है कि प्रदेश के मुखिया को दोनों के बीच का 36 का आंकड़ा पता नहीं है लेकिन उसके बावजूद अनूपपुर जिले का दुर्भाग्य है की प्रभारी मंत्री में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।जिसके कारण अनूपपुर प्रदेश का आखिरी जिला है और वह अपने आखिरी पायदान पर केवल खड़ा है विकसित नहीं हो पा रहा।अगर यही हाल रहा तो अनूपपुर किस पायदान पर चला जाएगा यह आने वाला वक्त बताएगा।

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