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अमृत सरोवर के तहत वृहद स्वरूप की परिणाम संयोजित 100 जल संग्रहण संरचनाओं का होगा निर्माण-हर्षल पंचोली

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत वृहद स्वरूप की परिणाम संयोजित जल संग्रहण संरचना अमृत सरोवरों का निर्माण आगामी एक वर्ष में यानि मार्च 2023 तक किया जाएगा जिसमें सृजित जल भण्डारण क्षमता का उपयोग सिंचाई, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन एवं अन्य प्रायोजनों के लिए सुनिश्चित किया जा सकेगा। जिले में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के मार्गदर्शन में व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली के नेतृत्व में जिले में 100 जल संग्रहण संरचना का निर्माण किया जाना है। अमृत सरोवरों का निर्माण महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत अनुमत्य होने के कारण मूल रूप से इस योजना से किया जायेगा, परन्तु सामग्री एवं मषीनों के उपयोग हेतु वित्तीय नियोजन के लिए अन्य तत्सम शासकीय योजनाओं तथा वित्तीय स्त्रोतों जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, 15 वें वित्त आयोग की राषि, कारपोरेट सोषल रिस्पोंसबिलिटी (सी.एस.आर.), सांसद, विधायक निधि इत्यादि से अभिसरण भी किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जनभागीदारी हेतु उन ग्रामीणों से योगदान भी लिया जा सकेगा, जो संरचना का निर्माण होने से जल भण्डारण क्षमता सृजित होने पर लाभ प्राप्त करेंगे। 

स्थल चयन 
मापदण्ड


जिले में निम्न तकनीकी मापदण्डों और विषिष्टताओं को ध्यान में रखकर जल संग्रहण संरचना अमृत सरोवर के विकल्प तालाब अथवा चेकडेम अथवा स्टाप डेम का निर्धारण और स्थल का चयन किया जायेगा, जिसका निर्माण करने पर संरचना की जल भण्डारण क्षमता न्यूनतम 10 हजार घनमीटर या इससे अधिक हो। जल निकासी नाली का क्रम, कैचमेन्ट और निर्माण स्थल में भूमिगत संस्तर के गुणधर्म, कैचमेन्ट का क्षेत्रफल, वर्षा की माप, रन ऑफ, टोपोग्राफी एवं ढाल, जल निकासी नाली की चौड़ाई और गहराई के संबंध में निर्देष दिये गये हैं। 

जल उपयोगकर्ता 
समूहों का होगा गठन


जल संग्रहण संरचना अमृत सरोवर की प्रत्येक संरचना के लिए जल उपयोगकर्ता समूह का गठन किया जायेगा। समूह में उन कृषकों अथवा हितग्राहियों को शामिल किया जायेगा, जो इन संरचनाओं के निर्माण होने के बाद जल संग्रहण क्षमता सृजित होने पर इससे सिंचाई सुविधा से कृषि उत्पादन, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन एवं अन्य प्रायोजनों के रूप में लाभ प्राप्त करेंगे। प्रत्येक प्रायोजन हेतु पृथक-पृथक जल उपयोगकर्ता समूहों का गठन किया जायेगा। 
     समूहों के सदस्यों का अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। जल उपयोगकर्ता समूहों में महिलाओं को अधिक से अधिक भागीदारी दी जायेगी। मत्स्य उत्पादन अथवा सिंघाड़ा उत्पादन हेतु ग्रामीण आजीविका मिषन के ग्राम संगठन द्वारा अनुषंसित स्वसहायता समूह को मान्य किया जायेगा। जल उपयोगकर्ता समूहों के प्रमुख दायित्वों में जल संग्रहण संरचना निर्माण कार्य में श्रम, सामाग्री, मषीन अथवा धनराषि के रूप में योगदान तथा संरचना के आय का अर्जन, वार्षिक वाटर ऑडिट का दायित्व भी शामिल है। 

गुणवत्ता, नियंत्रण 
एवं अनुश्रवण


अमृत सरोवर जल संग्रहण संरचना के विस्तृत डी.पी.आर., तकनीकी विवरण, परिणामों तथा हितग्राहियों के विवरण, वित्तीय संसाधनों तथा जनभागीदारी का विवरण, तकनीकी, प्रषासकीय स्वीकृति, क्रियान्वयन, एजेन्सी तथा गुणवत्ता, नियंत्रण एवं अनुश्रवण व समय-सीमा के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देष जारी किये गये हैं।

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