(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों भूपेन्द्र नकवाल महोदय के न्यायालय द्वारा थाना भालूमाडा के अपराध क्र 244/21 धारा 376, 376डी भादवि और पॉक्सों एक्ट तथा एससी/एसटी एकट में आरोपी मो. शिब्बू मुसलमान खजूर चौक फुनगा थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त किया है। आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए मामले में सहा. जिला अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी द्वारा शासन की ओर से अपना पक्ष रखा।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि घटना दिनांक को पीडिता जो कि 14 वर्ष की थी तथा कक्षा आठवी में पढती थी अपने नाना की दुकान मे बैठी थी तभी वहा शिब्बू मुसलमान आया और उसका हाथ पकडकर जबरजस्ती अपने घर ले जाने लगा पीडिता चिल्लाई तो आरोपी का दूसरा साथी भी आ गया दोनों ने मिलकर एक कमरे में बारी-बारी से पीडिता के साथ दुष्कर्म किया।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नही किया है, प्रार्थी अपने परिवार का जिम्मेदार व्यक्ति है एवं उसका परिवार उसी की आय से पलता है वह इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है, आरोपी के विरूद्व चार साक्षियों ने कोई बयान नही दिया है।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि आरोपी की बेटी के पक्षविरोधी हो जाने से आरोपी को जमानत का लाभ नही दिया जा सकता क्योंकि प्रकरण में अभी कई अन्य महत्वपूर्ण साक्षियों के साक्ष्य होना शेष है, अपराध गंभीर प्रकृति का है, जमानत का लाभ दिये जाने पर वह प्रकरण के अन्य साक्षियों के साक्ष्य को प्रभावित करेगा अत: जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने सहा. जिला अभियेाजन अधिकारी राजगौरव तिवारी के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि घटना दिनांक को पीडिता जो कि 14 वर्ष की थी तथा कक्षा आठवी में पढती थी अपने नाना की दुकान मे बैठी थी तभी वहा शिब्बू मुसलमान आया और उसका हाथ पकडकर जबरजस्ती अपने घर ले जाने लगा पीडिता चिल्लाई तो आरोपी का दूसरा साथी भी आ गया दोनों ने मिलकर एक कमरे में बारी-बारी से पीडिता के साथ दुष्कर्म किया।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नही किया है, प्रार्थी अपने परिवार का जिम्मेदार व्यक्ति है एवं उसका परिवार उसी की आय से पलता है वह इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है, आरोपी के विरूद्व चार साक्षियों ने कोई बयान नही दिया है।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि आरोपी की बेटी के पक्षविरोधी हो जाने से आरोपी को जमानत का लाभ नही दिया जा सकता क्योंकि प्रकरण में अभी कई अन्य महत्वपूर्ण साक्षियों के साक्ष्य होना शेष है, अपराध गंभीर प्रकृति का है, जमानत का लाभ दिये जाने पर वह प्रकरण के अन्य साक्षियों के साक्ष्य को प्रभावित करेगा अत: जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने सहा. जिला अभियेाजन अधिकारी राजगौरव तिवारी के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
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