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अनुभूति कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के प्रति किया गया जागरूक

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश वन विभाग की शाखा मध्यप्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला अनुभूति कार्यक्रम अनूपपुर वन मंडल के अनूपपुर परिक्षेत्र के छीरपटपर  नामक प्राकृतिक स्थल पर बकान नदी के किनारे आयोजित किया गया।
अनुभूति कार्यक्रम स्कूली बच्चों को पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
अनुभूति कार्यक्रम में अनूपपुर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि अनूपपुर के लोग भाग्यशाली हैं कि इतने हरे भरे जंगल और नदियों वाले जिले में उनका जन्म हुआ।उन्होंने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण में उनकी क्या भूमिका है इस पर भी जोर दिया।बच्चों को खूब मेहनत करके पढ़ाई करने और देश का अच्छा नागरिक बनने हेतु प्रेरित किया। अनूपपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने बच्चों को आत्मविश्वास और तनावमुक्त रहकर आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया।
अनूपपुर वनमण्डलाधिकारी डॉ.ए.एन.अंसारी ने बच्चों को अनुभूति कार्यक्रम का उद्देश्य बताया और प्रकृति संरक्षण में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।दिनांक 07/01/2022 को आयोजित कार्यक्रम में विद्यालयों के 120 छात्र शामिल हुए। 
कार्यक्रम की शुरुआत जंगल भ्रमण से हुई जहां मास्टर ट्रेनर संजय पयासी,ललित पाण्डेय एवं शशिधर अग्रवाल द्वारा बच्चों को तितली,पक्षी, जंगली जानवर,दीमक,मिट्टी, नदी ,पहाड़, पटपड़ ज़मीन  और इकोसिस्टम में शामिल सभी कड़ियों की भूमिका पर विस्तार से बात हुई।बच्चों के साथ ट्रेकिंग करते हुए बकान नदीं के किनारे वनदेवी और ठाकुर बाबा का आह्वान किया गया।बच्चों ने दुनिया को कोरोना मुक्त करने के लिए वनदेवी से प्रार्थना भी की।
बच्चों ने नदी और जंगल कैसे एक दूसरे पर निर्भर हैं और उनका संरक्षण क्यों जरूरी है इस बात को अच्छे से जाना।वन विभाग मिट्टी का कटाव कैसे रोकता है,पौधारोपण कैसे करता है, शिकार और अवैध कटाई एवं जंगल में आग लगने पर कैसे नियंत्रण पाता है इस पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
बच्चों ने लगभग 4 किमी जंगल का भ्रमण किया।उन्हें जंगल में पनकौआ, बैबलर,हरियल और हुदहुद और कोतवाल पक्षी विशेष रूप से दिखाई दिए।
बच्चों को विषैले साँपों और उनकी इकोसिस्टम में भूमिका पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
बच्चों ने दुर्लभ पेड़ो की प्रजातियां और उनकी उपयोगिता भी जानी।बच्चों ने दहिमन, तिनसा, बीजा, अमलतास, धवा,गूलर,जामुन,तेंदू,गुंजा,चिरौंजी, बरगद,जैसे पेड़ो की कहानियां भी सुनी।बीजों के विकीर्णन में पशु पक्षियों की क्या भूमिका है,जंगल की मिट्टी अधिक उपजाऊ कैसे होती है इसे प्रैक्टिकल क्लासरूम यानी जंगल में ही जाना।
मनुष्य कैसे प्रकृति का विनाश कर रहा है और कैसे इसे रोका जा सकता है इस बारे में सभी ने अपनी बात रखी।
अनुभूति कार्यक्रम में जंगल भ्रमण के पश्चात भोपाल के मालू भट्ट द्वारा कठपुतली का नाच भी हुआ।बच्चों ने प्रश्नोत्तर और कविता एवं भाषण आदि कार्यक्रमों में सहभागिता की और पुरस्कृत भी हुए।
अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन अनूपपुर वन मंडलाधिकारी डॉ.ए. एन.अंसारी के निर्देशन में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।
वन परिक्षेत्राधिकारी पंकज शर्मा 'तरुण' ने अनुभूति कार्यक्रम के विशेष रूप से लिखे दोहे सुनाकर आए सभी अथितियों का आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर अखिल पटेल,वन मंडलाधिकारी अनूपपुर डॉ.ए.एन. अंसारी, उप वन मंडलाधिकारी अनूपपुर के.बी.सिंह,सेवानिवृत्त वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर ललित पांडेय, पर्यावरणविद एवं मास्टर ट्रेनर संजय पयासी, वन्यजीव संरक्षक एवं मास्टर ट्रेनर शशिधर अग्रवाल, वन परिक्षेत्र अधिकारी अनूपपुर पंकज कुमार शर्मा के साथ परिक्षेत्र सहायक अनूपपुर संतोष श्रीवास्तव, परीक्षेत्र सहायक फुनगा रमेश प्रसाद पटेल के साथ वन परिक्षेत्र अनूपपुर के समस्त वनरक्षक, सुरक्षा श्रमिको के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सकरा की चिकित्सा टीम एवं विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों की उपस्थिति गरिमामयी रही।

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