(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) लिटिल स्टेप्स स्कूल में 108 गायत्री मंत्रों के साथ हवन कर नववर्ष मनाया गया।पूजा के दौरान बच्चों ने एक-एक कर हवन किया। और सरस्वती देवी से प्रार्थना की कि नए साल में सब कुछ खुश और सकारात्मक रहे।
नव वर्ष के अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति ने अपने बच्चों को नवनिर्मित खेल मैदान की सौगात दी और उद्घाटन के रूप में इस खेल के मैदान में हवन की व्यवस्था की गई थी।
बच्चों ने हाथ जोड़कर और आंखें बंद करके देवी सरस्वती का ध्यान किया और हवन करते हुए गायत्री मंत्र का जाप किया।पंडित जी ने बच्चों को गायत्री मंत्र का अर्थ समझाया और बच्चों को हवन के वैज्ञानिक लाभ भी बताए।उन्होंने बताया कि हवन हमारे पर्यावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक तरीका है।
पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता असिस्टेंट अध्यापिका नूपुर मंडल ने की एवं बताया कि बच्चे हवन करके कितने उत्साहित एवं ऊर्जावान महसूस कर रहे थे।बच्चों में एक नया संस्कार, एक नई सोच, एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और वह आने वाले परीक्षाओं एवं समय के लिए तैयार हुए।
प्रिंसिपल अंजली मिश्रा ने बताया की हवन को कोई धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि उसके पीछे की विज्ञान को समझने की जरूरत हैl जिसका उन्होंने उदाहरण कुछ इस प्रकार दिया की हमारा विज्ञान लंगड़ा है और धर्म अंधा, और अगर यह दोनों एक दूसरे को समझ कर एवं हाथ मिला कर चलें तो आने वाली पीढ़ी निश्चय ही एक विश्व गुरु भारत की रचना करेगी।
प्रिंसिपल अंजली मिश्रा ने कार्यक्रम के इतने विशाल तरीके से संपन्न होने का सारा श्रेय लिटिल स्टेप्स स्कूल के बच्चों एवं सभी स्टाफ, हेड मिस्ट्रेस मंजूलता सिंह, अर्चना द्विवेदी, जागृति रैकवार, के संतोषी यादव, रूपाली पांडे, नूपुर मंडल, अंकिता पांडे, अपेक्षा शुक्ला, उषा पटेल, प्रभात सिंह, अंकित पाल, रविंद्र सिंह और मैनेजर प्रशांत अग्रहरी को दिया।मैनेजर प्रशांत अग्रहरी ने बताया की आज के इस युग में संस्कार बच्चे के जीवन में बहुत ज्यादा महत्व रखते हैंl क्योंकि अब बच्चे का बाहर पढ़ने जाना, बाहर जॉब करना या घर से दूर रहना एक आम बात है और जिससे कि बच्चे के व्यक्तित्व में बहुत सारे अच्छे और बुरे बदलाव आते हैं। और छोटी सी उम्र से इसीलिए संस्कार देना अति आवश्यक है क्योंकि मम्मी पापा हमेशा बच्चे के साथ नहीं रह सकते लेकिन उनके द्वारा दिए हुए संस्कार बच्चे के साथ हमेशा रहेंगे, दूसरों का सम्मान करना , हमेशा जमीन से जुड़े रहना, समाज के लिए कुछ करना या फिर चाहे बच्चा कैसी भी स्थिति का सामना कर रहा हो हमेशा उसके अंदर आत्मविश्वास बनाकर रखना और उसे हमेशा ही उठ खड़ा होने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
नव वर्ष के अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति ने अपने बच्चों को नवनिर्मित खेल मैदान की सौगात दी और उद्घाटन के रूप में इस खेल के मैदान में हवन की व्यवस्था की गई थी।
बच्चों ने हाथ जोड़कर और आंखें बंद करके देवी सरस्वती का ध्यान किया और हवन करते हुए गायत्री मंत्र का जाप किया।पंडित जी ने बच्चों को गायत्री मंत्र का अर्थ समझाया और बच्चों को हवन के वैज्ञानिक लाभ भी बताए।उन्होंने बताया कि हवन हमारे पर्यावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक तरीका है।
पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता असिस्टेंट अध्यापिका नूपुर मंडल ने की एवं बताया कि बच्चे हवन करके कितने उत्साहित एवं ऊर्जावान महसूस कर रहे थे।बच्चों में एक नया संस्कार, एक नई सोच, एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और वह आने वाले परीक्षाओं एवं समय के लिए तैयार हुए।
प्रिंसिपल अंजली मिश्रा ने बताया की हवन को कोई धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि उसके पीछे की विज्ञान को समझने की जरूरत हैl जिसका उन्होंने उदाहरण कुछ इस प्रकार दिया की हमारा विज्ञान लंगड़ा है और धर्म अंधा, और अगर यह दोनों एक दूसरे को समझ कर एवं हाथ मिला कर चलें तो आने वाली पीढ़ी निश्चय ही एक विश्व गुरु भारत की रचना करेगी।
प्रिंसिपल अंजली मिश्रा ने कार्यक्रम के इतने विशाल तरीके से संपन्न होने का सारा श्रेय लिटिल स्टेप्स स्कूल के बच्चों एवं सभी स्टाफ, हेड मिस्ट्रेस मंजूलता सिंह, अर्चना द्विवेदी, जागृति रैकवार, के संतोषी यादव, रूपाली पांडे, नूपुर मंडल, अंकिता पांडे, अपेक्षा शुक्ला, उषा पटेल, प्रभात सिंह, अंकित पाल, रविंद्र सिंह और मैनेजर प्रशांत अग्रहरी को दिया।मैनेजर प्रशांत अग्रहरी ने बताया की आज के इस युग में संस्कार बच्चे के जीवन में बहुत ज्यादा महत्व रखते हैंl क्योंकि अब बच्चे का बाहर पढ़ने जाना, बाहर जॉब करना या घर से दूर रहना एक आम बात है और जिससे कि बच्चे के व्यक्तित्व में बहुत सारे अच्छे और बुरे बदलाव आते हैं। और छोटी सी उम्र से इसीलिए संस्कार देना अति आवश्यक है क्योंकि मम्मी पापा हमेशा बच्चे के साथ नहीं रह सकते लेकिन उनके द्वारा दिए हुए संस्कार बच्चे के साथ हमेशा रहेंगे, दूसरों का सम्मान करना , हमेशा जमीन से जुड़े रहना, समाज के लिए कुछ करना या फिर चाहे बच्चा कैसी भी स्थिति का सामना कर रहा हो हमेशा उसके अंदर आत्मविश्वास बनाकर रखना और उसे हमेशा ही उठ खड़ा होने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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