(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) बचपन का वो पल सदैव याद आता है जब सोहागपुर के रियासतदार कुंवर मृगेंद्र सिंह से काफी घनिष्ठ एवं पारिवारिक संबंध थे और उसी संबंधों के चलते 14 अप्रैल 1986 को कैप्टन बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका के विवाह समारोह में 25 अशोक रोड नई दिल्ली में शामिल होने का मुझे भी मौका मिला था।
उक्त आशय के विचार आंखों में आंसू लिए लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने व्यक्त करते हुए कहे।उन्होंने कहा कि साथ साथ जीने का वादा अग्नि के सामने सात फेरे लेकर उन्होंने किया था और ईश्वर की माया कुछ ऐसी थी कि 35 वर्षों के बाद दोनों को साथ साथ इस दुनिया से विदा कर दिया।लोकतंत्र सेनानी मूलचंद्र अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही खबर मिली मेरी आंखें नम हो गई जवाब दे गई।आंखों में 1986 का वह दिन याद आया जब दोनों साथ जीने मरने की कसम खाकर परिणय सूत्र में बंध गए थे वह सीन आज भी आंखों के सामने झलकता है।उन्होंने परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि दोनों ही जोड़ियों को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।
उक्त आशय के विचार आंखों में आंसू लिए लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने व्यक्त करते हुए कहे।उन्होंने कहा कि साथ साथ जीने का वादा अग्नि के सामने सात फेरे लेकर उन्होंने किया था और ईश्वर की माया कुछ ऐसी थी कि 35 वर्षों के बाद दोनों को साथ साथ इस दुनिया से विदा कर दिया।लोकतंत्र सेनानी मूलचंद्र अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही खबर मिली मेरी आंखें नम हो गई जवाब दे गई।आंखों में 1986 का वह दिन याद आया जब दोनों साथ जीने मरने की कसम खाकर परिणय सूत्र में बंध गए थे वह सीन आज भी आंखों के सामने झलकता है।उन्होंने परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि दोनों ही जोड़ियों को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।
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