पंचायत चुनाव की जिला
स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक संपन्न
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2021-22 के पारदर्शी, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए जिला स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक कलेक्टेट स्थित नर्मदा सभागार में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय निर्वाचन सुश्री सोनिया मीना की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नोडल अधिकारी सेन्स हर्षल पंचोली, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी सरोधन सिंह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सुभाष चंद्र ठाकरे एवं सर्व संबंधित जन उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पारदर्शी, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। आयोग द्वारा अभ्यर्थियों, शासकीय सेवकों तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों के लिए पृथक-पृथक आचार संहिता जारी की गई है। इसका कड़ाई से पालन किया जाए। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) सुश्री मीना ने कहा कि आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार जिले में दो चरणों में 28 जनवरी 2022 को पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड तथा 16 फरवरी 2022 को अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी विकासखण्ड में मतदान किया जाएगा। उन्होंने निर्वाचन से संबंधित तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने तथा कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने पर वैधानिक कार्यवाही करने को कहा गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री मीना ने कहा है कि अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा निर्वाचन के दृष्टिगत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं, जिनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर विशेष ध्यान देने तथा कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन हेतु जन जागरूकता करने पर भी चर्चा की गई। बैठक में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करने पर चर्चा की गई।
पंचायत चुनाव से
संबंधित प्रशिक्षण
त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के संबंध में जिले के सभी रिटर्निंग आफीसर एवं सहायक रिटर्निंग आफीसर तथा पुलिस अधिकारियों का संयुक्त प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय निर्वाचन सुश्री सोनिया मीना एवं पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल की उपस्थिति में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में आदर्श आचरण संहिता के अंतर्गत अभ्यर्थियों, राजनैतिक दलों, शासकीय विभागों, पंचायतों व उनके कर्मचारियों के लिए म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के संबंध में अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में अभ्यर्थियों के द्वारा आदर्श आचरण संहिता को दृष्टिगत रख किए जाने वाले सामान्य आचरण, सभाएं एवं जुलूस, शासन और संस्थाओं के वाहनों के चुनाव प्रचार में उपयोग पर प्रतिबंध, निर्वाचन घोषणा पत्र, शासकीय विभागों एवं कर्मियों द्वारा आचरण संहिता के पालन तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा आचरण एवं व्यवहार के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी मास्टर ट्रेनर्स प्राचार्य श्री अजय कुमार जैन, प्राचार्य श्री अजय सिंह चौहान द्वारा दी गई। प्रशिक्षण में बताया गया कि पंचायत निर्वाचन के लिए जारी आदर्श आचरण संहिता राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन तिथि की घोषणा दिनांक से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक प्रभावशील रहेंगे। सभी अभ्यर्थी इस तथ्य से अवगत रहें कि त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन गैर दलीय अधार पर होते हैं तब भी आचार संहिता के प्रावधान राजनैतिक दलों पर सामान्य रूप से लागू होंगे। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्प्रदायिक, दलगत या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। पूजा के किसी भी स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर, गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। प्रषिक्षण में किसी अभ्यर्थी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं किए जाने जिसका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलाप से न हो और न ही ऐसे आरोप लगाए जाने चाहिए जिसकी सत्यता स्थापित न हुई हो। प्रशिक्षण में राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों एवं शासकीय विभागों व कर्मियों तथा त्रिस्तरीय पंचायत के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए लागू आदर्श आचरण संहिता की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में नाम निर्देशन पत्र दाखिला आदि प्रक्रियाओं के संबंध में भी बिन्दुवार जानकारी मास्टर ट्रेनर्स द्वारा उपलब्ध कराई गई तथा शंका-समाधान का निराकरण किया गया।
जिला पंचायत सीईओ ने
पंचायत अमले को दिए निर्देश
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली ने जनपद पंचायत अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 हेतु लागू आदर्श आचरण संहिता का विधिवत् कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने पंचायत के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करने हेतु निर्देशित किया है कि पंचायत कर्मचारियों को चुनाव के दौरान अपना कार्य पूर्ण निष्पक्षता से करना चाहिए और ऐसा कोई आचरण और व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे यह आभास हो कि वे किसी दल या अभ्यर्थी की मदद कर रहे हैं। निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन समाप्ति तक पंचायत के अधीन कोई नियुक्ति या स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए, पंचायत क्षेत्र में किसी भी नये भवन का निर्माण, मौजूदा भवन में संवर्धन या परिवर्तन की अनुज्ञा नहीं दी जानी चाहिए। पंचायत क्षेत्र में किसी प्रकार के व्यवसाय या वृत्ति के लिए नवीन अनुज्ञप्ति नहीं दी जानी चाहिए। केवल पूर्व में प्रदत्त अनुज्ञप्तियों का नवीनीकरण पूर्व की तरह किया जा सकता है। पंचायत क्षेत्र में किसी नयी योजना या कार्य के लिए स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए, वर्तमान सुविधाओं के विस्तार या उन्नयन का कोई कार्य (उदाहरण स्वरूप किसी सड़क को चौड़ा करना या डामरीकृत करना, नालियों को पक्का करना, नल-जल योजना का विस्तार करना, नये हैण्डपंप लगाना, नयी स्ट्रीट लाईट लगाना आदि) स्वीकृत या प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए। पहले से स्वीकृत किसी योजना का कार्य, जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हो, प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए और किसी योजना अथवा जनोपयोगी सुविधा का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिए। किसी संगठन या संस्था को किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कोई सहायता या अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए। पंचायत के खर्च पर ऐसा कोई विज्ञापन अथवा प्रचार सामग्री पैम्पलेट जारी नहीं की जानी चाहिए, जिसमें पंचायत की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिसमें किसी अभ्यर्थी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने में सहायता मिलती हो, पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने वाले, परिवार समूह या व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के अंतर्गत नए हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाना चाहिए।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पंचोली ने निर्देश दिए हैं कि आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने की दशा में ग्राम पंचायतों में प्रगतिरत कार्य यथावत जारी रहेंगे। ऐसे कार्यों से संबंधित भुगतान के लिए ग्राम पंचायतों को खातों का संचालन ग्राम पंचायत सचिव एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक (कलेक्टर) द्वारा नामांकित अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जायेंगे। आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने की अवधि में ग्राम पंचायतों द्वारा कोई भी नवीन हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत अथवा प्रारंभ नहीं किये जा सकेंगे। इस अवधि में मजदूरों द्वारा कार्य की मांग करने पर ’’शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट’’ में शामिल रूपये 10.00 लाख तक की लागत के सामुदायिक कार्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी, (कार्यक्रम अधिकारी) जनपद पंचायत द्वारा स्वीकृत कर प्रारंभ किये जा सकेगें। ऐसा तभी किया जा सकेगा, जब उस पंचायत में चल रहे अथवा अपूर्ण कार्य पर मजदूरों को पर्याप्त अवसर मिलने के बाद भी कार्य के लिए इच्छुक मजदूरों की संख्या स्पष्टतः सामने आये। ऐसे कार्यों के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी जनपद पंचायत रहेगी तथा समस्त भुगतान मुख्य कार्यपालन अधिकरी (कार्यक्रम अधिकारी) जनपद पंचायत द्वारा किया जावेगा। यह व्यवस्था नव निर्वाचित ग्राम पंचायतों के प्रभार में आते ही स्वमेव तत्काल् समाप्त हो जायेगी, किन्तु इस अवधि में जनपद पंचायत द्वारा स्वीकृत सामुदायिक कार्यों को पूर्ण करने का उत्तरदायित्व क्रियान्वयन ऐजेन्सी जनपद पंचायत का ही होगा।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पंचोली ने निर्देश दिए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर उक्तानुसार व्यवस्था जिला एवं जनपद पंचायतों के परिप्रेक्ष्य में भी लागू की जाना चाहिए। किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोडकर, जिसमें कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना आवश्यक हो, निर्वाचन की घोषणा से लेकर निर्वाचन समाप्त होने तक की अवधि के दौरान पंचायत के किसी पदधारी (जैसे कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि) के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनाव दौरा माना जाना चाहिए और ऐसे दौरे में पंचायत के किसी कर्मचारी को उनके साथ न तो रहना चाहिए और न ही शासन अथवा पंचायत के वाहन या अन्य सुविधा का उपयोग किया जाना चाहिए।
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