(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय विशेष न्याायाधीश अनूपपुर जिला अनूपपुर (म.प्र.) के निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम 2000)राजेश कुमार अग्रवाल के न्या्यालय के द्वारा कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्र. 381/16 के आरोपीगण को न्यायालय के द्वारा कारावास की सजा सुनाई गई है।जिसमें कंपनी के चेयरमेन रामनिवास पाल पिता अंगद पाल उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम विजयगढ थाना पवई जिला भिण्ड (म.प्र.) को अधिकतम 10 वर्ष का सश्रम करावास एवं कुल 36 लाख रूपये जुर्माने का दण्डादेश सुनाया गया है।जिसमें आरोपी को धारा 3 म.प्र. निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम के लिए तीन माह का सादा करावास व एक हजार अर्थदण्ड, धारा 6 म.प्र. निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 में एक वर्ष का सादा कारावास एवं एक लाख जुर्माना, धारा 420/120B भादवि के लिए सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच लाख रूपये अर्थदण्ड, धारा 467/120B भादवि के लिए दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस लाख रूपये जुर्माना, धारा 468/120B भादवि के लिए सात वर्ष का सश्रम करावास एवं सात लाख रूपये का अर्थदण्ड, धारा 471/120 बी भादवि के लिए दस वर्ष का सश्रम करावास एवं दस लाख रूपये के अर्थदण्ड का आदेश पारित किया गया है।जेल की सभी सजाये एक साथ चलेगी। इसके अतिरिक्ता आरोपी पंचूलाल प्रजापति पिता स्व. बुदधुराम प्रजापति उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम दुव्वाथर पाली थाना चंदिया जिला उमरिया, रामपाल महरा पिता गोरेलाल महरा उम्र 31 वर्ष निवासी ग्राम पयारी क्र. 1 वार्ड नं. 11 थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर, त्रिवेणी प्रसाद प्रजापति पिता हरिलाल प्रजापति उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम पयारी क्र. 1 वार्ड नं. 11 थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर जो संबंधित कंपनी में एजेंट के रूप में कार्य करते थे जिन्हें न्याायालय ने अधिकतम तीन वर्ष की सजा सुनाई है। प्रकरण में राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक रामनरेश गिरि ने पैरवी की।
न्यायालय द्वारा हुए निर्णय की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि न्यायालय द्वारा अभियुक्त गण द्वारा जमा की गई जुर्माने की राशि सैतीस लाख सन्तावन हजार रूपये में से प्रकरण के प्रभावित हितग्राही निवेशक जिन्होने कंपनी के द्वारा जारी की गई मूल पॉलिसी एवं रसीदे मूलवान प्रतिभूति के रूप में न्यायालय में पेश की है या पुलिस को दी है उनको समानुपात राशि अपील अवधि पश्चात प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश पारित किया है।
आरोपीगण आरबीएन इन्फ्रास्टेक्चर इण्डिया लिमिटेड कंपनी ग्वालियर की ब्रांच शाखा जैतहरी रोड अनूपपुर स्थित आकाश टावर के नीचे शाखा का कार्यालय खोले जिसका संचालन घटना दिनांक 01/01/2011 से 31/05/2016 तक जारी रखे और अनूपपुर शाखा से आरडी, एफडी व पेंशन प्लान एवं बॉन्ड प्लॉन उपलब्ध कराते हुए हितग्राहियों को पांच व सात वर्ष में दोगुना व तिगुना ब्याज दर के साथ वापस होना बताते हुए कपटपूर्ण तरीके से आस-पास के कई ग्रामीण व अन्य लोगों को कंपनी में हितग्राही बनाते हुए खुद को कंपनी का पदाधिकारी एजेंट बताते हुए छलपूर्वक रूपये जमा कराते हुए बाद में कंपनी बंद करके अदमपता हो गए तथा भोले-भाले व कम पढें-लिखे लोगों से कई लाख रूपये जमा कर लिए। प्रकरण में आरोपीगण द्वारा परिवादी बनकर कंपनी के पदाधिकारी रामनिवास पाल, अशोक पाल, रविकांत पाल, मनोज भदौरिया, नवाब पाल, भीषम दास महंत, शिवनंद राजपूत के विरूद्ध माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय अनूपपुर के न्यायालय में पेश किया गया जिस पर माननीय न्यायालय के ज्ञापन क्र. 300/न्याय/16 दिनांक 01/09/2016 के प्राप्त आदेशानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया गया पुलिस द्वारा साक्ष्य संकलन पश्चात् माननीय न्यायालय के समक्ष 173(8) द.प्र.सं. के तहत अनुसंधान जारी रखते हुए प्रकरण विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। अनुसंधान जारी रखते हुए प्रकरण में नए साक्ष्य आने पर नए आरोपीगण के विरूद्ध पूरक चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
न्यायालय द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तानवेजों एवं साक्ष्यों से आरोपीगण पर अपराध प्रमाणित पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है।
न्यायालय द्वारा हुए निर्णय की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि न्यायालय द्वारा अभियुक्त गण द्वारा जमा की गई जुर्माने की राशि सैतीस लाख सन्तावन हजार रूपये में से प्रकरण के प्रभावित हितग्राही निवेशक जिन्होने कंपनी के द्वारा जारी की गई मूल पॉलिसी एवं रसीदे मूलवान प्रतिभूति के रूप में न्यायालय में पेश की है या पुलिस को दी है उनको समानुपात राशि अपील अवधि पश्चात प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश पारित किया है।
आरोपीगण आरबीएन इन्फ्रास्टेक्चर इण्डिया लिमिटेड कंपनी ग्वालियर की ब्रांच शाखा जैतहरी रोड अनूपपुर स्थित आकाश टावर के नीचे शाखा का कार्यालय खोले जिसका संचालन घटना दिनांक 01/01/2011 से 31/05/2016 तक जारी रखे और अनूपपुर शाखा से आरडी, एफडी व पेंशन प्लान एवं बॉन्ड प्लॉन उपलब्ध कराते हुए हितग्राहियों को पांच व सात वर्ष में दोगुना व तिगुना ब्याज दर के साथ वापस होना बताते हुए कपटपूर्ण तरीके से आस-पास के कई ग्रामीण व अन्य लोगों को कंपनी में हितग्राही बनाते हुए खुद को कंपनी का पदाधिकारी एजेंट बताते हुए छलपूर्वक रूपये जमा कराते हुए बाद में कंपनी बंद करके अदमपता हो गए तथा भोले-भाले व कम पढें-लिखे लोगों से कई लाख रूपये जमा कर लिए। प्रकरण में आरोपीगण द्वारा परिवादी बनकर कंपनी के पदाधिकारी रामनिवास पाल, अशोक पाल, रविकांत पाल, मनोज भदौरिया, नवाब पाल, भीषम दास महंत, शिवनंद राजपूत के विरूद्ध माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय अनूपपुर के न्यायालय में पेश किया गया जिस पर माननीय न्यायालय के ज्ञापन क्र. 300/न्याय/16 दिनांक 01/09/2016 के प्राप्त आदेशानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया गया पुलिस द्वारा साक्ष्य संकलन पश्चात् माननीय न्यायालय के समक्ष 173(8) द.प्र.सं. के तहत अनुसंधान जारी रखते हुए प्रकरण विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। अनुसंधान जारी रखते हुए प्रकरण में नए साक्ष्य आने पर नए आरोपीगण के विरूद्ध पूरक चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
न्यायालय द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तानवेजों एवं साक्ष्यों से आरोपीगण पर अपराध प्रमाणित पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है।
0 Comments