(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) अखिल भारतीय किसान सभा मध्य प्रदेश राज्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जनक राठौरने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर काले कृषि कानूनों को वापस लेने पर किसान सभा द्वारा किसानों को बधाई और क्रांतिकारी अभिनंदन किया है।
अखिल भारतीय किसान सभा ने सरकार द्वारा अंततः तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने पर सारे देश के किसानों को बधाई देते हुए किसान आन्दोलन की इस ऐतिहासिक सफलता पर क्रांतिकारी अभिनंदन किया है ।किसान सभा ने इसे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की संभावित पराजय के मद्देनजर सरकार द्वारा अपनी साख बचाने के लिए उठाया गया कदम निरूपित किया है।अखिल भारतीय किसान सभा ने किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी लागू करने संबंधी कानून बनाने की भी मांग की है।
अखिल भारतीय किसान सभा के मध्यप्रदेश राज्य अध्यक्ष कॉमरेड जनक राठौर ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया की सरकार को काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए अंततः मजबूर होना पड़ा क्योंकि संयुक्त किसान सभा द्वारा अन्दोलन के एक वर्ष पूरे होने पर 25,26 नवम्बर से देश व्यापी अान्दोलन का एलान किया था जिसके कारण देश के प्रधानमंत्री ने वापस लेने का ऐलान किया है यह सारे देश के किसानों और मेहनतकशों की बहुत बड़ी उपलब्धि है ।किसान आन्दोलन को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई और क्रांतिकारी अभिनंदन किसान सभा करती है।
किसान सभा ने इस ऐतिहासिक किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए भारत सहित सारी दुनिया के श्रमिक संगठनों , लेखकों ,बैंक ,बीमा और सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्मचारी संगठनों ,साहित्यकारों ,संस्कृति कर्मियों ,बुद्धिजीवियों ,पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ जारी विभिन्न आंदोलनों को भी इसी तरह अपना समर्थन देने की अपील की है।किसान सभा ने किसान आन्दोलन से भी अपील की है किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की अनिवार्यता का कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखना चाहिए।
अखिल भारतीय किसान सभा ने सरकार द्वारा अंततः तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने पर सारे देश के किसानों को बधाई देते हुए किसान आन्दोलन की इस ऐतिहासिक सफलता पर क्रांतिकारी अभिनंदन किया है ।किसान सभा ने इसे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की संभावित पराजय के मद्देनजर सरकार द्वारा अपनी साख बचाने के लिए उठाया गया कदम निरूपित किया है।अखिल भारतीय किसान सभा ने किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी लागू करने संबंधी कानून बनाने की भी मांग की है।
अखिल भारतीय किसान सभा के मध्यप्रदेश राज्य अध्यक्ष कॉमरेड जनक राठौर ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया की सरकार को काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए अंततः मजबूर होना पड़ा क्योंकि संयुक्त किसान सभा द्वारा अन्दोलन के एक वर्ष पूरे होने पर 25,26 नवम्बर से देश व्यापी अान्दोलन का एलान किया था जिसके कारण देश के प्रधानमंत्री ने वापस लेने का ऐलान किया है यह सारे देश के किसानों और मेहनतकशों की बहुत बड़ी उपलब्धि है ।किसान आन्दोलन को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई और क्रांतिकारी अभिनंदन किसान सभा करती है।
किसान सभा ने इस ऐतिहासिक किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए भारत सहित सारी दुनिया के श्रमिक संगठनों , लेखकों ,बैंक ,बीमा और सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्मचारी संगठनों ,साहित्यकारों ,संस्कृति कर्मियों ,बुद्धिजीवियों ,पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ जारी विभिन्न आंदोलनों को भी इसी तरह अपना समर्थन देने की अपील की है।किसान सभा ने किसान आन्दोलन से भी अपील की है किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की अनिवार्यता का कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखना चाहिए।
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