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संविधान दिवस पर आईजीएनटीयू ने निभाई सहभागिता संविधान में प्रत्येक भरतीय की आत्मा का वास है- कुलपति

  

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) 26 नवंबर, 1949 भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित एवं आत्मार्पित किया गया था। इस परिप्रेक्ष्य में आज के दिन संसद भवन में संविधान दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक द्वारा आभासी माध्यम से सभी प्राध्यापकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, प्रशासनिक कर्मचारियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा सामूहिक रूप से जुड़ कर मनाया गया। इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रो. अनुपम शर्मा (विभागाअध्यक्ष राजनीति विज्ञान एवं मानवाधिकार विभाग) द्वारा किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी ने किया। आपने अपने उद्बोधन में संविधान के विभिन्न आयामों को सन्निहित करते हुए शोधार्थियों और विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय संविधान विश्व का विस्तृत संविधान है। जिसमें मानवीय गरिमा के लिए सभी प्रकार के मूल्य समाहित हैं। हमारे संविधान में प्रत्येक भरतीय की आत्मा का वास है।" इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल न्यायमूर्ति श्री संजय यादव ( पूर्व मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं मध्य प्रदेश) ने अपने उद्बोधन में कहा कि "संविधान मानवता का धर्म ग्रंथ है। भारतीय संविधान उन समस्त पहलुओं को अंगीकृत करता हैं, जो राष्ट्र निर्माण और व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक हैं। अपने न्यायिक अनुभव के अनुक्रम को साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है । जो संपूर्ण वसुधा को एक परिवार की भांति मानता है और भारतीय संविधान में भी ऐसे बहुत से प्रावधान हैं, जो वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाते हैं।"
कार्यक्रम की संचालक प्रोफेसर अनुपम शर्मा ( नोडल अधिकारी एवं कार्यक्रम संयोजक) ने कहा कि "भारतीय संविधान में संविधान निर्माताओं के मस्तिष्क एवं व्यक्तित्व की प्रखर झलकती है। इसमें उन समस्त अवधारणाओं को जोड़ने का प्रयास किया गया है, जो सभी प्रकार के समुदायों के लिए हितकारी हो। संविधान सभा में हुए कई संवादों पर चर्चा करते हुए संक्षिप्त में प्रोफेसर शर्मा ने संविधान के कई पहलुओं का जिक्र किया।"
कार्यक्रम की शुरुआत संसद भवन से चल रहे  कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को विश्विद्यालय के कार्यक्रम में दिखाया गया। जिसमें महामहिम राष्ट्रपति  माननीय रामनाथ कोविंद जी, प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी, स्पीकर, माननीय उपराष्ट्रपति जी एवं संसद भवन में उपस्थित समस्त गणमान्य सदस्यों ने राष्ट्रपति महोदय जी के साथ सामूहिक रुप से संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया। विश्विद्यालय के इस कार्यक्रम में विश्विद्यालय के कुलसचिव पी. सिलुवेनाथन, रीजनल कैंपस के डायरेक्टर प्रो. एन.जी. नागलिंगनाम सहित समस्त संकायों के संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विद्वत प्राध्यापकगण, समस्त विभागों के शोधार्थी, विद्यार्थी, शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण एवं अन्य उपस्थित रहे।

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