(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) जिले के सुदूर किनारे पर बसे छुलहा टोला की सीता धनवार के घर 10 साल बाद मुद्दतों की मन्नत के बाद दीपावली होगी। सीता धनवार के परिजनों को जो खुशी आज मिली है उसका वह साल दर साल से इंतजार कर रहे थे। दरअसल सीता का बड़ा बेटा लगभग 10 साल पहले अचानक घर से गुम हो गया था घर वालों ने तलाश करने की बहुत कोशिश की लेकिन अपने बच्चे को वह तलाश नहीं कर सके। थक हार कर सीता व उसके परिवार ने इसे भगवान की मर्जी मानकर अपनी किस्मत से समझौता कर लिया। सितम्बर 21 में एक दशक के बाद बाल कल्याण समिति अनूपपुर को दिल्ली से खबर मिली की उक्त बालक दिल्ली के बाल सहयोग बाल गृह में है बाल कल्याण समिति अनूपपुर द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग अनूपपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते को इसकी सूचना दी गई और बालक के घर की तलाश कर समिति के अध्यक्ष कुमार ध्रुव ने गृह भृमण रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली भेजी गई बाल कल्याण समिति और महिला एवं बाल विकास विभाग ने दिल्ली बाल कल्याण समिति, बाल सहयोग बाल गृह से समन्वय स्थापित कर बालक की घर वापसी को सुनिश्चित किया गया। लगभग दो माह के प्रयास के बाद आखिरकार दीपावली के ठीक पहले धनतेरस को सीता धनगर के घर उनका पुत्र पहुंचा।
मिलन पर भावुक
हुये माता और पुत्र
हुये माता और पुत्र
10 साल बाद जैसे ही सीता ने अपने बेटे को देखा उनकी आंख से अविरल अश्रुधारा फूट पड़ी अपनी मां को देखकर बेटा भी भावुक हो गया और वह भी अपने आंसू नहीं रोक पाया। बड़ी देर तक दोनो एक दूसरे को ढांढ़स बंधाते रहे। मां बेटे का यह भावुक मिलन देखकर वहां उपस्थित सभी लोग भी भावुक हो गए।
समिति के सद्प्रयास
की कलेक्टर ने की प्रशंसा
की कलेक्टर ने की प्रशंसा
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने 10 साल से परिजनों से बिछड़े बालक की पुनः घर वापसी करवाने के बाल कल्याण समिति अनूपपुर के स्तुल्य प्रयासों की प्रषंसा करते हुए सभी सदस्यों को लगातार इसी प्रकार से बाल हित में काम करने के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
समिति ने एक वर्ष में 250
से ज्यादा बच्चों को मिलाया
से ज्यादा बच्चों को मिलाया
बाल कल्याण समिति अनूपपुर ने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल में लगभग 250 से अधिक संरक्षण व देखरेख के जरूरतमंद बच्चों को अपने परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचाया गया है और उनका सुरक्षित घर वापसी करवाई गई है।
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