(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कोरोना काल के बाद रेलवे ताबड़तोड़ कमाई करने के चक्कर में नंबर वन बना हुआ है।उसे यात्रियों की परेशानियों समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं।स्पेशल ट्रेन बनाकर जहां यात्रियों से ज्यादा किराया लिया जा रहा है वहीं सामान्य टिकट की बिक्री बंद कर देने से छोटे स्टेशनों में स्टॉपेज बंद कर देने से यात्री त्रस्त हो चुका है।आम यात्रियों की जेब काटकर कमाई बढ़ाने के लिए रेलवे नई नई तरकीबें अपना रहा है।इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सबसे ज्यादा पूरे समय यात्रियों से पैक चलने वाली ट्रेन दुर्ग छपरा दुर्ग सारनाथ स्पेशल एक्सप्रेस को टारगेट बना लिया गया है।इस ट्रेन से 5 स्लीपर कोचों को हटाकर पांच एसी कोचो को जोड़ा जा रहा है जिससे यात्रियों पर अधिक किराया देने का बोझ बढ़ जाएगा।एक तो यह ट्रेन हर समय पूरी तरह से यात्रियों से पैक चलती है अब यात्रियों को मजबूरी में स्लीपर की जगह एसी में रिजर्वेशन कराना होगा।क्योंकि पांच बोगी की कटौती से यात्रियों को स्लीपर में जगह मिलना मुश्किल हो जाएगा।कहा जा सकता है कि 360 बर्थ का कोटा पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।जब स्लीपर क्लास में कोटा फुल हो जाएगा तो यात्रियों को मजबूरी में एसी की टिकट लेना पड़ेगा जिससे ज्यादा किराया देना पड़ेगा और रेलवे ज्यादा कमाई करेगा।रेलवे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है 27 नवंबर 2021 से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।त्यौहार का सीजन है लेकिन कोचों में कटौती हो जाने से यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी और उन्हें मजबूरी में एसी में सफर करना होगा।इस ट्रेन में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार के यात्री यात्रा करते हैं बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज, बनारस की ओर यात्रा करते हैं।प्रयागराज का किराया स्लीपर में 350 रुपए के आसपास है वही एसी का किराया 1040 रुपए के आसपास हो जाएगा।27 नवंबर 2021 से लागू होने वाली नई व्यवस्था के तहत दुर्ग छपरा दुर्ग सारनाथ स्पेशल एक्सप्रेस में अब 6 थर्ड एसी, 2 सेकंड एसी और एक फर्स्ट सह सेकंड एसी एवं 6 स्लीपर कोच रह जाएंगे।
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