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भारतीय शास्त्रीय नृत्य भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली- सुश्री मीना शरद महोत्सव के पूर्व संध्या पर शास्त्रीय नृत्य की रसमय प्रस्तुति

 


(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) अईगिरी नंदनी नंदिता मेदिहनी विश्‍व विनोदनी, नन्दनऊटे गिरीवर विन्ध्य सरोधनी वासिनी विष्णु विलासनी जिस्नेनुऊटे जया जया हे महिषासुर मर्दिनी जैसी अलग-अलग शास्त्रीय नृत्य कुचिपुडी की सरल, सहज की प्रस्तुति के साथ कोलकाता निवासी प्रख्यात कुचिपुडी कलाकारा अयाना मुखर्जी ने कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति से शुरुआत की। उन्होंने अपने नृत्य और विभिन्न नृत्य मुद्राओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद व रजा फाउण्डेशन एवं प्रणाम मध्यप्रदेश द्वारा पर्यटन, कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने सैयद हैदर रजा जनशताब्दी वर्ष अंतर्गत जिला मुख्यालय अनूपपुर स्थित शासकीय उत्कृष्ट उमावि के प्रांगण में 19 अक्टूबर की शाम शरद महोत्सव की पूर्व संध्या पर भारतीय शास्त्रीय नृत्य संध्या का आयोजन रखा गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। 
इस अवसर पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश भू-भास्कर यादव, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली, अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, एस.डी.एम. अनूपपुर कमलेश पुरी, डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया, महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक श्रीमती मंजूशा शर्मा सहित इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया के पत्रकारगण व भारतीय संस्कृति के संवाहक श्रोतागण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पीआरओ श्री अमित श्रीवास्तव द्वारा किया गया।  
प्रख्यात कुचिपुडी नृत्यांगना कोलकाता निवासी अयाना मुखर्जी ने 16 वर्ष की उम्र से कुचिपुडी नृत्य का प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने रवीन्द्र भारती विश्‍वविद्यालय कोलकाता से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। अपने गुरू जयराम राव और वन श्री राव के साथ एवं एकल कलाकार के रूप में उन्होंने अनेकों राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय मंचों से अपनी प्रस्तुति दी है। वह पिछले कई बरसों से भारत के स्कूलों और कालेजों में कुचिपुडी कला के बारे में जागरूकता की मुहिम भी चला रही है। 
कुचिपुडी नृत्यांगना अयाना मुखर्जी द्वारा चार विधाओं में अपने नृत्य की प्रस्तुति दी। थाली की धार पर खड़े होकर प्रस्तुत नृत्य मुद्राओं की कला की दर्शकों द्वारा करतल ध्वनि से प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में युगल कथक कलाकार मानसी शर्मा, इशिता लाल ने राजराजेश्‍वरी अष्टकम्, रानी रूपमति एवं बाज बहादुर की कथा, मीरा भजन और मोक्ष की मुद्राओं को व्यक्त करते हुए युगल नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब सराहना बटोरी। मनोहारी प्रस्तुति से दर्शक कार्यक्रम स्थल पर ठहरे रहे। 
कथक कलाकार मानसी शर्मा ने ‘तराना’ की एकल प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया। कथक नृत्यांगनाओं ने अपने गुरु अल्पना बाजपेयी के संयोजन में नृत्य प्रस्तुति को तैयार किया था। नृत्य के संगीत, ताल, राग का भी संयोजन कमाल का था। 
संजीव अभयंकर के संगीत पर अदधा तीन ताल पर आधारित मीरा भजन मीरा के प्रभु गिरधर नागर, राधा के मनमोहना की प्रस्तुति से कलाकार मानसी शर्मा एवं इशिता लाल को खूब सराहना मिली। 
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य हमारे भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली है। उन्होंने कहा कि नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन व सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। कलेक्टर सुश्री मीना ने कहा कि दक्षिण भारत में कुचिपुडी व उत्तर भारत में शास्त्रीय नृत्य की प्रसिद्धि है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजन जरूरी है।

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