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महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाए

 


अनूपपुर (ब्यूरो) एनीमिक माताओं और कुपोषित बच्चों के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग समन्वित प्रयास सुनिश्चित कर शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाना सुनिश्चितकरें। उक्‍ताशय के निर्देश जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की कमी लाने के संदर्भ में कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में समीक्षा बैठक में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.सी. राय, महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते, एएनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुनील नेमा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस.बी. चौधरी, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आर.के. वर्मा, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में संवेदना अभियान की समीक्षा करते हुए कलेक्टर सुश्री मीना ने कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों व गर्भवती एवं किशोरी बालिकाओं के लिए लगाए जा रहे विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर को और अधिक आयोजित कर संपूर्ण क्षेत्र को कवर करें ताकि गर्भवती माताएं किशोरी बालिकाओं व कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने सभी ग्राम आरोग्य केन्द्रों में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने निर्देश दिए कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव नहीं हो रहे हैं, ऐसे स्थानों का चिन्हांकन कर आवश्‍यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा कुपोषित बच्चों के घरों में पोषण वाटिका लगाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि पोषण वाटिका लगाने से पौष्टिक आहार कुपोषित बच्चों को सहज प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने इस दिशा में गंभीरतापूर्वक प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक शिशु मातृ मृत्यु के प्रोटोकाल अनुसार निर्धारित समय पर चिकित्सा दल द्वारा समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मृत्यु के कारणों का पता लगाकर उन्हें रोकने के प्रयास किए जांए। उन्होंने कहा कि मैदानी अमले की जिम्मेदारी तय कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर सुश्री मीना ने संवेदना अभियान अंतर्गत विभिन्न विभागों को दी गई जिम्मेदारियों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों से पालन-प्रतिवेदन प्राप्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी संबंधित विभाग महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।
कलेक्टर सुश्री मीना ने महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को योजनाओं के कार्यों के आंकड़े याद होना चाहिए, जिससे समय पर सुस्पष्ट जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कार्यों का बेहतर प्रदर्शन कर उल्लेखनीय भूमिका अदा करने के लिए प्रेरित किया। कलेक्टर सुश्री मीना ने बच्चों के नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की सूची तैयार कर उन्हें आवश्‍यक टीके लगाए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की डाटा इन्ट्री समय पर पूर्ण शुद्धता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड टीकाकरण के सेकण्ड डोज के सभी पात्र हितग्राहियों को प्रेरित करने व हितग्राहियों को टीकाकरण केन्द्रों में लाने हेतु आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम पंचायत सचिवों का सहयोग लेने के निर्देश दिए। 

जिले के मध्यम व अति गंभीर 
कुपोषित बच्चों के सामान्य स्तर 
पर लाने की कलेक्टर ने की सराहना


कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित कार्यों की समीक्षा में मध्यम एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए पाया कि सितम्बर 2020 की स्थिति में जिले में 4 हजार 761 मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चे थे, जो सितम्बर 2021 की स्थिति में घटकर 2238 रह गए। इस तरह विभाग द्वारा 53 प्रतिशत का श्रेणी सुधार कराया। इसी प्रकार अति गंभीर बच्चे सितम्बर 2020 में 587 थे, जो 2021 में 321 हैं उन्होंने महिला बाल विकास विभाग द्वारा किए गए कार्य की सराहना करते हुए इस दिशा में गंभीर होकर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाकर उन्हें सामान्य स्तर पर लाने के लिए सतत प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद परस्ते ने बताया कि 491 गंभीर कुपोषित बच्चों को अब तक पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कराया गया है। जिस पर कलेक्टर सुश्री मीना ने परिणामजनक कार्य करने की दिशा में अधिकारियों को प्रेरित किया।

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