(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) वन मंडल अनूपपुर के कोतमा वन क्षेत्र अंतर्गतम वन बीट टांकी, मलगा, सेमरा और पौराधार क्षेत्र में 27 सितंबर की शाम से छत्तीसगढ़ की सीमा से आए 40 हाथियों के समूह द्वारा निरंतर 14 दिन से अपना डेरा जंगलों में जमाये हुए हैं।जो देर शाम होते ही जंगल के किनारे स्थित राजस्व ग्राम टांकी,मलगा, पतेराटोला,फुलवारी टोला, भडमुडी, सैतिनचुआ,नगरपरिषद डूमरकछार के बैगानटोला,पाव टोला एवं यादव मोहल्ला में ग्रामीणों एवं किसानो के द्वारा लगाए गए धान एवं अन्य तरह की फसलों का आहार बनाकर नुकसान कर रहे हैं।वही अनेकों ग्रामीणों के घरों की दीवारें, दरवाजा एवं बाउंड्री को तोड़कर घरों के अंदर रखे सामग्रियों को अपना आहार बना रहे हैं।छत्तीसगढ़ की सीमा से प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आए सबसे बड़े हाथियों के समूह के आने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।हाथियों के समूह के आने तथा निरंतर विचरण कर फसलों को अपना आहार बनाने की जानकारी पर अनूपपुर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना,पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, वनमंडलाधिकारी अनूपपुर डां.ए.ए.अंसारी,कोतमा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल, उप वन मंडलाधिकारी अनूपपुर के.वी.सिंह ,एसडीएम, तहसीलदार कोतमा, थाना प्रभारी रामनगर अजय बैगा ने इलाके का भ्रमण किया है।वहीं वन परीक्षेत्र अधिकारी कोतमा परिवेश सिंह भदौरिया, परिक्षेत्र सहायक मलगा राजनगर के साथ वनरछक दादूराम कुशवाहा,शंकर सिंह,सुदामा प्रसाद द्विवेदी,विजय नारायण,रामस्वरूप सिंह, के साथ वन परीक्षेत्र बिजुरी,कोतमा, जैतहरी एवं अनूपपुर के वन कर्मचारियों द्वारा निरंतर गस्त की जा रही है।इस दौरान अनूपपुर जिला मुख्यालय के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल एवं अन्य द्वारा भी हाथियों के विचरण की स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए हैं। अब तक हाथियों के समूह द्वारा सैकड़ों ग्रामीणों की फसलों तथा दर्जनों ग्रामीणों के मकानों की तोड़फोड़ की है।आमजन की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा निरंतर 14 दिनों से हाथी प्रभावित इलाके के आम जनों को जो जंगलों के किनारे बसे हैं तथा हाथियों के विचरण क्षेत्र में आने की संभावना है ऐसे गांव, ग्राम पंचायत टांकी के बैगान टोला, नगर परिषद डूमरकछार के बैगानटोला,पाव मोहल्ला एवं यादव मोहल्ला के ग्रामीणों को प्रतिदिन गांव से नगर परिषद एवं ग्राम पंचायत के भवनों में ठहरा कर उनके खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है। हाथियों के निरंतर विचरण के कारण ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है।वहीं हाथियों के समूह द्वारा किसी भी तरह की जन घायल एवं जन हानि की घटना नहीं हुई है। हाथियों के समूह द्वारा किए जा रहे फसल हानि एवं अन्य तरह के नुकसान पर राजस्व एवं वन विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा नुकसानी का आकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है।क्षेत्र भ्रमण दौरान ग्रामीणों ने विगत वर्षों भी हाथियों के समूह द्वारा किए गए विभिन्न तरह के मकान एवं फसल नुकसान का उचित मुआवजा अब तक न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की है।
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