(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों जिला अनूपपुर के न्यायालय के द्वारा आरोपी सुरेन्द्र कुंवर उर्फ संजू ऊर्फ सेम पिता बरत लाल कुंवर उम 23 वर्ष निवासी क्वाटर नं. एम/45, विवेकनगर, थाना चचाई जिला अनूपपुर म.प्र.के अपराध क्र 167/18 धारा 454, 354, 354डी, 376 एवं 511 भादवि एवं धारा 7/8 पॉक्सों एक्ट से संबंधित हैं।आरोपी को 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपी से जुर्माना वसूल होने पर जुमाने की राशि को पीडिता को बतौर प्रतिकर देने का भी आदेश पारित किया गया है। राज्य की ओर मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक डीपीओ रामनरेश गिरि द्वारा की गई।
मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने उक्त न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पीडिता अमलाई बुढार में कोंचिग करने जाया करती थी जहां कोंचिग आते-जाते समय आरोपी सुरेन्द्र कंवर ऊर्फ सैम उर्फ संजू के द्वारा पीडिता का पीछा कर उसे दोस्ती करने का दबाव बनाया जाता था दबाव में आकर पीडिता ने आरोपी से बातें करने लगी तब आरोपी से ज्यादा परेशान होने पर पीडिता ने कोंचिग सेंटर जाना बंद कर दिया। दिनांक 25/08/2018 को शाम 04.00 बजे जब पीडिता के माता-पिता घर पर नही थे तब आरोपी ने पीडिता के अकेलेपन का फायदा उठाकर घर के अंदर आकर पीडिता का बायां सीना दबा दिया और गलत काम करने का प्रयास करने लगा, पीडिता के चिल्लाने पर पडोस के अंकल-आंटी के आने पर आरोपी भाग गया। माता-पिता के आने के बाद पीडिता के द्वारा उन्हें सारी बात बताई गई उसके बाद पीडिता ने माता-पिता के साथ थाने में जाकर आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की।
पैरवीकर्ता अधिकारी ने बताया कि माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को दण्डित करते हुए अपने निर्णय में यह लेख किया है कि आरोपी द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र की पीडिता के साथ उसकी इच्छा के विरूद्व उसका बारम्बार पीछाकर संपर्क करने का प्रयत्न किया गया। उसी के परिणामस्वरूप पीडिता ने अपनी पढाई छोड दी। उसके बाद भी आरोपी नही माना और मौका पाकर उसके घर में घुसकर अपराध को अंजाम दिया समाज में ऐसी ही घटनाओं से अभिभावक अपनी बालिकाओं को स्कूल आदि के लिये घर से बाहर भेजने से कतराते है ऐसे अपराधों के प्रति समाज में उचित संदेश जाये। इस हेतु न्यायालय द्वारा आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
पैरवीकर्ता अधिकारी ने बताया कि माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को दण्डित करते हुए अपने निर्णय में यह लेख किया है कि आरोपी द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र की पीडिता के साथ उसकी इच्छा के विरूद्व उसका बारम्बार पीछाकर संपर्क करने का प्रयत्न किया गया। उसी के परिणामस्वरूप पीडिता ने अपनी पढाई छोड दी। उसके बाद भी आरोपी नही माना और मौका पाकर उसके घर में घुसकर अपराध को अंजाम दिया समाज में ऐसी ही घटनाओं से अभिभावक अपनी बालिकाओं को स्कूल आदि के लिये घर से बाहर भेजने से कतराते है ऐसे अपराधों के प्रति समाज में उचित संदेश जाये। इस हेतु न्यायालय द्वारा आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
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