(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कृषि विज्ञान केन्द्र,अमरकंटक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक जिला- अनूपपुर द्वारा ग्राम भेजरी में जनजातीय उप योजना अंतर्गत अरहर फसल उत्पादन तकनीक पर कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । आयोजन का मुख्य उददेश्य कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रदर्शित तकनीक का अधिक से अधिक किसानों में प्रचार प्रसार हो । इस कार्यक्रम को जिले के अन्य किसानों को ऑनलाइन माध्यम से प्रसारित किया गया ।
कार्यक्रम के दोरान योगेश कुमार, विशेषज्ञ, कृषि प्रसार, कृषि विज्ञान केन्द्र अमरकण्टक ने अरहर फसल की दलहन उत्पादन में भूमिका पर चर्चा करते हुये अरहर की खेती के लाभ पर चर्चा
की।साथ ही आपने कृषकां को नवीन व उन्नत बीज उपयोग के करने से होने वाले लाभ को विस्तार पूर्वक बताया।
संदीप चौहान, विशेषज्ञ कृषि प्रसार कृषि विज्ञान केन्द्र अमरकण्टक द्वारा जनजातीय उप योजना के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुये, अरहर फसल की बीज उत्पादन तकनीक, पीला विषाणु रोग के बचाव मेंं इमिडाक्लोप्रिड की भूमिका, उन्नत किस्म का उत्पादन बढानें में योगदान, खरपतवार प्रबंधन तकनीक पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुये कृषको को उनके अनुभवों को जाना ।
एन.डी. गुप्ता, उपसंचालक कृषि, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, जिला अनूपपुर ने अरहर फसल की धारवाड पध्दति के लाभ को किसानो को बताते हुए अरहर फसल में निपिंग के महत्व से किसानों को अवगत कराया ।
डॉ.एस.के. पाण्डेय, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, अमरकंटक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक जिला- अनूपपुर द्वारा दलहन उत्पादन में अरहर फसल उत्पादन की भूमिका पर विस्तार पूर्वक चर्चा की , साथ ही साथ दलहन उत्पादन को बढाने के लिए उन्नत तकनीकों की जानकारी दी।
जनजातीय उपयोजना अंतर्गत 15 किसानों के खेत में अरहर फसल उत्पादन तकनीक पर प्रर्दशन का आयोजन- कृषि विज्ञान केन्द्र, अमरकंटक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक जिला- अनूपपुर द्वारा ग्राम भेजरी में जनजातीय उप योजना अंतर्गत अरहर फसल उत्पादन तकनीक पर प्रर्दशन का आयोजन । संदीप चौहान, विशेषज्ञ कृषि प्रसार कृषि विज्ञान केन्द्र अमरकण्टक ने बताया कि अरहर फसल में उन्नत किस्म राजीव लोचन, बीज उपचार तकनीक कार्बेन्डाजित मेन्कोजेब- 3 ग्राम/किग्रा व इमिडाक्लोप्रिड 50 एफ एस.- 5 मिली/किग्रा तथा खरपतवार प्रबंधन हेतु इमाजेथापायर 10 एस एल की 400 मिली/एकड तकनीक का प्रर्दशन किया जा किया जा रहा है ।
इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्राम भेजरी के लगभग 30 किसान व ऑनलाइन माध्यम से 15 किसान लाभान्वित हुये । किसानो द्वारा पुछे गये प्रश्नों का कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों द्वारा समाधान किया गया।
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