महिला एवं बाल अपराध संबंधी
जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत महिला अपराध एवं महिलाओं से संबंधित कानून की समीक्षा, परिचालन, पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन हेतु गठित जिला स्तरीय संचालक समिति की बैठक कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला सत्र न्यायाधीश भू-भास्कर यादव, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मिलिन्द नागदेवे, महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कुमार ध्रुव एवं पदाधिकारी सहित जिले के चारों अनुभागों के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरपालिकाओं के मुख्य नगरपालिका अधिकारी तथा महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी सहित सर्व संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि महिला अपराध को रोकने हेतु शासकीय अमले को चिन्ता करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैदानी अमले को चौकन्ना रहकर महिला अपराध, आपदा प्रबंधन जैसी घटनाओं में त्वरित सूचना प्राप्त कर प्रकरण के निराकरण के लिए आवश्यक सहायता, काउंसलिंग में मदद करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि समाज में अपराध की संख्या में तेजी आना बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों तथा मैदानी अमले को प्रो-एक्टिव होकर कार्य करने तथा जनजागरूकता के प्रयास भी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने कहा कि महिला बाल विकास, राजस्व, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास का अमला सूचना तंत्र को मजबूत कर संवेदनशील रहकर हर संभव मदद सुनिश्चित करें।
बैठक में उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला सत्र न्यायाधीष भू-भास्कर यादव ने पॉक्सो एक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों से दुर्व्यवहार के मामलों में बहुत ही संवेदनशील ढंग से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने पॉक्सो एक्ट की धाराओं का उल्लेख करते हुए सहज प्रक्रिया के क्रियान्वयन पर बल दिया तथा आईपीसी के तहत बनाई गई धाराओं के संबंध में जानकारी रखी। अपर जिला सत्र न्यायाधीश श्री यादव ने कहा कि अधिकारियों को पीड़िता के स्थान पर अपने आप को रखकर न्याय प्रदान करने में मदद करना जरूरी है। उन्होंने महिला एवं बाल अपराध के प्रकरणों का उल्लेख करते हुए क्षतिपूर्ति प्रतिकर आदि के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने जिला स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक को उपयोगी बताते हुए कहा कि सतत् संवाद तथा समन्वय से प्रकरणों के निराकरण में सहजता होगी। उन्होंने जन जागरूकता पर बल देते हुए पुलिस विभाग की ओर से हर संभव मदद करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य कर समाज को बुराईयों से बचाया जा सकता है। जरूरत है कि सभी संवेदनशील होकर निरन्तर कार्य करें। महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक श्रीमती मंजूषा शर्मा ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण के लिए शासन द्वारा बनाई गई व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने महिला हिंसा से संबंधित डीआईआर प्रकरण तैयार करने, बाल विवाह, मार्शल आर्ट प्रशिक्षण , समेकित बाल संरक्षण योजना के प्रबंधन व्यवस्था आदि के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की।
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