(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश (पॉक्सों एक्ट) भूपेन्द्र नकवाल के न्यायालय ने थाना कोतवाली के अप. क्र. 77/21 धारा 376, 376(3) 376(2)N, 496 भादवि 3/4, 5एल/6 पॉक्सों एक्ट के आरोपी धनीराम महरा पिता बलराम महरा उम्र 22 वर्ष निवासी वार्ड नं. 01 टिकरीटोला बरबसपुर जिला अनूपपुर (म.प्र.) की जमानत याचिका निरस्त की गईा राज्य की ओर से जमानत याचिका का लिखित विरोध जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने किया।
मीडिया प्रभारी अभियोजन अनूपपुर राकेश पाण्डेय ने बताया कि आरोपी की बहन पीडिता के साथ एक ही स्कूल में पढती थी।जिसके कारण पीडिता का आरोपी के घर अक्सर आना जाना होता था।उस समय आरोपी पीडिता के साथ छेडछाड करता था एवं पीडिता पर आत्महत्या करने की धमकी देकर शादी करने का दबाव बनाता था।उसने पीडिता को बहला-फुसलाकर एवं शादी करने का झांसा देकर लगातार 02 वर्ष तक उसके साथ गलत काम करता रहा।
आरोपी ने यह लिया था आधार-आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया कि आवेदक निर्दोष है उसे रंजिशन झूठा फंसाया गया है। वह अनूपपुर जिले का मूल निवासी है वही उसकी संपत्ति स्थित हैं, अगर उसे जमानत का लाभ नही दिया गया तो उसके परिवार की भूखे मरने की नौबत आ जायेगी, उसकी फरारी की आशंका नही है। जमानत का लाभ मिलने पर वह साक्ष्य को प्रभावित नही करेगा एवं न्यायालय की सभी शर्तो का पालन करेगा।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-उक्त आवेदन पर जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया कि अभी प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट आना शेष है एवं अभी भी प्रकरण में कई महत्वपूर्ण साक्षियों के साक्ष्य होना शेष है, पीडिता अपना बयान आरोपी के दबाव में आकर बदली है उसके बयान बदल देने से आरोपी को जमानत का लाभ नही दिया जा सकता है यदि उसे जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह पीडिता एवं अन्य गवाहों को प्रभावित करेगा।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी के जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया।
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