Anchadhara

अंचलधारा
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नाबालिक के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को करावास शादी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)  

अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सो भूपेन्द्र  नकवाल के न्यायालय द्वारा आरोपी अमर सिंह पटेल उर्फ बबलू पिता रामदीन पटेल उम्र वर्ष निवासी ग्राम पिपरिया जिला अनूपपुर को थाना कोतवाली अप.क्र. धारा 354(D), 376(2)(N) भादवि 3,4 पॉक्सो एक्ट के अपराध में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 7000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से शासन का पक्ष जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने रखते हुए पैरवी की।अभियोजन  मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि अभियुक्त पीडिता के बडे पिता के गांव का है जहां पीडिता का अक्सर आना जाना रहता था।आरोपी स्कूल समय से ही पीडिता के पीछे पडा हुआ था तथा उसे परेशान करता था।वह फरियादिया से मिलने का लगातार प्रयास करता एवं कहता था कि मैं तुमसे प्यार करता हूं तुमसे शादी करना चाहता हूं। जुलाई 2015 के अंतिम सप्ताह में वह वह कॉलेज के बाहर पीडिता से मिला एवं उससे शादी करने का झांसा देकर बहला-फुसलाकर सांई मंदिर ले गया जहां उसके माथे में सिंदूर लगाकर कहने लगा कि अब से तुम मेरी पत्नी हो। उसी दिन वह पीडिता को अपने साथ छुलहा गांव के पास एक खेत में ले गया जहां पीडिता के मना करने के बाद भी उसके साथ उसने दुष्कर्म किया।तथा इसके  बाद 02/09/2015 को भी उसके साथ गलत काम किया।जब फरियादिया बार-बार उससे शादी के लिए कहने लगी तो 17 या 18/10/2015 को उसने यह कहते हुए शादी से मना कर दिया कि उसके घरवाले तैयार नहीं है।जिसके पश्चात पीडिता द्वारा थाने में अपने माता-पिता के साथ रिपोर्ट दर्ज कराई।आरोपी की ओर से प्रस्तुत किए गए थे चार बचाव साक्षी-विवेचना पश्चात मामला माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया।विचारण के दौरान चार बचाव साक्षी आरोपी की ओर से अपने बचाव हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे।जिनमें से किसी भी साक्षी के कथन से आरोपी को लाभ प्राप्त नहीं हुआ।बल्कि अभियोजन के समर्थन में तथ्य आए हैं।उभयपक्ष के द्वारा प्रकरण में लिखित तर्क विभिन्न न्यायदृष्टांकतों का उल्लेख करते हुए अपना-अपना पक्ष रखा गया। प्रकरण में आए समस्त साक्ष्यों के विश्लेषण उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 354 घ, 376(2)(एन) भादवि. एवं 3, 4 पॉक्सो  एक्ट के अपराध में दोषी पाते हुए क्रमश: एक वर्ष, दस-दस वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 7000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

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