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एक माह निरंतर कोविड मरीजों से सुबह-शाम पूछते रहे उनका हाल तीस लोगों की टीम होम आईसोलेट मरीजों का बनी सहारा

 

 (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)  

अनूपपुर (अंचलधारा) क्या आपको पिछले २४ घंटे में बुखार आया है ? क्या आपको खांसी है ? क्या आपको सांस लेने में दिक्कत है? क्या आपको अन्य कोई समस्या है ? क्या आपके घर के किसी अन्य सदस्य को सर्दी, खांसी,जुकाम, बुखार के लक्षण हैं? क्या आप घर के अन्य सदस्यों के सीधे संपर्क में हैं? क्या आपको मेडिकल किट प्राप्त हुई है ?

कोविड टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव होने पर गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को कोविड सेंटर में रखा जाता है लेकिन हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आईसोलेट कर दिया जाता है। आम नागरिकों को यही लगता है कि होम आईसोलेट मरीजों को सरकार या प्रशासन उनके हाल पर छोड़ देती है। लेखक एवं पत्रकार मनोज द्विवेदी ने बताया कि जी ! नहीं ....ऊपर लिखे सात प्रश्न लगातार दो सप्ताह तक मरीजों से प्रतिदिन फोन द्वारा पूछ कर उन्हे उचित सलाह दी जाती रही है। सरकार ने प्रत्येक जिले में कोविड कमांड एवं नियंत्रण केन्द्र स्थापित किया है। जिसके माध्यम से होम आईसोलेट मरीजों की नियमित जांच पड़ताल की जाती है।

पिछले एक माह से अनूपपुर जिला मुख्यालय के संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय के ऊपरी परिसर में जिला कोविड कमांड एवं नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य कर रहा है। पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर एवं अब नवागत कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना एवं सीएमएचओ डॉक्टर एस. सी. राय के कुशल मार्गदर्शन एवं डॉक्टर आर. पी. श्रीवास्तव ,पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नोडल अधिकारी कोविड-19 के नेतृत्व में कार्यरत इस कमांड सेंटर में डॉक्टर श्रीवास्तव के साथ नितिन तिवारी और आनंद मोहन मिश्रा के साथ लगभग 30 लोगों की टीम कोविड कमांड सेंटर में सुबह से शाम तक जिले के प्रत्येक ग्राम स्तर पर होम आईसोलेट मरीजों से नियमित दोनों वक्त उनकी तबियत का परीक्षण सात सवालों के माध्यम से करते हैं। डॉक्टर श्रीवास्तव ने बतलाया कि कोविड कमांड सेंटर मुख्यतः युवाओं पर आधारित चुस्त-दुरस्त ,स्वस्थ लोगों की ऐसी टीम है जो नियमित सुबह - शाम मरीजों से बिना झुंझलाए, बिना थके , सरल भाषा में बात करके उन्हे सहयोग करते हैं। एक व्यक्ति अधिकतम 50-60 लोगों से बात करता है। बतलाया गया कि इस समय होम आईसोलेट मरीजों की संख्या काफी कम हो गयी है। जब बीमारी चरम पर थी तब कमांड सेंटर से एक दिन में अधिकतम 1500 मरीजों से बात की गयी। 

कोरोना बीमारी का संक्रमण जब चरम पर था तब और आज भी लोगों का ध्यान कोविड सेंटर , आईसीयू में ही था। लेकिन जिला प्रशासन और चिकित्सकीय टीम ने एक वक्त के लिये भी घरों में बंद, होम आईसोलेशन की पीड़ा झेल रहे मरीजों को अकेला नहीं छोड़ा। इसने यह भी तय किया कि यदि कहीं मेडिकल किट ना पहुंचने की शिकायत हो तो वहाँ दवाईयां तत्काल उपलब्ध करवा कर स्वास्थ्य लाभ दिलाया जाए। कोरोना के कठिन समय में ऐसे बहुत से छुपे योद्धा हैं जो मीडिया या प्रचार-प्रसार से दूर रहते हुए ,संक्रमण के खतरों के बीच नियमित कर्तव्यवहन करते रहे।

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