(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) बच्चियों के पढ़ने से किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समाज का विकास होता है।बालिकाओं को शिक्षा देना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है।
उक्त आशय के सारगर्भित विचार इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने श्री रामकृष्ण विवेकानंद सेवाश्रम में स्वामी विवेकानंद जन्मोत्सव में मुख्य अतिथि की हैसियत से व्यक्त किए।उन्होंने आगे कहा कि मां शारदा कन्या विद्यापीठ पोड़की जिले की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में बालिका शिक्षा के लिए सबसे उत्कृष्ट संस्थान है।बालिकाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने श्री रामाकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम पोड़की के संचालक को धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने सुदूर अंचल में बच्चियों पर अपनी संस्था के माध्यम से विशेष ध्यान दिया।
युवाओं की भागीदारी
बिना कुछ संभव नहीं
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में
उपस्थित नर्मदा मिशन के संस्थापक समर्थ भइया जी सरकार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत गढ़ने के लिए युवाओं की भागीदारी आवश्यक है, युवा अर्थात् वायु जिसके प्रवाह को रोका नहीं जा सकता।
उपस्थित नर्मदा मिशन के संस्थापक समर्थ भइया जी सरकार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत गढ़ने के लिए युवाओं की भागीदारी आवश्यक है, युवा अर्थात् वायु जिसके प्रवाह को रोका नहीं जा सकता।
स्वामी जी के विचारों
को धारण करना होगा
कार्यक्रम अध्यक्ष कोमल छेड़ा जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि
स्वामी जी की तस्वीर लगा देने व जयंती मनाने मात्र से कुछ नहीं होगा बल्कि हमें उनके विचारों को धारण कर उस पथ पर चलने कि आवश्यकता है, इसकी एक झलक उनके जीवन में भी देखने को मिलता है।
स्वामी जी की तस्वीर लगा देने व जयंती मनाने मात्र से कुछ नहीं होगा बल्कि हमें उनके विचारों को धारण कर उस पथ पर चलने कि आवश्यकता है, इसकी एक झलक उनके जीवन में भी देखने को मिलता है।
किया गया पुनर्निर्मित
विद्यालय का उद्धघाटन
मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा विद्यापीठ के पुनर्निर्मित विद्यालय का उद्धघाटन दीप प्रज्वलन एवं नारियल फोड़कर किया गया। साथ ही जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्री प्रकाशमणि त्रिपाठी जी ने स्मार्ट क्लास का उद्धघाटन किया।इस कार्यक्रम के दौरान विद्यापीठ की बालिकाओं द्वारा प्रेरणादायक सांस्कृतिक कार्यक्रम,नृत्य, नाटक और गीत, कविता प्रस्तुत की गई जिसे देख जनजातीय विश्वविद्यालय की श्रीमती शीला त्रिपाठी भावुक हो उठी। विवेकान्द जन्मोत्सव के दौरान अंतरविद्यालयीन खेल प्रतियोगिता हेतु बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इसी बीच श्रीमती शीला त्रिपाठी ने विद्यापीठ की बच्चियों को आवश्यक वस्तुओं का एक-एक किट वितरण किया तथा सैनिटरी नैपकिन भी बच्चियों को दिया गया। कार्यक्रम में विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी को भी सम्मिलित किया गया जिसमें 40 प्रकार के प्रर्दशनियों को शामिल किया और छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।
ज्ञातव्य हो कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शो पर संचालित इस संस्था में स्वामी जी का जन्मोत्सव प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, इसी तारतम्य में संस्था द्वारा इस वर्ष भी महोत्सव का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि संस्था जिले के पुष्पराजगढ़ विकास खण्ड अंतर्गत 65 बैगा जनजाति गांव में सेवा कार्य कर रही है, स्वामी जी के नर सेवा नारायण सेवा के संकल्प को चरितार्थ कर रहा है।
इनकी रही प्रमुख
रूप से उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अरूण जी को बनाया एवं मुख्य वक्ता प्रो. आलोक श्रोतीय, सम्माननीय अतिथि अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, स्वामी शुद्दात्मानन्द, प्रो. संध्या गिहर, डॉ. शिखा बनर्जी, डॉ. रमेश बी, डॉ. कृष्णामणि, डॉ. हरित मीणा, डॉ. जानकी प्रसाद, डॉ. नागालिंगम, डॉ. विश्वजीत माझी उपस्थित रहे।
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