हिमांशु बियानी/जिला ब्यूरो
अनूपपुर (अंचलधारा) विधानसभा उपचुनाव के बाद तमाम समीक्षा में खुलकर यह बात सामने आई की 40 वर्षों तक कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे बिसाहूलाल सिंह के साथ दोस्ती और वफादारी करने वाले लोगों ने मिलकर कांग्रेस की नैया डुबो दी।ज्ञातव्य हो कि बिसाहूलाल सिंह के अभिन्न मित्र, घर के पड़ोसी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति विधानसभा चुनाव प्रभारी बनकर अनूपपुर में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे थे।वहीं जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल अपने पद का निर्वहन कर रहे थे। लेकिन यह दोनों केवल दिखावा कर कांग्रेस को अनूपपुर जिले में ठिकाना लगाने का काम भी कर रहे थे।दोनों ने वफादारी खुलकर निभाई जैसे कि पूर्व से ही लोगों को शंका थी कि यह दोनों कांग्रेस के लिए घातक हो सकते हैं लेकिन उसके बावजूद पार्टी के लोगों ने उन दोनों पर जमकर विश्वास किया जिसका नतीजा मतगणना के बाद सामने आ गया।परिणामत: मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष से त्यागपत्र लेना पड़ा।एक सर्वे में भी यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है की सही टिकट वितरण नहीं होने के कारण अनूपपुर उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।वहीं विधानसभा चुनाव प्रभारी की भूमिका भी चुनाव में अच्छी नहीं थी शुरू से ही वह विवादों में बने रहे।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ अनूपपुर जिले में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के पूर्व पूरी समीक्षा के बाद नए जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ चुनाव के पूर्व की गई तमाम नियुक्तियों को रद्द करने की भी कार्यवाही करने जा रहे हैं।देखना है कि आने वाले समय में कांग्रेस किसे अनूपपुर जिले की कमान सौंपने जा रही है और वह व्यक्ति कांग्रेस को स्थानीय निकाय चुनाव में सफलता दिलाने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर पाने में सफल होता है। कभी पूरे शहडोल संभाग के अंदर अनूपपुर से कांग्रेस की तूती बोलती थी लेकिन अब कांग्रेस पूरी तरह खंड खंड हो चुकी है कई गुटों में बिखर चुकी है।
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