(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) 40 वर्षों से कांग्रेस यानी बिसाहूलाल सिंह मात्र 1 नाम लोगों के दिलों दिमाग में छाया हुआ था। लेकिन अचानक बिसाहूलाल सिंह का कांग्रेस से मोह भंग होना और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के लिए विधायक पद से त्यागपत्र देना कांग्रेश के लिए सिरदर्द बन गया। परिणामत: उप चुनाव की स्थिति निर्मित हो गई । दावेदारों की फेहरिस्त में एक नहीं कई नाम उफन कर सामने आ गए और सभी दावेदार भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी दावेदारी के लिए ताल ठोक दिए। इसी बीच राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का एक नाम रमेश कुमार सिंह हवा के तूफान की तरह खुलकर सामने आ गया। जिससे तमाम दावेदार इस नाम को पचा नहीं पा रहे और वे दावेदार अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अपनी दावेदारी को फाइनल बताते हुए मतदाताओं के पास मत मांगने जाने लगे। जब गांवों में अलग-अलग समय में कांग्रेस पार्टी से मत मांगने के लिए अलग-अलग दावेदार मतदाताओं के पास पहुंचने लगे तो मतदाता भी कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर बहुत ज्यादा भ्रमित हो चुका है। जो भविष्य में कांग्रेश के लिए नुकसानदेह साबित होगा । जिला कांग्रेश अध्यक्ष को चाहिए कि तमाम दावेदार जो मैदान में खुलेआम अपने अपने लिए कांग्रेस पार्टी के नाम से वोट मांग रहे हैं इन्हें एक छत के नीचे लाकर फाइनल करें कि कौन सा उम्मीदवार कांग्रेश से चुनाव लड़ने के लिए सर्वे में सबसे आगे आया है। अगर कांग्रेस अभी लापरवाही की तो भविष्य उसके उम्मीदवार तय कर चुके हैं। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी केवल एक नाम को लेकर चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है उसी तरह कांग्रेस को भी एक मन बना कर मुकाबला करने के लिए एक प्रत्याशी का चयन अभी से फाइनल कर देना चाहिए। अन्यथा चुनाव के ऐन वक्त पर अगर बगावत हो गई तो कांग्रेस उस बगावत से तत्काल उभर नहीं पाएगी। कांग्रेस को एक अच्छे प्रत्याशी की जरूरत है इसके लिए जिन नामों की चर्चा मैदान में आ चुकी है उन नामों पर विचार होना जरूरी है। रमेश कुमार सिंह कौन है इस नाम से सभी वाकिफ हैं चाहे वह जिला कांग्रेश अध्यक्ष हो या पुष्पराजगढ़ कोतमा विधायक हो सभी लोग व्यक्तिगत रूप से रमेश कुमार सिंह से मिल चुके हैं। लेकिन वही हाल ही में आए विधानसभा के पूर्व स्पीकर के सामने एक विधायक जिनसे रमेश कुमार सिंह काफी पहले उनके निवास पर जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं और चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं उसके बाद जब रमेश कुमार सिंह के समर्थक लगभग 120 फोर व्हीलर से हजारों समर्थकों के साथ पर्यवेक्षक नर्मदा प्रसाद प्रजापति के पास टिकट की मांग को लेकर पहुंचे थे तो विधायक द्वारा यह कहा जाना कि रमेश कुमार सिंह कौन है उससे उनके समर्थकों में आक्रोश व्याप्त हो गया। किसी तरह एन.पी. प्रजापति द्वारा विवाद को शांत कराया गया। अन्यथा उस दिन विवाद लंबा खींच जाता ।लेकिन यह बात पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई जो कांग्रेस के लिए घातक हो गई । आज विधानसभा क्षेत्र में चारों तरफ रमेश कुमार सिंह के समर्थक उनकी अनुपस्थिति में एक एक गांव में दस्तक देकर उनके नाम का कांग्रेस का हवाला देकर प्रचार प्रसार पूरे जोरों के साथ कर रहे हैं। इस बात से जिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित दोनों विधायक भी वाकिफ हैं। उसके बाद अन्य कांग्रेश के प्रत्याशी दावेदार वह भी मैदान में उतर चुके हैं और प्रचार-प्रसार प्रारंभ कर दिए हैं। पंपलेट भी अपने नाम के बांटने लगे हैं । जबकि चुनाव अभी घोषित नहीं हुआ है । वहीं जिला कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों को किसी तरह की हिदायत भी नहीं दी गई है। अब देखना है आने वाले समय में कांग्रेश किस प्रत्याशी को मैदान में उतार रही है और उसके बाद अन्य प्रत्याशी जो चुनाव मैदान में उतर चुके हैं वह अपना क्या निर्णय कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में लेते हैं। वही सही मायने रखेगा । आज की परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह के सामने कांग्रेश कि कोई चुनौती नजर नहीं आ रही। क्योंकि वह तमाम गुटों में बट चुकी है और लगता नहीं की अंतिम दम में कांग्रेस के संभावित दावेदार टिकट नहीं मिलने पर मैदान से हट जाएं। अब इंतजार है उप चुनाव घोषणा की और पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा की।
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