अनूपपुर (अंचलधारा) उप चुनाव की घोषणा अब तक ना हुई लेकिन अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त चुनावी माहौल बन चुका है। भाजपा की टिकट पूरी तरह से फाइनल ही दिख रही है की पूर्व विधायक एवं वर्तमान कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ही अब भाजपा से विधायक पद के उम्मीदवार होंगे। जबकि कांग्रेस में तमाम नामों के आगे केवल एक नाम जनता की पसंद बन चुका है वह है राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रमेश कुमार सिंह। जिनके नाम को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में काफी जोश और खरोश है। हालांकि रमेश कुमार सिंह अभी मैदान में उतरे नहीं है शासकीय ड्यूटी में सेवारत हैं। लेकिन उनका नाम कार्यकर्ताओं की बदौलत जनता की पहली पसंद बन चुका है। उप चुनाव घोषित नहीं होने से कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन भाजपा ने अनाधिकृत रूप से अपने पत्ते खोल चुकी है बिसाहूलाल सिंह की उम्मीदवारी लगभग तय हो चुकी है। लेकिन कांग्रेस की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस की स्थिति आज भी बरकरार है। लेकिन तमाम कांग्रेस के नामों के आगे मात्र रमेश कुमार सिंह ही बिसाहूलाल सिंह को चुनौती देते दिख रहे हैं। कांग्रेश के काफी कार्यकर्ता गांव गांव जाकर रमेश कुमार सिंह के नाम पर प्रचार प्रसार जोरो से कर रहे हैं और जनता को जब कार्यकर्ता बता रहे हैं कि राज्य प्रशासनिक सेवा के यह अधिकारी हैं और यह जनहित के लिए मैदान में नौकरी छोड़ कर आ रहे हैं तो जनता इनके नाम से काफी खुश नजर आ रही है। बताते हैं कि रमेश कुमार सिंह विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के निवासी तो है ही साथ ही इनकी ससुराल अनूपपुर में है जिससे उनको अच्छा खासा समर्थन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में मिलता दिख रहा है। आज अनूपपुर में 1,64,248 मतदाता हैं, जिसमें 84,848 मतदाता पुरुष और 79,397 मतदाता महिला है। अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में काफी लंबे समय से बिसाहूलाल सिंह एवं रामलाल रौतेल का कब्जा बना आया था। लेकिन जब रमेश कुमार सिंह का नाम अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए जनता के पटल पर आया तो जानता ने एक बारगी में उनकी उम्मीदवारी को दिल से पसंद कर लिया। नाम तो कांग्रेस में कई चले लेकिन उन सभी नामों को जनता ने नकार दिया। मतदाता अब सोहागपुर विधानसभा में जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा को किनारे कर शबनम मौसी एकदम नया कैंडिडेट को विजय श्री दिलाया था ठीक उसी तरह जब जनता के पटल पर रमेश कुमार सिंह राज्य प्रशासनिक अधिकारी का नाम आया तो जनता ने मतदाताओं ने उसे अपना पसंदीदा बना लिया। हालांकि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने आज तक इस बात का खंडन नहीं किया कि उनका नाम राजनीति में क्यों घसीटा जा रहा है। यह एक ऐसा नाम है जो लोकसभा के लिए भाजपा से आया था लेकिन हिमाद्री सिंह के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने से यह नाम साइड हो गया। लेकिन बिसाहूलाल सिंह के अचानक भाजपा में पलटी मारने से अनूपपुर विधानसभा नेता विहिन नजर आने लगा। लेकिन अचानक सुर्ख़ियों में जब रमेश कुमार सिंह का नाम हवा जैसे उड़ कर आया तो कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता में दमखम आ गया जोश खरोश आ गया। अब लोगों को इंतजार है चुनाव के घोषणा की और कांग्रेस पार्टी द्वारा रमेश कुमार सिंह के नाम को हरी झंडी दिखाने की। वैसे रमेश कुमार सिंह के नाम पर कांग्रेस के अलग-अलग ग्रुप शहर से लेकर गांव तक उनके नाम का प्रचार प्रसार काफी तेजी से कर रहे हैं। जिससे अब उनका नाम लोगों के दिलों दिमाग में तेजी से छाने लगा है। अब आवश्यकता है कि कांग्रेस के आलाकमान कांग्रेश के चुनाव प्रभारी खुलकर रमेश कुमार सिंह के नाम को हरी झंडी दिखा दे तो आने वाले समय में जब रमेश कुमार सिंह एक एक गांव के एक एक घर में दस्तक देंगे तो उनके दस्तक देने का रिजल्ट भी अलग होगा। अचानक प्रत्याशी घोषित होने पर गांव के हर कोने तक प्रत्याशी का पहुंच पाना संभव नजर नहीं आता। इसके लिए जरूरी है कि चुनाव के इंतजार के बिना प्रत्याशी को भारतीय जनता पार्टी की तरह फ्री हैंड कर दें तो निश्चित ही कांग्रेस पार्टी अपने उद्देश्यों पर खड़ी उतरने में सफल होगी। आज जिस तरह से गांव गांव में बिसाहूलाल सिंह एवं रामलाल रोतेल को लोग उनके नाम से जानते हैं वही पहचान रमेश कुमार सिंह को दिलानी होगी। चुनौती भाजपा को केवल इसी एक नाम से मिलती दिख रही है। इसके लिए अब कांग्रेस को ज्यादा सोच विचार और सर्वे नहीं करना चाहिए। इसके अलावा बाहरी किसी भी प्रत्याशी को अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता नकार देंगे। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह निजी हित को लेकर नहीं बल्कि जनहित को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी। उसके इस बयान के हिसाब से रमेश कुमार सिंह पूरी तरह से फिट बैठते हैं कोई कमी नहीं है उनके पास बस जनहित ही उनका उद्देश्य रहेगा।
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