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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में डिजिटल प्लेटफार्म पर मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग विश्व को भारत का अप्रतिम योगदान - प्रो. त्रिपाठी

  (हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अमरकटंक (अंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में योग विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 विश्व भर में फैली महामारी कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष डिजिटल प्लेटफार्म पर मनाया गया। योग दिवस हर वर्ष एक निश्चित थीम पर मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ’’घर पर योग एवं परिवार के साथ योग’’ थी जिसे आयूष मंत्रालय के द्वारा एक निश्चित योग प्रोटोकॉल के अनुसार प्रातः 07 बजे से 09 बजे तक मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि संपूर्ण विश्व भारतवासियों के लिए एक परिवार है आज ’वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के अनुरूप संपूर्ण विश्व समुदाय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। अहिंसा और योग विश्व को भारत के विशिष्ट अवदान है। जिसमे योग का स्थान अप्रतिम है। योग के नियमित अभ्यास से व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकता है तथा वैश्विक महामारी कोविड-19 से भी बच सकता है। हमारे देश में योग का सनातन विधान है, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। योग का अर्थ जोड़ होता है। योग अर्थात धर्म एवं मर्म का जोड़, मंतव्य एवं गंतव्य का जोड़, आत्म एवं परमात्म का जोड़। जहां भी जुड़ने से हमारी श्रेष्ठता निर्धारित होती है और हम उन्नति की ओर अग्रसर होते है। योग से शरीर मन एवं बुद्धि का परिष्कार होता है। गीता में कहा गया है कि ’योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात कर्मों में कुशलता का भाव ही योग है। योग के माध्यम से हम चित्तवृत्तियों का नियंत्रण करते हैं।

इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में डिजिटल प्लेटफार्म पर उपस्थित विश्वविद्यालय की प्रथम महिला श्रीमति शीला त्रिपाठी जी, प्रो. संध्या गिहर, प्रो. नीति जैन, प्रो. एन.एस. हरिनारायण मूर्ति, कुलसचिव सिलुवैनाथन, डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. श्याम सुंदर पाल एवं समस्त अधिकारी, कर्मचारी, एवं विद्यार्थीयों ने हिस्सा लिया। अंत में योग संकाय के अधिष्ठाता प्रो. आलोक श्रोत्रिय के द्वारा धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया गया।

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