अनूपपुर (अंचलधारा) विधानसभा के उपचुनाव को लेकर अनूपपुर में भी राजनैतिक माहौल गरमाने लगा है । जगह जगह बैठकों का दौर चलने लगा दोनों राष्ट्रीय दल अपने अपने कार्यकर्ताओं को लेकर बैठक करने लगे ।रणनीति बनने लगी, भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी लगभग तय है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में जाने से कशमकश स्थिति बन गई। क्योंकि 40 वर्षों से कांग्रेसमें बिसाहूलाल सिंह का जनाधार, एकाधिकार था। इनके आगे कोई दमदार नेता सामने नहीं आ पाया। बल्कि गुटों में कुछ नेता समाहित रहे जो खुलकर मैदान में नहीं उतरे। आज कांग्रेस में एक नौकरी कर रहे युवा का नाम सुर्ख़ियों में सबसे आगे चल रहा है। पूर्व में लोकसभा चुनाव के पहले इस युवा का नाम भाजपा से सामने चर्चा में आया था। लेकिन अचानक कांग्रेस नेत्री हिमाद्री सिंह के भाजपा में चले जाने से उनका नाम दब गया और भाजपा ने हिमाद्री सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। बात वहीं पर रुक गई लेकिन जब बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा तो फिर वही नौकरी कर रहे युवा का नाम खुलकर सामने आने लगा और पता चला है कि ऊपर से नीचे तक उसके अपने लोग उनका नाम प्रपोज कर कांग्रेस में दमखम भरने का कार्य प्रारंभ कर दिए हैं। उसके बावजूद युवा नेतृत्व राजीव सिंह को मैदान में उतारने का मन बना लिया है। वही विश्वनाथ सिंह ,उमाकांत उइके, बिसाहूलाल कुलहारा, ममता सिंह ,आदि का नाम भी चर्चाओं में व्याप्त है। सभी जिला कांग्रेस अध्यक्ष के मार्फत अपना अपना नाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेज दिया है। वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय कमलनाथ ने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा है कि आप लोग अपने क्षेत्र में काम कीजिए। बिसाहूलाल सिंह भाजपा में क्यों गए हैं इसको गांव गांव तक पहुंचाइए। हमारी सर्वे टीम आपके क्षेत्र में आकर हमें अपनी रिपोर्ट सौंपैगी उसके बाद फाइनल निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप लोग एकजुटता के साथ अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से बिसाहूलाल सिंह को पराजित कर सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दीजिए। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट के बाद जिसे भी टिकट मिले उसके लिए सभी मिलकर काम करें। लेकिन पता चला है कि पुराने कांग्रेश के नेता विधानसभा उम्मीदवार के प्रत्याशी नए युवा को जो सरकारी नौकरी में है वह उसे नहीं पचा पा रहे। उनकी सोच है कि उनका भविष्य खराब हो जाएगा। इसलिए वे एन केन प्रकारेण किसी भी रूप में कांग्रेस की टिकट चाहते हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के बाद क्या स्थिति निर्मित होती है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लगभग तय है की बिसाहूलाल सिंह भाजपा से प्रत्याशी होंगे। क्योंकि सरकार भाजपा की बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। लेकिन पूर्व विधायक रामलाल रौतेल को एडजस्ट कर पाना अभी तक संभव नहीं दिख रहा है। कभी बिसाहूलाल सिंह और रामलाल रौतेल आमने सामने होते थे लेकिन अब रामलाल की सीट पर बिसाहूलाल सिंह । होने से रामलाल के लोग काफी परेशान नजर आ रहे हैं। वही बिसाहूलाल सिंह के साथ नए-नए कांग्रेश के लोग जो भाजपा में शामिल हो रहे हैं वह अब सामने दिखने लगे। वही पुराने लोग उस भीड़ से अलग अलग नजर आ रहे हैं और स्वाभाविक है कि रामलाल रोतेल की टिकट काटना ,पूर्व में भाजपा शासन में मंत्री पद कटना अंदर ही अंदर उन्हें बिसाहूलाल सिंह की तरह विचलित कर रहा है। वहीं कांग्रेस के डोरे भी उन पर डरने लगे हैं। अभी की स्थिति में कशमकश बरकरार है। अब चुनावी घोषणा तक में राजनीतिक उठापटक क्या रंग दिखाएगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
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