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इस बार घरों में ही पूजा अर्चना एवं दीप जलाकर परशुराम जयंती मनायें:समाज सुधार एवं सेवा समिति ने लिया निर्णय


अनूपपुर (अंचलधारा) 26 अप्रैल को भगवान परशुराम जयंती का पर्व इस वर्ष लाकडाऊन तथा कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुगण अपने-अपने घरों में पूजा-अर्चना करके पशु पक्षियों के लिये पानी की व्यवस्था करके मनाएगें। ब्राह्मण समाज सुधार एवं सेवा समिति के जिलाध्यक्ष रामनारायण उर्मलिया ने समाज से अपील की है कि भगवान परशुराम जयंती इस वर्ष 26 अप्रैल, रविवार को है, इसे अक्षय तृतीया भी कहते हैं। प्रतिवर्ष भगवान परशुराम जी की शोभायात्रा निकाली जाती थी, जो इस वर्ष नहीं निकाली जाएगी। समाज के पदाधिकारियों ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया है कि लाकडाऊन के नियमों को पूरी तरह मानते हुए इस वर्ष अपने-अपने घरों में पूजा अर्चना कर शायं एक दीपक जलाकर कोरोना से देश एवं विश्व के लोगों की रक्षा के लिये प्रार्थना करेगें तथा पशु पक्षियों के लिये पेयजल की व्यवस्था करेंगे।भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम जी की जयंती इस वर्ष 26 अप्रैल 2020 दिन रविवार को मनाई जाएगी। प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। इसी तिथि को हिन्दू धर्म का एक बड़ा पर्व अक्षय तृतीया भी मनाया जाता है।
जिले भर में भगवान परशुराम जयंती पर हर साल निकाली जाने वाली शोभायात्रा इस बार नहीं निकाली जाएगी। समाज के लोग अपने घरों में भगवान परशुराम की पूजा करके दीपक जलाएंगे, ऐसा निर्णय समाज की ओर से लिया गया है। समाज सुधार एवं सेवा समिति के समस्त पदाधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि दुनिया कोरोना के संक्रमण से जूझ रही है। जिलेभर में लॉकडाउन है। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोशल डिस्टेंस का पालन करें और शहर को कोरोना संक्रमण से बचाने में सहयोग करें। समिति के जिलाध्यक्ष रामनारायण उरमलिया ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी को नियमों का पालन करना है। इसलिए इस बार यह निर्णय लिया गया है। शहर में समाज के लोग अपने घरों में भगवान परशुराम की पूजा करेंगे। इसके साथ ही वे अपने घरों की छतों और बालकनी में 1 से अधिक दीप जलाकर कोरोना महामारी के कारण परेशान लोगों को भलाई के लिए भगवान परशुराम से प्रार्थना करेंगे कि यह महामारी जल्द-जल्द से खत्म हो और इसके चपेट में आए लोग स्वास्थ्य हो सकें। साथ ही इस दिन पेयजल दान करने का महत्व है इसलिए गर्मी के मौसम को देखते हुए पशु पक्षियों के पीने के पानी का प्रबंध करें।

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