(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) राजनीति में कब उठापटक हो जाए इसका आकलन अच्छे-अच्छे पंडित भी नहीं कर पाते। कभी लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी कि सन 1980 से कांग्रेस पार्टी में विधायक बनकर जिस बिसाहूलाल सिंह ने विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई, अनूपपुर उप तहसील को तहसील फिर जिला मुख्यालय जैसा कद दिलाया, जिला अनूपपुर बनाकर लाख विरोध के बाद भी एक नया इतिहास रचाया। लेकिन एकाएक ऐसा तूफान विधायक बिसाहूलाल सिंह के जीवन में आया कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रम को एकाएक निरस्त कर किसी साजिश के तहत भोपाल, दिल्ली, बेंगलुरु आदि स्थान पर चले गए। पहली बार उनका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ रहा। लोगों के संपर्कों से वह काफी दूर चले गए। तमाम तरह के कयास लोग लगाते रहे लेकिन बिसाहूलाल सिंह की चुप्पी लोगों के समझ में नहीं आई। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दिग्गी राजा ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि बिसाहूलाल सिंह कब वापस आएंगे इसकी जानकारी भाजपा के अरविंद भदोरिया से लें वही साथ लेकर गए हैं। इससे लोगों में तमाम तरह की अटकलें लगने लगी लोग समझ नहीं पा रहे थे कि इतने वरिष्ठ नेता कैसे भाजपा के साथ जा सकते हैं। यह लोगों की मानसिकता में खरा नहीं उतर रहा था। लेकिन काफी दिन बाद जब यह फाइनल हो गया के विधायक बिसाहूलाल सिंह बेंगलुरु में है तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ को अपने मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को बेंगलुरु भेजना पड़ा। जहां से वह विधायक बिसाहूलाल सिंह को लेकर इंदौर होते हुए भोपाल पहुंचे। विधायक बिसाहूलाल सिंह की जो फोटो बेंगलुरु हवाई अड्डे से वायरल हुई उसमें उनके चेहरे को लोगों ने पढ़ा तो लगा कि काफी परेशानियों के बाद मुक्त होकर आ रहे हैं। भोपाल आने के बाद सबसे पहले वे माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास गए। वहां उनके प्रति अपनी आस्था व्यक्त की लेकिन अपनी नाराजगी को भी खुलकर व्यक्त की जिसे मुख्यमंत्री ने सुना और आश्वस्त किया कि भविष्य में नाराजगी दूर कर दी जाएगी। उसके बाद अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए भी उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी नाराजगी अभी भी कमलनाथ से है। अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो भविष्य में वह फिर से तीर्थ यात्रा पर निकल जाएंगे। अनेकों कांग्रेस जन उनके निवास पर एकत्रित थे होली के समय उनका अनूपपुर आगमन भी सुनिश्चित था । लेकिन अचानक अपने यहां पहुंचे कांग्रेसी नेताओं को रवाना कर उनने अपनी मानसिकता बदल डाली और अचानक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और पत्रकारों के सामने अपने दुख दर्द उपेक्षा को बताते हुए कहा कि अब शिवराज हमारे नेता हैं। उन्होंने पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास प्रकट किया और कहां की अब वे अपने क्षेत्र का विकास शिवराज के नेतृत्व में करेंगे। जैसे ही यह हवा प्रदेश मै फैली तो सहसा लोगों को विश्वास नहीं हुआ और पूरा कांग्रेस वर्ग उसके बाद भी विश्वास नहीं किया सोचा हैप्पी होली विधायक मना रहे हैं। लेकिन विधायक बिसाहूलाल सिंह ने अपना इस्तीफा विधानसभा से भी भेज दिया जब जाकर लोगों के दिमाग घूम गए लोग अपने मोबाइल नहीं उठा रहे थे कि विधायक को लेकर अपना स्पष्टीकरण दे सकें। लेकिन धीरे-धीरे जब यह फाइनल हो गया की विधायक बिसाहूलाल सिंह अब भाजपा के हो गए हैं तो काफी हमदर्दो ने यह जवाब दिया के विधायक बिसाहूलाल सिंह का यह व्यक्तिगत निर्णय है कांग्रेस वाले कांग्रेस में ही हैं। लेकिन काफी कांग्रेसी जो विधायक बिसाहूलाल सिंह से संपर्क रखते हैं उनका कहना है कि वह विधायक के साथ हैं अभी लोग विधायक बिसाहूलाल सिंह के अनूपपुर आगमन का इंतजार कर रहे हैं उसके बाद पूरी स्थिति स्पष्ट होगी कि कितने बिसाहूलाल सिंह के साथ हैं। अभी तो लोग सरकार बनने का इंतजार भी कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो विधायक बिसाहूलाल सिंह को मध्यप्रदेश में भाजपा मंत्री बनाएगी। अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो ऐसा लगता है कि काफी कांग्रेस जन भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे और अपने विधायक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। क्योंकि विधायक पद का त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद 6 माह के अंदर प्रदेश में उपचुनाव होंगे जिसमें भाजपा एक बार बिसाहूलाल सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारेगी ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने बिसाहूलाल सिंह के भाजपा प्रवेश पर स्वागत किया है। और कहा कि उनके अनुभवों का फायदा भी भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा। विधायक बिसाहूलाल सिंह भाजपा में शामिल होते ही अपने खासम खास जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल को निशाना बनाया है। उन्होंने अपने हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहां है कि जयप्रकाश को मैंने कभी भी अपना नहीं माना ना मानूंगा। यह त्रेता युग के विभीषण है। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश का मैं कभी नेता नहीं रहा बल्कि जयप्रकाश सदैव मेरा नेता रहा। उन्हीं के मार्गदर्शन और निर्देश पर श्रीमती गीता सिंह को नगर पंचायत का अध्यक्ष पद का टिकट दिलाया उन्हीं के निर्देश और आदेश पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह को जिला कांगे्रस अध्यक्ष पद से अलग कराया। यही नहीं जयप्रकाश सदैव मेरे से अपना खास लगाव बता कर अपना वर्चस्व कायम रखा। जिससे विधायक बिसाहूलाल सिंह ने सावधान रहने की अपील की है। विधायक बिसाहूलाल सिंह ने स्पष्ट किया कि वे अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ हैं चाहे वह किसी दल के हो जो मेरे जिले के विकास में शामिल है।
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