(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) रेलवे स्टेशन वेंकटनगर में बिलासपुर से कटनी जाने वाली मेमू ट्रेन 68747 दुर्घटना होने से बाल बाल बच गयी। ट्रेन आने के इंतज़ार में वेंकटनगर स्टेशन में बैठे यात्री दिलीप दुबे और कामता यादव ने
प्लेटफॉर्म की पटरी टूटी हुई देखकर तत्काल इसकी सूचना वेंकटनगर स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने तत्काल रेलवे पोर्टर को भेजकर ट्रेन को प्लेटफार्म में प्रवेश करने से पहले ही लाल झण्डी दिखाकर ट्रेन को रुकवाया। जिस पर ड्राइवर ने टूटी पटरी के कुछ दूर पहले ही ट्रेन को रोक लिया ट्रेन को 09:33 मिनट पर वेंकट नगर स्टेशन पहुंचना था लेकिन उसे 21 मिनिट नियंत्रित करने के बाद धीरे धीरे आगे के लिए रवाना किया गया। जिससे बड़ा हादसा होते होते बच गया। यदि टूटी रेल पटरी पर मेमो ट्रेन अपनी स्पीड पर आती तो कोई भयावह हादसा घटित हो सकता था। लेकिन रेल यात्रियों की सतर्कता एवं जागरूकता के चलते एक बड़ा भयावह हादसा टल गया। रेल पटरी कैसे टूटी यह जांच का विषय है ? अगर इस ओर ध्यान न दिया जाता तो कोई भी गंभीर हादसा इस रेल ट्रैक पर घटित हो जाता । चाहे वह यात्री गाड़ी होती या फिर गुड्स ट्रेन। रेलवे से अपेक्षा है की रेल लाइन की बराबर जांच की जाए जिससे किसी तरह की दुर्घटना का अंदेशा इस रेल लाइन पर नहीं रहे।
प्लेटफॉर्म की पटरी टूटी हुई देखकर तत्काल इसकी सूचना वेंकटनगर स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने तत्काल रेलवे पोर्टर को भेजकर ट्रेन को प्लेटफार्म में प्रवेश करने से पहले ही लाल झण्डी दिखाकर ट्रेन को रुकवाया। जिस पर ड्राइवर ने टूटी पटरी के कुछ दूर पहले ही ट्रेन को रोक लिया ट्रेन को 09:33 मिनट पर वेंकट नगर स्टेशन पहुंचना था लेकिन उसे 21 मिनिट नियंत्रित करने के बाद धीरे धीरे आगे के लिए रवाना किया गया। जिससे बड़ा हादसा होते होते बच गया। यदि टूटी रेल पटरी पर मेमो ट्रेन अपनी स्पीड पर आती तो कोई भयावह हादसा घटित हो सकता था। लेकिन रेल यात्रियों की सतर्कता एवं जागरूकता के चलते एक बड़ा भयावह हादसा टल गया। रेल पटरी कैसे टूटी यह जांच का विषय है ? अगर इस ओर ध्यान न दिया जाता तो कोई भी गंभीर हादसा इस रेल ट्रैक पर घटित हो जाता । चाहे वह यात्री गाड़ी होती या फिर गुड्स ट्रेन। रेलवे से अपेक्षा है की रेल लाइन की बराबर जांच की जाए जिससे किसी तरह की दुर्घटना का अंदेशा इस रेल लाइन पर नहीं रहे।
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