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दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त

 

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा रविन्द्र कुमार शर्मा के न्यायालय से आरोपी पूरन बंसल पिता जीवन बंसल उम्र 28 निवास कनई टोला थाना बिजुरी की जमानत याचिका निरस्त की गई।
मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने  राजगौरव तिवारी एडीपीओ के हवाले से बताया गया कि मामला थाना बिजुरी के अ.क्र.163/20 धारा 376 डी भादवि से संबंधित है जिसमें आरोपीगण पीडिता के घर के आगन के पास आए और कहने लगे कि तुम्हारे पति को पुलिस ले गई जिससे पीडिता डरकर 1090 में फोन लगाई और बोली कि आरोपीगण मेरे साथ गलत करने वाले है तो वो बोले गाडी भेज रहा हू तभी आरोपीगण पीडिता का दोनो हाथ एवं पैर पकडकर घर से निकाले एवं जब पीडिता को जबरदस्ती ले जा रहे थे तभी पीडिता की बडी बेटी ने पीडिता के पिता को बुला लाई तब पिता ने आरोपीगण से कहा कि ‘‘पापी हो क्या, क्यू ऐसा कर रहे हो’’ फिर भी आरोपीगण पीडिता को घर के सामने लगे कौहा के पेड के नीचे ले जाकर जबरदस्ती बलात्कार किया जिसे थाना बिजुरी द्वारा उक्तानुसार अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
आरोपी ने यह लिया था आधार-आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि आरोपी को झूठा फसाया गया है आरोपी अपने घर का एक मात्र कर्ता धर्ता है फरार होने की संभावना नही है जमानत की शर्ताे का पालन करने के लिए तैयार है। आरोपी नवयूवक है जेल जाने पर उनका भविष्य प्रभावित होगा इसलिए जमानत का लाभ दिया जाए।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-उक्त आवेदन पत्र अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि अपराध पीडिता के साथ दुष्कर्म से संबंधित धारा 376डी भादवि से संबंधित है जो कि आजीवन कारावास से दण्डनीय गंभीर प्रकृति का है। महिलाओं के विरूद्ध यौन हिंसा की बढ रही घटनाओं को देखते हुए आरोपी को जमानत दिए जाने पर समाज में बुरा संदेश जाएगा आरोपी को जमानत का लाभ दिए जाने पर वह साक्ष्य प्रभावित कर सकता है व फरार हो सकता है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्काे से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439द.प्र.स. निरस्त कर दिया।

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