(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) शहडोल संभाग की एकमात्र सामान्य सीट कोतमा विधानसभा पर सबकी निगाहें हमेशा चुनाव के समय लगी रहती हैं।लेकिन इस बार मध्यप्रदेश के डॉक्टर मोहन यादव के मंत्रिमंडल विस्तार में कोतमा विधानसभा के विधायक दिलीप जायसवाल को स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री का दर्जा देकर शहडोल संभाग में अनूपपुर जिले का मान बढ़ाया है।
जिले की कोतमा सामान्य सीट से दिलीप जायसवाल दूसरी बार के विधायक हैं।इन्हें तीन बार विधानसभा की टिकट कोतमा विधानसभा से दी गई लेकिन एक बार यह चुनाव हारने के कारण दो बार के विधायक के रूप में जाने जाते हैं।
कोतमा विधानसभा से दिलीप जायसवाल सबसे पहले 2008 में विधायक चुने गए थे,इसके बाद उन्हें 2018 में भी टिकट मिला था लेकिन हार गए थे।तीसरी बार उन्हें विधानसभा का प्रत्याशी 2023 में बनाया गया और उन्होंने 22 हजार 788 मतों से अनूपपुर जिले में ऐतिहासिक जीत हासिल की और डॉ.मोहन यादव के मंत्रिमंडल में उन्हें स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ।
कोतमा विधायक दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने से संपूर्ण शहडोल संभाग में खुशी की लहर व्याप्त हो गई।
मध्यप्रदेश के स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल का जन्म 3 सितंबर 1961 को हुआ था।उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है।1982 में संघ में शामिल हुए और भाजपा में पूरी तरह से समर्पित होकर कार्यकर्ता के तौर पर लगातार आगे बढ़ते रहे।दिलीप जायसवाल 1986 में वह भाजपा के नगर अध्यक्ष बनाए गए।इसके पश्चात वह 1990 में नगर पालिका बिजुरी से पार्षद भी निर्वाचित हुए। इसके पश्चात 1995 में जब अनूपपुर जिला अस्तित्व में नहीं आया था और संयुक्त शहडोल जिला था तो भाजपा संगठन में उन्हें जिला मंत्री का दायित्व दिया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनूपपुर का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया।इसके बाद वह पहली बार वर्ष 2008 में कोतमा विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत कर आए।इसके पश्चात 2018 में भी पार्टी ने विधायक उम्मीदवार घोषित किया लेकिन इस बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2023 में फिर से चुनाव में इन्होंने जीत दर्ज की।दिलीप जायसवाल प्रदेश कार्य समिति सदस्य विशेष आमंत्रित और प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना प्रदेश सहसंयोजक का दायित्व भी निभाया।
जिले की कोतमा सामान्य सीट से दिलीप जायसवाल दूसरी बार के विधायक हैं।इन्हें तीन बार विधानसभा की टिकट कोतमा विधानसभा से दी गई लेकिन एक बार यह चुनाव हारने के कारण दो बार के विधायक के रूप में जाने जाते हैं।
कोतमा विधानसभा से दिलीप जायसवाल सबसे पहले 2008 में विधायक चुने गए थे,इसके बाद उन्हें 2018 में भी टिकट मिला था लेकिन हार गए थे।तीसरी बार उन्हें विधानसभा का प्रत्याशी 2023 में बनाया गया और उन्होंने 22 हजार 788 मतों से अनूपपुर जिले में ऐतिहासिक जीत हासिल की और डॉ.मोहन यादव के मंत्रिमंडल में उन्हें स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ।
कोतमा विधायक दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने से संपूर्ण शहडोल संभाग में खुशी की लहर व्याप्त हो गई।
मध्यप्रदेश के स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल का जन्म 3 सितंबर 1961 को हुआ था।उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है।1982 में संघ में शामिल हुए और भाजपा में पूरी तरह से समर्पित होकर कार्यकर्ता के तौर पर लगातार आगे बढ़ते रहे।दिलीप जायसवाल 1986 में वह भाजपा के नगर अध्यक्ष बनाए गए।इसके पश्चात वह 1990 में नगर पालिका बिजुरी से पार्षद भी निर्वाचित हुए। इसके पश्चात 1995 में जब अनूपपुर जिला अस्तित्व में नहीं आया था और संयुक्त शहडोल जिला था तो भाजपा संगठन में उन्हें जिला मंत्री का दायित्व दिया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनूपपुर का जिलाध्यक्ष भी बनाया गया।इसके बाद वह पहली बार वर्ष 2008 में कोतमा विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत कर आए।इसके पश्चात 2018 में भी पार्टी ने विधायक उम्मीदवार घोषित किया लेकिन इस बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2023 में फिर से चुनाव में इन्होंने जीत दर्ज की।दिलीप जायसवाल प्रदेश कार्य समिति सदस्य विशेष आमंत्रित और प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना प्रदेश सहसंयोजक का दायित्व भी निभाया।
धर्म पत्नी रह चुकी हैं बिजुरी
नगर पालिका की अध्यक्ष
नगर पालिका की अध्यक्ष
मध्यप्रदेश के नवनियुक्त स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल की पत्नी अर्चना जायसवाल पूर्व में बिजुरी नगर पालिका से अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी।दिलीप जायसवाल स्नातक की शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। इनके एक पुत्र तथा एक पुत्री है जिसमें उनकी पुत्री चिकित्सक हैं।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिजुरी नगर के चुन्नीलाल खेड़िया स्कूल में हुई।जहां 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात कोतमा के महाराजा मार्तंड महाविद्यालय से उन्होंने कला संकाय में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिजुरी नगर के चुन्नीलाल खेड़िया स्कूल में हुई।जहां 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात कोतमा के महाराजा मार्तंड महाविद्यालय से उन्होंने कला संकाय में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की।
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