(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) बुधवार एवं गुरुवार की मध्य रात्रि एक हाथी द्वारा वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत पगना के कचराटोला में पूरी रात दो घरों में उत्पात मचाते हुए एक घर का दरवाजा तोड़ दूसरे घर के परछी में रखें धान,गेहूं सहित अनाज को खा लिया तथा घर में रखें खाट एवं अन्य उपयोगी सामानों को तोड़-फोड़ कर फैला दिया।
अचानक हाथी के आने की आहट-देख,सुनकर ग्रहणी घर से भाग कर तथा दूसरे घर के ग्रामीण छोटे बच्चों के साथ भाग कर अपनी जान बचाई।ग्रामीणों को यह अंदेशा भी नहीं था कि अचानक हाथी उनके जंगल के किनारे स्थित घर पर अचानक आ धमकेगा।
गुरूवार को ग्रामीणों के घरों के निरीक्षण में जाने दौरान ग्रामीणों ने पिछले माह अगस्त-सितंबर में भी पांच हाथियों के समूह द्वारा इस मोहल्ले में किए गए नुकसान का अब तक मुआवजा न मिलने पर वन विभाग एवं ग्रामीण जनपतिनिधियो को खरी खोटी सुनायी।वही एक अकेला हाथी पूरी रात वन विभाग एवं ग्रामीणों के साथ लुका-छिपी का खेल खेलते हुए गुरुवार की सुबह दुधमनिया बीट के कक्ष क्र.आर एफ.355 के जंगल में जाकर बरमसीया की झाड़ियो में छिपकर आराम कर रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार एक नर हाथी बुधवार की शाम बांका के जंगल से निकल कर रात 7 बजे के लगभग पगना गांव की कछराटोला जो बड़वार नाला एवं तिपान नदी के मध्य स्थित है में जंगल के किनारे तथा गांव के बाहर अपने खेतों में विगत कई वर्षों से घर बनाकर रह रहे उदय सिंह पिता रामलाल सिंह गोंड के घर में अचानक आ गया।घर की बहार आग ताप रही ग्रहणी छत्रवती सिंह अचानक आंगन में आए हाथी को देखकर अपनी जान बचाते हुए भाग कर पड़ोसी के घर जाकर पति एवं पड़ोसियों को जानकारी दी।इस दौरान हाथी को भागने के लिए प्रयास किए गए तो हाथी द्वारा ग्रामीणों को दौड़ाया।पूरी रात हाथी एक बार उदय सिंह के परछी में रखें गेहूं,चावल,दाल,मसूर, मूंगफली आदि को अपना आहार बनाता हुआ कुछ देर बाद पड़ोस में बेटेलाल सिंह पिता सेमलु सिंह के प्रधानमंत्री आवास में पहुंचकर दरवाजे को तोड़ते हुए कमरे के अंदर रखे धान को खाता हुआ आंगन में रखे गए धान के पैरा को हटा कर बैठ कर,लेट कर आराम करता रहा।जो कुछ देर आराम करने बाद फिर से घर के अंदर रखे धान को खाता हुआ उदय सिंह के परछी में पहुंचकर अनाज को खाया तथा खेत,बांड़ी में लगे पांच केला के पेड़ों को उखाड़ कर,फेंक कर,तोड़कर खाया।पूरी रात एक हाथी द्वारा मचाए गए उत्पात से दोनों परिजन परेशान रहे हैं।
जबकि आसपास के और तीन-चार घरों के निवासी घर छोड़कर दूसरे स्थान पर चले गए। सुबह होने पर यह हाथी पगना गांव के कक्ष क्रमांक आर.एफ.355 के जंगल में जाकर बरमसिया की झाड़ियां में छिपकर आराम करता दिखा जो देर शाम,रात को किस ओर रुख करेगा यह देर शाम-रात होने पर ही पता चल सकेगा।
गुरुवार की सुबह वन विभाग का मैदानी अमला एवं ग्राम पंचायत पगना के जनप्रतिनिधि स्थल पर पहुंचे तो मोहल्ला वासियों ने पिछले माह अगस्त,सितंबर में आए पांच हाथियों द्वारा किए गए घरों,फसलो के नुकसान का अब तक मुआवजा न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की है।
अचानक हाथी के आने की आहट-देख,सुनकर ग्रहणी घर से भाग कर तथा दूसरे घर के ग्रामीण छोटे बच्चों के साथ भाग कर अपनी जान बचाई।ग्रामीणों को यह अंदेशा भी नहीं था कि अचानक हाथी उनके जंगल के किनारे स्थित घर पर अचानक आ धमकेगा।
गुरूवार को ग्रामीणों के घरों के निरीक्षण में जाने दौरान ग्रामीणों ने पिछले माह अगस्त-सितंबर में भी पांच हाथियों के समूह द्वारा इस मोहल्ले में किए गए नुकसान का अब तक मुआवजा न मिलने पर वन विभाग एवं ग्रामीण जनपतिनिधियो को खरी खोटी सुनायी।वही एक अकेला हाथी पूरी रात वन विभाग एवं ग्रामीणों के साथ लुका-छिपी का खेल खेलते हुए गुरुवार की सुबह दुधमनिया बीट के कक्ष क्र.आर एफ.355 के जंगल में जाकर बरमसीया की झाड़ियो में छिपकर आराम कर रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार एक नर हाथी बुधवार की शाम बांका के जंगल से निकल कर रात 7 बजे के लगभग पगना गांव की कछराटोला जो बड़वार नाला एवं तिपान नदी के मध्य स्थित है में जंगल के किनारे तथा गांव के बाहर अपने खेतों में विगत कई वर्षों से घर बनाकर रह रहे उदय सिंह पिता रामलाल सिंह गोंड के घर में अचानक आ गया।घर की बहार आग ताप रही ग्रहणी छत्रवती सिंह अचानक आंगन में आए हाथी को देखकर अपनी जान बचाते हुए भाग कर पड़ोसी के घर जाकर पति एवं पड़ोसियों को जानकारी दी।इस दौरान हाथी को भागने के लिए प्रयास किए गए तो हाथी द्वारा ग्रामीणों को दौड़ाया।पूरी रात हाथी एक बार उदय सिंह के परछी में रखें गेहूं,चावल,दाल,मसूर, मूंगफली आदि को अपना आहार बनाता हुआ कुछ देर बाद पड़ोस में बेटेलाल सिंह पिता सेमलु सिंह के प्रधानमंत्री आवास में पहुंचकर दरवाजे को तोड़ते हुए कमरे के अंदर रखे धान को खाता हुआ आंगन में रखे गए धान के पैरा को हटा कर बैठ कर,लेट कर आराम करता रहा।जो कुछ देर आराम करने बाद फिर से घर के अंदर रखे धान को खाता हुआ उदय सिंह के परछी में पहुंचकर अनाज को खाया तथा खेत,बांड़ी में लगे पांच केला के पेड़ों को उखाड़ कर,फेंक कर,तोड़कर खाया।पूरी रात एक हाथी द्वारा मचाए गए उत्पात से दोनों परिजन परेशान रहे हैं।
जबकि आसपास के और तीन-चार घरों के निवासी घर छोड़कर दूसरे स्थान पर चले गए। सुबह होने पर यह हाथी पगना गांव के कक्ष क्रमांक आर.एफ.355 के जंगल में जाकर बरमसिया की झाड़ियां में छिपकर आराम करता दिखा जो देर शाम,रात को किस ओर रुख करेगा यह देर शाम-रात होने पर ही पता चल सकेगा।
गुरुवार की सुबह वन विभाग का मैदानी अमला एवं ग्राम पंचायत पगना के जनप्रतिनिधि स्थल पर पहुंचे तो मोहल्ला वासियों ने पिछले माह अगस्त,सितंबर में आए पांच हाथियों द्वारा किए गए घरों,फसलो के नुकसान का अब तक मुआवजा न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की है।
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