(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)जंक्शन स्टेशन अनूपपुर में जीआरपी चौकी के सामने बने पैदल पुल फुट ओवर (एफओबी) को रेलवे ने असुरक्षित घोषित कर लगभग डेढ़ वर्ष से अधिक समय से बंद कर रखा है।जब इसकी शिकायत अनूपपुर दौरे पर हाल ही में आए बिलासपुर रेलवे महाप्रबंधक(जी एम) को की गई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि अनशेफ नहीं होगा तो जांच कराकर आवश्यक निर्माण के पश्चात कुछ दिनों के लिए उसे प्रारंभ करा देंगे।
लेकिन उनके जाने के बाद किसी भी तरह की जांच संबंधित अधिकारियों ने आज तक नहीं की।जिससे अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उनकी बुरी फजीहत हो रही है लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं।
बताया गया की अमृत भारत योजना के तहत नया ब्रिज बनाया जाएगा।लेकिन लगता है की बिलासपुर रेल मंडल अनूपपुर जंक्शन स्टेशन के यात्रियों की परेशानियों से पूरी तरह अनभिज्ञ है।पैदल पुल बंद होने से लंबी दूरी पर बने कटनी साइट के पुल से लोगों को आना-जाना करना पड़ रहा है।अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर पर्याप्त मात्रा में कुली की व्यवस्था भी नहीं है,जिससे यात्रियों को अपना सामान खुद उठाकर ले जाना पड़ता है या मजबूरी में रेलवे लाइन क्रॉस कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना पड़ रहा है।लेकिन रेलवे को इससे कोई लेना-देना नहीं।कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।
प्लेटफार्म नंबर एक पर कटनी साइट पर जो ब्रिज बनाया गया है वह प्लेटफार्म से काफी दूर है।एवं प्लेटफार्म नंबर 3-4 पर यात्रियों को बिलासपुर दिशा की ओर जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय कर वहां जाना पड़ता है।यही नहीं कई यात्री तो ट्रेन छूट न जाए इसके लिए प्लेटफार्म से लाइन क्रॉस करते हुए दूसरे प्लेटफार्म पर चले जाते हैं।जल्दबाजी में किसी भी दिन कोई भयावह हादसा रेलवे लाइन में घटित हो सकता है।इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं।
जबकि पैदल पुल फुट ओवर (एफओबी) को प्राथमिकता में लेकर रेलवे को उसे पहले बनना चाहिए।लेकिन रेलवे उसे छोड़कर अन्य नए निर्माण कार्य प्लेटफार्म नंबर 1 एवं 3-4 पर कर रही है।जबकि यात्रियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पैदल पुल फुट ओवर (एफओबी) हैं।जिसको रेलवे ने प्राथमिकता में नहीं लिया और डेढ़ वर्ष से अधिक समय होने को आ रहा है यात्रियों को,बुजुर्गों को,विकलांगों को, महिलाओं को प्लेटफॉर्म 1 से 3-4 में जाने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।विकलांगों को जाने के लिए प्लेटफार्म पर कोई व्यवस्था नहीं है।रेलवे के पार्सल,मोटरसाइकिल,अन्य सामान को लाइन क्रॉस कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म को ले जाया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है।लेकिन कोई बोलने वाला नहीं।उंगली उठती है तो केवल यात्रियों पर,रेलवे के कर्मचारियों पर कोई भी कानून लागू नहीं होता।
आवश्यकता है कि बिलासपुर में बैठे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी यात्रियों की समस्याओं को गंभीरता से लें। कई बार रेल मदद एप,ट्विटर के माध्यम से शिकायत की गई।लेकिन बस इसे असुरक्षित घोषित किया गया है बनाने की योजना है।यह सीधा जवाब देकर रेलवे अपने कार्य की इति श्री कर लेती है और यात्री लगातार परेशान हो रहा है। देखना है रेलवे कब तक यात्रियों की परेशानियों की सुध लेता है।बिलासपुर रेलवे के रेल महाप्रबंधक के आदेश के बाद भी किसी तरह की जांच ना होना तमाम तरह के प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है...?
बिलासपुर रेलवे महाप्रबंधक से पुनः अपेक्षा है कि अनूपपुर रेलवे जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए बंद पड़े पैदल पुल को सुधार कर यात्रियों के लिए उसे तत्काल प्रारंभ कराया जाए जब तक नया ब्रिज नहीं बनता।
लेकिन उनके जाने के बाद किसी भी तरह की जांच संबंधित अधिकारियों ने आज तक नहीं की।जिससे अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उनकी बुरी फजीहत हो रही है लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं।
बताया गया की अमृत भारत योजना के तहत नया ब्रिज बनाया जाएगा।लेकिन लगता है की बिलासपुर रेल मंडल अनूपपुर जंक्शन स्टेशन के यात्रियों की परेशानियों से पूरी तरह अनभिज्ञ है।पैदल पुल बंद होने से लंबी दूरी पर बने कटनी साइट के पुल से लोगों को आना-जाना करना पड़ रहा है।अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर पर्याप्त मात्रा में कुली की व्यवस्था भी नहीं है,जिससे यात्रियों को अपना सामान खुद उठाकर ले जाना पड़ता है या मजबूरी में रेलवे लाइन क्रॉस कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना पड़ रहा है।लेकिन रेलवे को इससे कोई लेना-देना नहीं।कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।
प्लेटफार्म नंबर एक पर कटनी साइट पर जो ब्रिज बनाया गया है वह प्लेटफार्म से काफी दूर है।एवं प्लेटफार्म नंबर 3-4 पर यात्रियों को बिलासपुर दिशा की ओर जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय कर वहां जाना पड़ता है।यही नहीं कई यात्री तो ट्रेन छूट न जाए इसके लिए प्लेटफार्म से लाइन क्रॉस करते हुए दूसरे प्लेटफार्म पर चले जाते हैं।जल्दबाजी में किसी भी दिन कोई भयावह हादसा रेलवे लाइन में घटित हो सकता है।इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं।
जबकि पैदल पुल फुट ओवर (एफओबी) को प्राथमिकता में लेकर रेलवे को उसे पहले बनना चाहिए।लेकिन रेलवे उसे छोड़कर अन्य नए निर्माण कार्य प्लेटफार्म नंबर 1 एवं 3-4 पर कर रही है।जबकि यात्रियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पैदल पुल फुट ओवर (एफओबी) हैं।जिसको रेलवे ने प्राथमिकता में नहीं लिया और डेढ़ वर्ष से अधिक समय होने को आ रहा है यात्रियों को,बुजुर्गों को,विकलांगों को, महिलाओं को प्लेटफॉर्म 1 से 3-4 में जाने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।विकलांगों को जाने के लिए प्लेटफार्म पर कोई व्यवस्था नहीं है।रेलवे के पार्सल,मोटरसाइकिल,अन्य सामान को लाइन क्रॉस कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म को ले जाया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है।लेकिन कोई बोलने वाला नहीं।उंगली उठती है तो केवल यात्रियों पर,रेलवे के कर्मचारियों पर कोई भी कानून लागू नहीं होता।
आवश्यकता है कि बिलासपुर में बैठे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी यात्रियों की समस्याओं को गंभीरता से लें। कई बार रेल मदद एप,ट्विटर के माध्यम से शिकायत की गई।लेकिन बस इसे असुरक्षित घोषित किया गया है बनाने की योजना है।यह सीधा जवाब देकर रेलवे अपने कार्य की इति श्री कर लेती है और यात्री लगातार परेशान हो रहा है। देखना है रेलवे कब तक यात्रियों की परेशानियों की सुध लेता है।बिलासपुर रेलवे के रेल महाप्रबंधक के आदेश के बाद भी किसी तरह की जांच ना होना तमाम तरह के प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है...?
बिलासपुर रेलवे महाप्रबंधक से पुनः अपेक्षा है कि अनूपपुर रेलवे जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए बंद पड़े पैदल पुल को सुधार कर यात्रियों के लिए उसे तत्काल प्रारंभ कराया जाए जब तक नया ब्रिज नहीं बनता।
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