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एक नर हाथी के उत्पाद से ग्रामीण हो रहे परेशान दूसरे हाथी ने भी जिले में दी दस्तक वन अमला हुआ सक्रिय

 


अनूपपुर (ब्यूरो) जिले में विगत 5 दिनों से एक नर हाथी निरंतर कोतमा,जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र के जंगलों में दिन भर आराम करने बाद देर शाम-रात को विभिन्न ग्रामीण अंचलों में प्रवेश कर ग्रामीणों के बांड़ी,खलिहानों में रखें अनाज एवं फलों को आहार बना रहा है।
             हाथी के उत्पाद से परेशान ग्रामीण परिवार सहित रात्रि जागरण करने को मजबूर हो रहे हैं।वही वन विभाग के अधिकारी,कर्मचारी हाथी की निगरानी के साथ ग्रामीणों को सतर्क करने में लगे हुए हैं। यह हाथी टार्च की रोशनी देखकर या ग्रामीणों के अपने इलाके से भगाए जाने पर दौड़ाने का प्रयास कर रहा है।वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य है लेकिन ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर रखा है।
              विवरण में प्राप्त जानकारी अनुसार एक नर हाथी जिसके एक दांत बड़े तथा एक छोटे आकार के हैं विगत 16 दिसंबर को छ.ग.राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत शिवनी बीट से म.प्र.के अनूपपुर जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत पड़ौंर बीट में सोननदी पार कर आकर दिन भर आराम करने बाद देर शाम-रात को जैतहरी वन परिक्षेत्र से अनूपपुर वन परिक्षेत्र के बेलिया,पिपरिया,अगरिया नार,अनूपपुर,किरर,औढेरा बीट के जंगलों में दिन भर आराम करने बाद देर शाम-रात को जंगल के आसपास के ग्रामों में ग्रामीणों के खलिहानों में रखें धान की फसल एवं बांड़ी में लगे केला,गन्ना आदि फलों को अपना आहार बना रहा है।
       एक बार फिर से एक हाथी के आने के कारण ग्रामीण जन परिवार सहित रात भर जागने को बाध्य हो रहे हैं।वही अनूपपुर वन मंडलाधिकारी एस.के.प्रजापति द्वारा हाथियों पर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित रहने की सलाह हेतु वन विभाग अधिकारियों,कर्मचारियों की ड्यूटी के आदेश पर वन परीक्षेत्र अधिकारी जैतहरी विवेक मिश्रा, परि सहा.आर.एस.शर्मा,आर.यस.सिकरवार,वन परिक्षेत्र अनूपपुर के परि.सहा.देवेंद्र कुमार पांडेय,संतोष कुमार श्रीवास्तव,रमेश प्रसाद पटेल वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल के साथ दोनों वन परिक्षेत्रो के वनरक्षक,सुरक्षा श्रमिको के साथ ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि निरंतर हाथियों पर निगरानी बनाए हुए हैं।
       यह अकेला हाथी मंगलवार की सुबह अनूपपुर बीट के पटपरहा,डिडवापानी गांव से लगे जंगल में दिनभर आराम करने बाद देर शाम-रात को पहाड़ चढ़कर किरर बीट के अकुआ गांव में पहुंचकर शिक्षक ननसू बैगा के बांड़ी में लगे केले के पेड़ को तोड़कर नष्ट कर खाने बाद उनके चाचा स्व.लामू पिता भीखम बैगा एवं राम प्रसाद पिता धन्तू सिंह के खलिहान में रखें धान की करही को खाने बाद अकुआ से खोलईया वनमार्ग से मंगलवार की सुबह औढेरा बीट के बेलहाई जंगल जो खोलईया-केकरपानी गांव से लगा हुआ है मे दिन भर ठहरने बाद देर शाम-रात को गौरेला गांव के बड़काटोला निवासी बृजभान पिता वीर सिंह के बाडी में घुसकर बाउंड्री की दीवार तोड़ते हुए आंगन में रखे धान को खाने बाद बांड़ी में लगे हल्दी के पौधों को कुचलते हुए सिंचाई के लिए रखे गए पाइप को तोड़फोड़ करने बाद चंद्रभान सिंह के खलिहान में रखे धान की करही को खाते हुए देर रात की केकरपानी गांव के बधियाटोला की पहाड़ी में चढ़कर विश्राम करने बाद बुधवार की सुबह 5 बजे उतरते हुए दुआही टोला में कमल सिंह परस्ते,चतुर सिंह,शंभू सिंह के घर के पास से ठेलरहा गांव के समीप स्थित कुदुरझोरी नाला के समीप कक्ष क्रमांक आर 357 दुधमनिया बीट के बांका के जंगल में विश्राम कर रहा है।यह हाथी ग्रामीण एवं वन विभाग के दल द्वारा दिखाए जाते टॉर्च को की रोशनी को देखकर दौड़ाने का प्रयास करता है।हाथी के आने के संभावित ग्रामों में वन विभाग एवं ग्राम पंचायतो द्वारा मुनादी करा कर ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। इस दौरान कई गांव में अनेको व्यक्तियों को जो गांव से बाहर तथा जंगल के किनारे खेतों एवं अन्य स्थानों में अलग-अलग तरह से कच्चे घर बनाकर परिवार सहित रह रहे हैं।
    एक दूसरा हाथी जो एक दांत वाला है म.प्र.एवं छ.ग.की सीमा में छत्तीसगढ़ के मरवाही बीट अंतर्गत घुसरिया बीट के कक्ष क्रमांक 2049 की पहाड़ी में विगत तीन दिनों से दिन में जंगल में रहकर देर शाम-रात होने पर आसपास के ग्रामीणों इलाके में चुपचाप पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहा है।
     यह हाथी मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में निरंतर तीन दिनों से मरवाही वन परी क्षेत्र के घुसरिया बीट में विचरण कर रहा है।जिस पर वन परिक्षेत्र जैतहरी के चोलना बीट के वनरक्षक एवं ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि निरंतर हाथी के विचरण की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य बनी हुई है।

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