(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सकरा (जिला अनूपपुर) आगमन पर उनके भांजे- भांजियों ने उनका जोरदार स्वागत किया।भांजियों ने मामा के नाम बनाए गए ज्ञापन को उन्हें सौपा।
मामा ने भांजियों से पूछा क्या समस्या है आप लोगों की तो भांजियों ने अपनी समस्या को मामा को पढ़कर सुनाया।भांजियों ने बताया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में वह अध्ययन करती है।अमरकंटक- शहडोल मार्ग पर यह स्थल है।छात्राओं ने बताया कि सकरा से रायजल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।बारिश में यह रास्ता बंद हो जाता है क्योंकि बकान नदी पर काफी पानी आ जाता है जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है।
बारिश में जनमानस के लिए यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है जिससे छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए विद्यालय पहुंचने का रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है।उन्होंने अपने मामा को याद दिलाया कि पिछले जनदर्शन कार्यक्रम में घोषणा की गई थी लेकिन आज तक बकान नदी पर पुल का निर्माण नहीं हुआ।
जिस पर मामा ने भांजियों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।इसके साथ ही मामा के भांजे-भांजियों ने बोर्ड परीक्षा का केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में बनाए जाने की मांग भी की। उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 323 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है।परीक्षा का केंद्र पटना कला में है जो कि यहां से लगभग 12 किलोमीटर दूर है।जिसमें की 3 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।सकरा विद्यालय में लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर के छात्र-छात्राएं अध्ययन करने के लिए आते हैं और उन्हें 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए 12 किलोमीटर और दूर जाना पड़ता है जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
मामा से भांजे-भांजियों ने मांग की है कि उनका परीक्षा का केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में ही बनाया जाए।जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो।जिस पर मामा ने आश्वस्त किया कि इस समस्या का समाधान भी कराया जाएगा।
मामा ने भांजियों से पूछा क्या समस्या है आप लोगों की तो भांजियों ने अपनी समस्या को मामा को पढ़कर सुनाया।भांजियों ने बताया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में वह अध्ययन करती है।अमरकंटक- शहडोल मार्ग पर यह स्थल है।छात्राओं ने बताया कि सकरा से रायजल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।बारिश में यह रास्ता बंद हो जाता है क्योंकि बकान नदी पर काफी पानी आ जाता है जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है।
बारिश में जनमानस के लिए यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है जिससे छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए विद्यालय पहुंचने का रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है।उन्होंने अपने मामा को याद दिलाया कि पिछले जनदर्शन कार्यक्रम में घोषणा की गई थी लेकिन आज तक बकान नदी पर पुल का निर्माण नहीं हुआ।
जिस पर मामा ने भांजियों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।इसके साथ ही मामा के भांजे-भांजियों ने बोर्ड परीक्षा का केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में बनाए जाने की मांग भी की। उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 323 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है।परीक्षा का केंद्र पटना कला में है जो कि यहां से लगभग 12 किलोमीटर दूर है।जिसमें की 3 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।सकरा विद्यालय में लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर के छात्र-छात्राएं अध्ययन करने के लिए आते हैं और उन्हें 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए 12 किलोमीटर और दूर जाना पड़ता है जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
मामा से भांजे-भांजियों ने मांग की है कि उनका परीक्षा का केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा में ही बनाया जाए।जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो।जिस पर मामा ने आश्वस्त किया कि इस समस्या का समाधान भी कराया जाएगा।
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