गुरु नानक देव के
जन्मोत्सव पर शबद कीर्तन एवं अरदास
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) अनूपपुर (अंचलधारा) सनातन धर्म में हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व होता है।लेकिन कार्तिक मास की पूर्णिमा विशेष मानी जाती है।
कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए कार्तिक मास
को उत्तम बताया गया है।शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से बड़े-बड़े यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास के अंतिम दिवस कार्तिक पूर्णिमा पर अनूपपुर जिले के अमरकंटक के नर्मदा उद्गम सहित जिले भर की नदियों सोन,तिपान,चंदास,केवई सहित अन्य नदियों सरोबरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीप दान भी किए।साथ ही मंदिरों में दर्शन कर दान किया।वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन मंगलवार को हो गया।
इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था।जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है।इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं।कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा भी कहते हैं।
गुरु नानक देव
की 554वीं जयंती
कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए कार्तिक मास
को उत्तम बताया गया है।शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से बड़े-बड़े यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास के अंतिम दिवस कार्तिक पूर्णिमा पर अनूपपुर जिले के अमरकंटक के नर्मदा उद्गम सहित जिले भर की नदियों सोन,तिपान,चंदास,केवई सहित अन्य नदियों सरोबरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीप दान भी किए।साथ ही मंदिरों में दर्शन कर दान किया।वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन मंगलवार को हो गया।
इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था।जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है।इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं।कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा भी कहते हैं।
गुरु नानक देव
की 554वीं जयंती
अनूपपुर में नगरपालिका वार्ड नंबर 3 स्थित गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में गुरु नानक देव की 554वां जन्मोत्सव शबद कीर्तन और अरदास के साथ आरम्भ हुआ।जिसमें नगर के सिक्ख और सिंधी सम्प्रदाय के लोगों ने गुरूद्वारा पहुंचकर गुरू की याद में गुरु सिंहसभा के सामने मत्था टेका साथ ही गुरूवाणी के साथ शबद कीर्तन और अरदास किया।
अमरकंटक के रामघाट सहित
अमरकंटक के रामघाट सहित
अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने
लगाई आस्था की डुबकी
लगाई आस्था की डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा के अंतिम दिवस पर अमरकंटक के नर्मदा उद्गम सहित जिले भर की नदियों सोन,तिपान,चंदास,केवई सहित अन्य नदियों सरोबरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीप दान भी किए।साथ ही मंदिरों में दर्शन कर दान किया।इस अवसर पर छग के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहीं।
छत्तीसगढ़ के रतनपुर के स्कूली बच्चों ने माँ नर्मदा स्नान कर दर्शन किया वापस नर्मदा गेट पर सेल्फी ली।वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन मंगलवार को हो गया।श्रद्धालुओं ने ने शिवालयों में पूजा अर्चना कर दीप जलायें,नदियों में दीपदान किया।
जिला मुख्यालय अनूपपुर में लोग सोन नदी सहित अन्य नदियों में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान किया।वहीं आज के दिन घाटों पर स्नान करने और दीप दान करने का काफी ज्यादा महत्त्व माना गया है।इसलिए इस दिन लोगों ने दान कर घाटों पर दीप दान भी किए गए।बता दे कार्तिक पूर्णिमा से पहले बैकुंठ चतुर्दशी के दिन सिद्धवट घाट पर हजारों भक्तों ने स्नान किया था।साथ ही सिद्धवट पर दूध भी अर्पित किया गया।
छत्तीसगढ़ के रतनपुर के स्कूली बच्चों ने माँ नर्मदा स्नान कर दर्शन किया वापस नर्मदा गेट पर सेल्फी ली।वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन मंगलवार को हो गया।श्रद्धालुओं ने ने शिवालयों में पूजा अर्चना कर दीप जलायें,नदियों में दीपदान किया।
जिला मुख्यालय अनूपपुर में लोग सोन नदी सहित अन्य नदियों में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान किया।वहीं आज के दिन घाटों पर स्नान करने और दीप दान करने का काफी ज्यादा महत्त्व माना गया है।इसलिए इस दिन लोगों ने दान कर घाटों पर दीप दान भी किए गए।बता दे कार्तिक पूर्णिमा से पहले बैकुंठ चतुर्दशी के दिन सिद्धवट घाट पर हजारों भक्तों ने स्नान किया था।साथ ही सिद्धवट पर दूध भी अर्पित किया गया।
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