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प्रसूता के साथ जिला चिकित्सालय अनूपपुर द्वारा की गई घोर लापरवाही कलेक्टर से की गई शिकायत

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला चिकित्सालय अनूपपुर में प्रसूता के साथ घोर लापरवाही किए जाने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत प्रार्थी संदीप द्विवेदी प्रसूता शालिनी द्विवेदी द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को की गई है।जिसकी प्रतिलिपि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर एवं सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय अनूपपुर को दी गई है। 
             प्रार्थी संदीप कुमार द्विवेदी निवासी ग्राम बलबहरा, तहसील जैतपुर जिला शहडोल अपनी पत्नी शालिनी द्विवेदी को प्रसव पीड़ा होने पर 15/04/2023 को जिला चिकित्सालय अनूपपुर मे भर्ती करवाया गया था।जिसमे बड़े ऑपरेशन के माध्यम से उसी दिन पत्नी का प्रसव हुआ तथा बालिका प्राप्त हुई। प्रसव के बाद 22/04/2023 डिस्चार्ज के पहले पेट मे लगाये गये टांका को काटने पर कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि टांका पक गया है इसलिए आपको दो दिन बाद डिस्चार्ज किया जायेगा।जिसके बाद 24/04/2023 को यह कहकर डिस्चार्ज किया गया कि आप किसी सरकारी अस्पताल मे कुछ दिन टांके का ड्रेसिंग करवा लेंगे तो टांका ठीक हो जायेगा। 24 अप्रैल को डिस्चार्ज मिलने के बाद पास स्थित स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर मे 25 व 26 अप्रैल को ड्रेसिंग करवाया गया जहां पता चला कि टांका ठीक से किया ही नही किया गया है।जिस कारण टांका स्थल मे गहरे घाव हो गये हैं।उनके द्वारा तुरंत जिला चिकित्सालय अनूपपुर जाकर दोबारा टांका लगवाकर इलाज की सलाह दी गई।आनन फानन मे तुरंत जिला चिकित्सालय अनूपपुर पहुंचने पर ऑपरेशन थियेटर की महिला कर्मचारी द्वारा दोपहर 1.30 बजे बेहद अभद्रतापूर्ण वर्ताव करते हुये कई लोगों के सामने ऑपरेशन थियेटर का दरवाजा तेजी से बंद करते हुये सही जानकारी नही दी गई। उनके द्वारा कहा गया आप मरीज को दोबारा एक सप्ताह के लिए भर्ती करवाओ या प्रतिदिन जिला चिकित्सालय लेकर आओ अन्यथा हमारी कोई जवाबदारी नही है जहां जाना है जाओ हमें कोई मतलब नही। जबकि जिला चिकित्सालय से प्रार्थी के घर की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है,ऐसे मे प्रार्थी गरीबी स्थिति के पैसे का वहन नही कर सकता है।    
          कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार से परेशान पीडित ने पत्नी को 27/04/23 को मेडिकल कालेज मे डॉक्टर को दिखवाया जहां गंभीर स्थिति मे तुरंत भर्ती कर लिया गया तथा लगातार उपचार के बाद 03/05/23 को डिस्चार्ज किया गया जो अभी भी घर मे उपचारार्थ है। 
             इससे पूर्व डिस्चार्ज के दौरान ऑपरेशन थियेटर के कर्मचारियों द्वारा स्पष्ट जानकारी नही दी गई कि वास्तविक समस्या क्या है,उनके द्वारा सिर्फ टांका पकने की जानकारी देकर अस्पताल से जाने को कहा गया।ऐसे मे स्पष्ट है कि जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों व कर्मचारियों द्वारा बेहद लापरवाहीपूर्ण कार्य करते हुये मरीजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। 
                 प्रार्थी संदीप द्विवेदी ने कहा कि इस बात की शिकायत उनके द्वारा तुरंत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मोबाइल व व्हाट्सएप मे माध्यम से जानकारी दी गई, लेकिन उनके द्वारा भी किसी प्रकार की सहायता नही की गई। प्रसूता को किस तरह से टांके लगाये गये कि छोड़ दिया तथा बाद मे उनका इलाज क्यों नही किया गया और डिस्चार्ज के दौरान इसकी जानकारी भी न तो प्रसूता और न ही परिजनों को दी गई जो बेहद गंभीर लापरवाही है।
                 प्रार्थी संदीप द्विवेदी ने कलेक्टर को दिए पत्र में मांग की है कि इस संबंध मे सूक्ष्म जांच करवाकर दोषी ऑपरेशन थिएटर के कर्मचारियों अथवा अन्य दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य मे किसी अन्य महिला को इनकी लापरवाही का खामियाजा जान गंवाकर न चुकानी पडे़।

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