Anchadhara

अंचलधारा
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दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर गूंझी स्कूल के छात्र-छात्राएं,हैंडपंप में मोटर डालने से बंद हुआ हैंडपंप

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर जैतहरी तहसील तथा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बैहार के ग्राम गूंझी के आंगनवाड़ी एवं प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए विद्यालय परिसर में एकमात्र हैंडपंप स्थापित था।लेकिन शासन के निर्देश के बाद पीएचई विभाग अनूपपुर द्वारा विगत वर्ष हैंडपंप में मोटर डाली गई जो लगभग 2 माह चली।उसके बाद खराब हो गई।जिसके बाद खाना बनाने,पीने के लिए विद्यालय परिसर से दूर एक खेत में बने क्षतिग्रस्त कुए के दूषित पानी का उपयोग करने को छात्र-छात्राएं मजबूर हैं। ग्रामीणों एवं विद्यालय द्वारा अनेकों बार पीएचई विभाग को मौखिक एवं लिखित जानकारी देने के बाद भी अब तक किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है।
               ज्ञातव्य हो कि पीएचई विभाग अनूपपुर के द्वारा शासन से मिले निर्देश अनुसार जिले के प्राथमिक माध्यमिक तथा आंगनवाड़ी में स्थापित हैंडपंपों में मोटर डालकर पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश पर जिले के विद्यालयों में स्थापित हैंडपंपों में मोटर डाली गई रही।जिसमें अधिकांश विद्यालयों के मोटर खराब पड़े हैं।वही स्थापित हैंडपंप भी नहीं चल रहे हैं।जिससे विद्यालयों को पेयजल एवं विस्तार हेतु पानी की समस्या बढ़ गई है,इसी के तहत जनपद पंचायत एवं जैतहरी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बैहार के गूंझी गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर जिसने आंगनवाड़ी भी संचालित है मे एकमात्र हैंडपंप स्थापित रहा जिसमें विगत वर्ष जून-जुलाई में पीएचई विभाग द्वारा मोटर डाली गई जो एक-दो माह चलने बाद मोटर जमीन में अंदर ध्वस्त हो जाने से हैंडपंप पूरी तरह खराब पड़ा हुआ है।जिसे सुधारने या नया हैंडपंप खनन किए जाने को लेकर ग्रामीणों एवं विद्यालय के शिक्षकों द्वारा अनेकों बार जिला प्रशासन एवं पीएचई विभाग को लिखित एवं मौखिक रूप से कहा गया लेकिन आठ-दस महीने गुजर जाने के बाद भी स्थिति वही बनी हुई है।विद्यालय में मध्यान भोजन एवं बच्चों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विद्यालय से दूर एक खेत में स्थित क्षतिग्रस्त कुआं जिसका पानी दूषित व पीने योग्य ना होने के बाद भी उसे लाकर मध्यान भोजन एवं पेयजल के लिए उपयोग करने को मजबूर हैं।इस संबंध में विद्यालय के शिक्षक टीकम सिंह ने बताया कि हैंडपंप में मोटर डालने के बाद मोटर दो माह तक चल सका है जिसके बाद से नष्ट स्थिति में पड़ा हुआ है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही न होने से परेशानी बढ़ रही है।

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