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नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्य. का आयोजन पंडित टीपी शुक्ल महाविद्यालय में संपन्न

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) नई दिल्ली के सहयोग से एस्ट्रोनॉमिका साइंस एक्टीविटी एण्ड एजूकेशन सेन्टर मध्यप्रदेश द्वारा अनूपपुर जिले के ट्रेनी टीचर्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार से शुक्रवार तक वेंकटनगर के पंडित टीपी शुक्ल महाविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। 
                    कार्यशाला में देश के विभिन्न नगरों से आ रहे वैज्ञानिक एवं स्त्रोत विद्वान प्रशिक्षु शिक्षकों को अनेक प्रकार से अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके नवाचारी पद्धति से शिक्षण करना सिखा रहें हैं।इस अनूठी कार्यशाला में डॉ. ओ.पी. गुप्ता प्रयागराज, डॉ. वी. के. मुद्गल झाँसी, वी. बी. रायगाँवकर पुणे,लखन साहू कांकेर, इंजी बी.बी.आर.गाँधी इटारसी ट्रेनी शिक्षकों को गणित,भौतिकी,जीवविज्ञान, पर्यावरण समेत अनेक विषयों को प्रभावी तरीके से अध्यापन प्रशिक्षण दे रहे हैं।डॉ.ओ.पी.गुप्ता ने गणित के अनेक रोचक कैलकुलेशन और ट्रिक्स बताये।भौतिक विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों को बहुत साधारण रूप से उपलब्ध हो जाने वाली सामग्री के माध्यम से प्रदर्शन करना सिखाया।डॉ. गुप्ता ने इस दौरान ट्रेनी टीचर्स को कहा कि एक शिक्षक को अपने अध्यापन को रुचिकर बनाने के नए नए तरीके खोजने चाहिए तात्पर्य यह है कि शिक्षक को हर दिन नवाचार के बारे में सोचना चाहिए तभी उसका अध्यापन रुचिकर होगा। वी.बी. रायगाँवकर पुणे महाराष्ट्र ने अपने वृहद् प्रशिक्षण के दौरान पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन और डायरेक्ट टीचिंग पद्धति से शिक्षण करना सिखाया।उन्होंने अनेक छोटे छोटे प्रयोग सामान्य रूप से उपलब्ध सामग्री से विज्ञान के सिद्धांतों को समझाने की विधियाँ छात्र, अध्यापक,अध्यापिकाओं को सिखाई।डॉ.वी. के. मुद्गल ने भी अनेक सिद्धांतों को अध्यापन के दौरान अपने विद्यार्थियों के बीच स्थापित करते हुए प्रत्यक्ष रूप से समझाने की महत्ता को समझाया,उन्होंने कहा कि अपनी कक्षा में विद्यार्थियों को जिज्ञासु बनाना एक शिक्षक की सफलता होती है। इंजी. बी.बी.आर.गाँधी ने रेखा गणित के प्रचलित प्रमेय पाईथागोरस प्रमेय का उपयोग करते हुए कैसे किसी भी भवन, टावर या पेड़ की ऊँचाई निकालने का तरीका विद्यार्थियों के बीच ले जाना ट्रेनी टीचर्स को सिखाया।
       प्रशिक्षण के दौरान पंडित टीपी शुक्ल महाविद्यालय के संचालक मंडल के अनुज शुक्ल एवं मनीष शुक्ल भी विशेष रूप से उपस्थित थे।कर्यशाला के उद्घाटन अवसर पर मनीष शुक्ल ने उपस्थित प्रशिक्षु शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जो अवसर आपको मिला है वो किसी बड़े सौभाग्य से कम नहीं है,इसका भरपूर लाभ इन सभी स्त्रोत विद्वानों से लेना चाहिए।

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