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ट्रेनी टीचर्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) नई दिल्ली के सहयोग से एस्ट्रोनॉमिका साइंस एक्टीविटी एण्ड एजूकेशन सेन्टर मध्यप्रदेश द्वारा अनूपपुर जिले के ट्रेनी टीचर्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 
वेंकटनगर में किया गया।पांच दिन चली इस कार्यशाला में देश के विभिन्न नगरों से आ रहे वैज्ञानिक एवं स्त्रोत विद्वान प्रशिक्षु शिक्षकों को अनेक प्रकार से अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके नवाचारी पद्धति से शिक्षण करना सिखाया। 
                स्क्रैप व अनुपयोगी हो चुकी सामान्य वस्तुओं के उपयोग करते हुए शिक्षण उन्मुखीकरण कार्यशाला में डॉ.ओ.पी.गुप्ता प्रयागराज, डॉ.वी.के. मुद्गल झाँसी, वी.बी. रायगाँवकर पुणे, लखन साहू कांकेर कांकेर, इंजी बी.बी.आर.गाँधी इटारसी ने ट्रेनी शिक्षकों को गणित, भौतिकी, जीवविज्ञान, पर्यावरण समेत अनेक विषयों को प्रभावी तरीके से अध्यापन प्रशिक्षण दिया। 
          प्रशिक्षण के प्रतिभागी रहे ओमप्रकाश राठौर ने कहा कि इस कार्यशाला में हमने बहुत कुछ सीखा है अब हमारी कोशिश रहेगी कि हम अपने स्टूडेंट्स को नवाचार करते हुए शिक्षण देने का काम करेंगे। 
               अनामिका जैन ने बताया कि हमें इस कार्यशाला में बेसिक नॉलेज अभिनव तरीके से सीखने को मिला है जो हमें भविष्य में बहुत काम आएगा।
                  लकिता तिवारी ने भी कहा कि हमने रुचिकर तरीके से टीच करना सीखा है,कार्यशाला ओवरऑल बहुत प्रेरणादायक भी रही।
         समापन अवसर पर शिक्षाविद के.एन.मिश्रा एवं समाजसेवी मथुरा सोनी विशेष रूप से उपस्थित थे।इस अवसर पर के.एन.मिश्रा ने टीचिंग प्रोफेशन को पुनीत निरूपित किया और शिक्षण के क्षेत्र में अपार संभावनाओं और सम्मान को विस्तार से बताया।मथुरा सोनी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नईदिल्ली के उद्देश्य और गतिविधियों की खुलकर प्रशंसा की। अंत में सभी प्रतिभागी प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

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