(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह केवल समाचार पत्रों तक ही सीमित है उसके आगे उनके पत्रों पर कोई संज्ञान लेने को तैयार नहीं है।सांसद पत्र देकर आती है रद्दी की टोकरी में फेंक दिए जाते हैं। जिसके कारण शहडोल संसदीय क्षेत्र में कोरोना काल से बंद कई ट्रेनों के स्टॉपेज आज तक बहाल नहीं हो पाए।नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध उमरिया रेलवे स्टेशन में आज तक 18247/ 18248 रीवा-बिलासपुर-रीवा का स्टॉपेज नहीं हो सका। अन्य स्टेशनों पर भी इस ट्रेन का स्टॉपेज अभी तक घोषित नहीं किया गया।जबकि सतना सांसद गणेश सिंह की मांग पर रेल मंत्री ने पत्र देकर बताया रीवा-बिलासपुर- रीवा ट्रेन का स्टॉपेज घोषित कर दिया गया है।उनके द्वारा जो मांग की गई थी।भारतीय जनता पार्टी के लोगों को अपनी सांसद से पूछना चाहिए कि वह क्या कर रही हैं।क्यों भाजपा की छवि पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं।दूसरे संसदीय क्षेत्र के सांसद किस प्रकार सफलता प्राप्त कर रहे हैं।उस तरह की लड़ाई शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद क्यों नहीं लड़ पा रही है। देखा जा रहा है कि रीवा-बिलासपुर जैसी ट्रेन एक छोटे से स्टॉपेज शहडोल संसदीय क्षेत्र में छादा स्टेशन पर रुक रही
है। उस स्टेशन का आईआरटीसी से रिजर्वेशन भी हो रहा है। तो उमरिया जैसे जिला मुख्यालय के बड़े स्टेशन एवं नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध स्टेशन पर आज तक क्यों नहीं हो पाया। इस बात का जवाब भारतीय जनता पार्टी को देना चाहिए। अपनी सांसद से उसे जवाब लेना चाहिए। सतना संसदीय क्षेत्र के कई छोटे-छोटे स्टेशनों पर ट्रेन के स्टॉपेज घोषित हैं। जबकि देखा जा रहा है कि शहडोल से रवाना होने के बाद बिलासपुर-रीवा-बिलासपुर ट्रेन सीधी कटनी स्टेशन पर रूकती है। यह कहां का न्याय संगत निर्णय रेलवे का है। कई बार आंदोलन हुए लेकिन उसका असर भी देखने को नहीं मिला।जिसके कारण आज भी आम जनता सड़क मार्ग से महंगी यात्रा करने को बाध्य हैं।कई छोटे-छोटे स्टेशन आज भी ट्रेन के स्टॉपेज को मोहताज हैं।लेकिन रेलवे की मनमानी के चलते ट्रेनों के स्टॉपेज बहाल नहीं हो पा रहे। सबसे बड़ी गलती केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद हिमाद्री सिंह की है।अगर वह आम जनता का सही रूप में प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रही है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।अगर सांसद एक दिन रेलवे को अल्टीमेटम देकर रेल पटरी पर बैठ जाए रेलवे बोर्ड को भी आदेश करना उसकी मजबूरी हो जाएगा।लेकिन सांसद रेल पटरी पर बैठना नहीं चाहती।वह तो एसी वाहन में बैठकर रायपुर पहुंच जाती है और एरोप्लेन से दिल्ली पहुंच जाती है उसी मार्ग से वापस आ जाती है। उसे आम जनता से क्या लेना देना।जिसका नतीजा आम जनता भोग रही है।लेकिन आम जनता आने वाले चुनाव में शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह को अच्छी तरह जवाब देने के लिए तैयार है। वक्त का सभी इंतजार कर रहे हैं।आज सतना के सांसद या अन्य सांसद को देख लिया जाए वह अपने क्षेत्र में स्टॉपेज घोषित कराने में कहीं पीछे नहीं रहे और रेल मंत्री को उनकी बात माननी पड़ी।तो शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद फिर पीछे क्यों है इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए।
है। उस स्टेशन का आईआरटीसी से रिजर्वेशन भी हो रहा है। तो उमरिया जैसे जिला मुख्यालय के बड़े स्टेशन एवं नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध स्टेशन पर आज तक क्यों नहीं हो पाया। इस बात का जवाब भारतीय जनता पार्टी को देना चाहिए। अपनी सांसद से उसे जवाब लेना चाहिए। सतना संसदीय क्षेत्र के कई छोटे-छोटे स्टेशनों पर ट्रेन के स्टॉपेज घोषित हैं। जबकि देखा जा रहा है कि शहडोल से रवाना होने के बाद बिलासपुर-रीवा-बिलासपुर ट्रेन सीधी कटनी स्टेशन पर रूकती है। यह कहां का न्याय संगत निर्णय रेलवे का है। कई बार आंदोलन हुए लेकिन उसका असर भी देखने को नहीं मिला।जिसके कारण आज भी आम जनता सड़क मार्ग से महंगी यात्रा करने को बाध्य हैं।कई छोटे-छोटे स्टेशन आज भी ट्रेन के स्टॉपेज को मोहताज हैं।लेकिन रेलवे की मनमानी के चलते ट्रेनों के स्टॉपेज बहाल नहीं हो पा रहे। सबसे बड़ी गलती केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद हिमाद्री सिंह की है।अगर वह आम जनता का सही रूप में प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रही है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।अगर सांसद एक दिन रेलवे को अल्टीमेटम देकर रेल पटरी पर बैठ जाए रेलवे बोर्ड को भी आदेश करना उसकी मजबूरी हो जाएगा।लेकिन सांसद रेल पटरी पर बैठना नहीं चाहती।वह तो एसी वाहन में बैठकर रायपुर पहुंच जाती है और एरोप्लेन से दिल्ली पहुंच जाती है उसी मार्ग से वापस आ जाती है। उसे आम जनता से क्या लेना देना।जिसका नतीजा आम जनता भोग रही है।लेकिन आम जनता आने वाले चुनाव में शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह को अच्छी तरह जवाब देने के लिए तैयार है। वक्त का सभी इंतजार कर रहे हैं।आज सतना के सांसद या अन्य सांसद को देख लिया जाए वह अपने क्षेत्र में स्टॉपेज घोषित कराने में कहीं पीछे नहीं रहे और रेल मंत्री को उनकी बात माननी पड़ी।तो शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद फिर पीछे क्यों है इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए।
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