(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) रेल क्षेत्र में अपराधों की रोकथाम, पतासाजी तथा जुर्मकारो का अभियोजन एक प्रमुख कर्म माना गया है।क्षेत्र में विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी निर्वहन करना तथा रेल क्षेत्र में हुए घटनाक्रम से रेलवे के वारिष्ठ अधिकारियों तथा प्रदेश शासन को अवगत रखाना भी महत्वपूर्ण दायित्व है। रेलवे एक्ट के तहत अभियोजन तथा रेल सीमा दुर्घटनाओं पर जॉच रेल पुलिस की अहम जिम्मेवारी है। रेल विभाग को जन मानस की सुरक्षा एवं आवागमन संबंधी क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में सहयोग प्रदान करना और इसी दृष्टि से जिला पुलिस बल,आर.पी.एफ. तथा रेलवे विभाग से तालमेल और समन्वय बनाकर रखना कार्यक्रम का उद्देश्य है।निर्वाध सुरक्षामय वातावरण निर्मित करने हेतु पैनी नजर बनाये रखना बड़ी जिम्मेदारी है।
लेकिन अनूपपुर रेल्वे जंक्शन होने के बाद भी आज दिनांक तक लगभग अर्द्धशतक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन परिसर में संचालित जीआरपी थाना उन्नयन एवं सुविधाओं को लेकर मोहताज देखा जा रहा है।यहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा एक छोटे से कमरे में बन्दीगृह, मालखाना, के साथ अन्य कार्यालयीन कार्य करते देखा जा रहा है।
अनूपपुर रेल्वे जंक्शन होने की वजह से यहां अनेकानेक काम बने रहते है।लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण यंहा पदस्थ कर्मी अपार कार्य होने के कारण दवाब में सेवा देते है।जिससे मानसिक एवं शारिरिक रुप से परेशान देखे जा रहे है। जबकि उक्त जीआरपी चौकी में लगभग 20 लोगों का बल होना अनिवार्य है।लेकिन रेल एवं राज्य प्रशासन की उदासीनता के कारण उक्त चौकी पर 8 लोगों से 24 घंटे सेवा लिया जा रहा है।वजह यह कि उक्त कर्मचारियों का मनोबल सदैव टूटा हुआ रहता है।पुलिस चौकी जीआरपी अनूपपुर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के 2 राज्यों की तार जोड़े जाने के बाद अमलाई ,बुढार से लेकर बोरीडाँड़, पेंड्रा तक की जवाबदारी देखनी पड़ती है और सुविधाओं की अगर बात करें तो उक्त चौकी में चार पहिया वाहन तक उपलब्ध नहीं है।
घटना दुर्घटना को लेकर जीआरपी पुलिस चौकी के कर्मचारी सदैव परेशान देखे जाते हैं।कारण की अगर कोई घटना घट गई तब इनके पास सुविधाओं के नाम पर कोई ऐसा वाहन नहीं है कि इनके द्वारा पीड़ित व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।
रेलवे जंक्शन अनूपपुर के जीआरपी चौकी में अगर देखा जाय तो लगभग कुल पदस्थ संख्या 20 की जगह 8 कर्मचारियों की तैनाती है।अगर कर्मचारी ट्रेनिंग व आवश्यक सरकारी कार्य को लेकर थाना क्षेत्र से बाहर हो जाते हैं या कि कोई कर्मचारी अवकाश पर चला गया तो यहाँ एक कर्मचारी के भरोसे चौकी एवं रेलवे स्टेशन की जवाबदारी देखनी पड़ती है। आकस्मिक घटना दुर्घटना के बाद सदैव जीआरपी के कर्मचारी यहाँ वहाँ गिड़गड़ाते परेशान देखे जाते हैं। इतना ही नही उस समस्या की मार आमजनमानस को भी झेलना पड़ता है।
अनूपपुर का रेल्वे जंक्सन होने की वजह से चारों तरफ से यात्रियों का आना-जाना बना रहता है और छोटे छोटे मामलॉ को लेकर आमजन परेशान देखे जाते हैं।
अनूपपुर नगर सहित सैकड़ों गांव के लोग बाहर से आने जाने वाले यात्रियों ने रेल मंत्रालय, रेल प्रबंधन, सहित राज्य पुलिस बल के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग किये है कि अनूपपुर जंक्शन में संचालित जीआरपी चौकी में विभिन्न कमियों को दूर कर आमजन को तत्काल सुविधा दिलाए जाने में सहयोग प्रदान करें।
लेकिन अनूपपुर रेल्वे जंक्शन होने के बाद भी आज दिनांक तक लगभग अर्द्धशतक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन परिसर में संचालित जीआरपी थाना उन्नयन एवं सुविधाओं को लेकर मोहताज देखा जा रहा है।यहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा एक छोटे से कमरे में बन्दीगृह, मालखाना, के साथ अन्य कार्यालयीन कार्य करते देखा जा रहा है।
अनूपपुर रेल्वे जंक्शन होने की वजह से यहां अनेकानेक काम बने रहते है।लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण यंहा पदस्थ कर्मी अपार कार्य होने के कारण दवाब में सेवा देते है।जिससे मानसिक एवं शारिरिक रुप से परेशान देखे जा रहे है। जबकि उक्त जीआरपी चौकी में लगभग 20 लोगों का बल होना अनिवार्य है।लेकिन रेल एवं राज्य प्रशासन की उदासीनता के कारण उक्त चौकी पर 8 लोगों से 24 घंटे सेवा लिया जा रहा है।वजह यह कि उक्त कर्मचारियों का मनोबल सदैव टूटा हुआ रहता है।पुलिस चौकी जीआरपी अनूपपुर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के 2 राज्यों की तार जोड़े जाने के बाद अमलाई ,बुढार से लेकर बोरीडाँड़, पेंड्रा तक की जवाबदारी देखनी पड़ती है और सुविधाओं की अगर बात करें तो उक्त चौकी में चार पहिया वाहन तक उपलब्ध नहीं है।
घटना दुर्घटना को लेकर जीआरपी पुलिस चौकी के कर्मचारी सदैव परेशान देखे जाते हैं।कारण की अगर कोई घटना घट गई तब इनके पास सुविधाओं के नाम पर कोई ऐसा वाहन नहीं है कि इनके द्वारा पीड़ित व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।
रेलवे जंक्शन अनूपपुर के जीआरपी चौकी में अगर देखा जाय तो लगभग कुल पदस्थ संख्या 20 की जगह 8 कर्मचारियों की तैनाती है।अगर कर्मचारी ट्रेनिंग व आवश्यक सरकारी कार्य को लेकर थाना क्षेत्र से बाहर हो जाते हैं या कि कोई कर्मचारी अवकाश पर चला गया तो यहाँ एक कर्मचारी के भरोसे चौकी एवं रेलवे स्टेशन की जवाबदारी देखनी पड़ती है। आकस्मिक घटना दुर्घटना के बाद सदैव जीआरपी के कर्मचारी यहाँ वहाँ गिड़गड़ाते परेशान देखे जाते हैं। इतना ही नही उस समस्या की मार आमजनमानस को भी झेलना पड़ता है।
अनूपपुर का रेल्वे जंक्सन होने की वजह से चारों तरफ से यात्रियों का आना-जाना बना रहता है और छोटे छोटे मामलॉ को लेकर आमजन परेशान देखे जाते हैं।
अनूपपुर नगर सहित सैकड़ों गांव के लोग बाहर से आने जाने वाले यात्रियों ने रेल मंत्रालय, रेल प्रबंधन, सहित राज्य पुलिस बल के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग किये है कि अनूपपुर जंक्शन में संचालित जीआरपी चौकी में विभिन्न कमियों को दूर कर आमजन को तत्काल सुविधा दिलाए जाने में सहयोग प्रदान करें।
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