(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला पंचायत उपाध्यक्ष पार्वती बाल्मीक राठौर एवं अन्य सदस्यगण जब पुष्पराजगढ़ पहुंचे तो शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई।बताया गया कि एक और सरकार ने करोडो रूपए खर्च कर वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोडने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है,लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी व्यवस्था को गर्त में धकेल रहे है।आज भी न तो पुस्तकों का वितरण कर पाये और न ही स्वच्छ और गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान कर पा रहे है।इतना ही नही कई विद्यालय आज भी अतिक्रमण के चपेट में है तो कहीं बांउड्रीबाल तक भी नही है,लेकिन वर्षो बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ने विद्यालय की खराब व्यवस्था को सुधारने की जहमत नही उठाई।
बताया गया कि जिलेभर के माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत बच्चों को शिक्षकीय सामग्री प्रदान करने हेतु पुष्पराजगढ के ग्राम पटना स्थित माध्यमिक विद्यालय को भंडार केन्द्र बनाया गया है,जहां से जिलेभर के विद्यालय सप्लाई किया जाना था,लेकिन आज भी भंडार केन्द्र में लाखों की पुस्तके सड़ रही है। जिस सत्र के लिए पुस्तके यहां वितरित होने के लिए पहुंची थी वह वितरित न होकर कमरे में खराब हो रही है, जबकि जिम्मेदारों को सभी विद्यालय को समय रहते वितरित कर देना चाहिए।
आदिवासी अंचल पुष्पराजगढ में विद्यालय का जायजा लेने शनिवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष पार्वती बाल्मीक राठौर के साथ सदस्य दरोगा सिंह एवं सदस्य रंजीत सर्राटी पहुंचे,जहां ग्राम पंचायत पटना के माध्यमिक विद्यालय के बच्चो से व्यवस्था के विषय में पूछा गया एवं जायजा लिया गया,जहां देखा गया कि चार कमरों में पुस्तके भरी हुई थी, बेतरतीब ढंग से पडी लाखों की पुस्तके खराब हो रही है,जहां उन्होने जानकारी लेना चाहा,लेकिन पूर्णरूपेण उपलब्ध नही कराई गई।यही नहीं पटना के विद्यालय एवं बनाये गये गोदाम अंदर शराब की बोतल दिखाई दी,अब गोदाम की जिम्मेदारी किसके पास है और किसने यह बोतल यहां रखी यह किसी को नही पता,लेकिन प्रथम दृष्टया यह ज्ञात हुआ कि शिक्षा के मंदिर में शराब का सेवन किया जाता है।जिम्मेदार बीआरसीसी एवं डीपीसी न तो कभी निरीक्षण के लिए जाते है और न ही बेहतर व्यवस्था संचालन कर रहे है,जिसके कारण इस तरह से कर्मचारी लापरवाह हो चुके है।यही नहीं पुष्पराजगढ के गिरारी विद्यालय के बच्चों से व्यवस्था की जानकारी ली गई,जहां बच्चो ने बताया कि दोपहर के भोजन में कीडे वाले चावल, आलू की पानी वाली सब्जी और जिस दिन सब्जी मिलता तो उस दिन दाल नही मिलता है।शासकीय उच्चतर माध्यमिक राजेन्द्रग्राम छात्रावास में पहुंचकर बच्चो से पूछताछ किया गया,लेकिन डर के साये में जीने वाले बच्चो ने छिपकर व चुपके से ऐसी बात बताई कि छात्रावास की लापवाही सामने आ गई।उन्होने बताया कि मीनू के अनुरूप कभी खाना नही दिया गया,सस्ती सब्जियां और पानी युक्त खाना खिला दिया जाता है,वहीं छात्रावास के बगल में तालाब तथा शराब की दुकान खोली गई है,जिससे आये दिन शराबियों के द्वारा उपद्रव किया जाता है।इतना नही बच्चों की उपस्थिति भले ही कम हो,लेकिन हाजिरी पूर्ण कर लिया जाता है और भ्रष्टाचार कर राशि का आहरण कर लिया जाता है।
जिला पंचायत सदस्य पार्वती बाल्मीक राठौर ने कहा कि मैं भी एक माँ हूं, इसलिए मैं चाहती हूं कि हमारी सरकार अनेक प्रकार से बच्चों के लिए सुविधा दे रही है,उन सुविधाओं को हम जनप्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग का एक-एक व्यक्ति व नागरिक को समझने की जरूरत है। जिस तरह से पुष्पराजगढ में लापरवाही देखा जा रही है इस तरह की लापरवाही बर्तास्त नही की जायेगी।
बताया गया कि जिलेभर के माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत बच्चों को शिक्षकीय सामग्री प्रदान करने हेतु पुष्पराजगढ के ग्राम पटना स्थित माध्यमिक विद्यालय को भंडार केन्द्र बनाया गया है,जहां से जिलेभर के विद्यालय सप्लाई किया जाना था,लेकिन आज भी भंडार केन्द्र में लाखों की पुस्तके सड़ रही है। जिस सत्र के लिए पुस्तके यहां वितरित होने के लिए पहुंची थी वह वितरित न होकर कमरे में खराब हो रही है, जबकि जिम्मेदारों को सभी विद्यालय को समय रहते वितरित कर देना चाहिए।
आदिवासी अंचल पुष्पराजगढ में विद्यालय का जायजा लेने शनिवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष पार्वती बाल्मीक राठौर के साथ सदस्य दरोगा सिंह एवं सदस्य रंजीत सर्राटी पहुंचे,जहां ग्राम पंचायत पटना के माध्यमिक विद्यालय के बच्चो से व्यवस्था के विषय में पूछा गया एवं जायजा लिया गया,जहां देखा गया कि चार कमरों में पुस्तके भरी हुई थी, बेतरतीब ढंग से पडी लाखों की पुस्तके खराब हो रही है,जहां उन्होने जानकारी लेना चाहा,लेकिन पूर्णरूपेण उपलब्ध नही कराई गई।यही नहीं पटना के विद्यालय एवं बनाये गये गोदाम अंदर शराब की बोतल दिखाई दी,अब गोदाम की जिम्मेदारी किसके पास है और किसने यह बोतल यहां रखी यह किसी को नही पता,लेकिन प्रथम दृष्टया यह ज्ञात हुआ कि शिक्षा के मंदिर में शराब का सेवन किया जाता है।जिम्मेदार बीआरसीसी एवं डीपीसी न तो कभी निरीक्षण के लिए जाते है और न ही बेहतर व्यवस्था संचालन कर रहे है,जिसके कारण इस तरह से कर्मचारी लापरवाह हो चुके है।यही नहीं पुष्पराजगढ के गिरारी विद्यालय के बच्चों से व्यवस्था की जानकारी ली गई,जहां बच्चो ने बताया कि दोपहर के भोजन में कीडे वाले चावल, आलू की पानी वाली सब्जी और जिस दिन सब्जी मिलता तो उस दिन दाल नही मिलता है।शासकीय उच्चतर माध्यमिक राजेन्द्रग्राम छात्रावास में पहुंचकर बच्चो से पूछताछ किया गया,लेकिन डर के साये में जीने वाले बच्चो ने छिपकर व चुपके से ऐसी बात बताई कि छात्रावास की लापवाही सामने आ गई।उन्होने बताया कि मीनू के अनुरूप कभी खाना नही दिया गया,सस्ती सब्जियां और पानी युक्त खाना खिला दिया जाता है,वहीं छात्रावास के बगल में तालाब तथा शराब की दुकान खोली गई है,जिससे आये दिन शराबियों के द्वारा उपद्रव किया जाता है।इतना नही बच्चों की उपस्थिति भले ही कम हो,लेकिन हाजिरी पूर्ण कर लिया जाता है और भ्रष्टाचार कर राशि का आहरण कर लिया जाता है।
जिला पंचायत सदस्य पार्वती बाल्मीक राठौर ने कहा कि मैं भी एक माँ हूं, इसलिए मैं चाहती हूं कि हमारी सरकार अनेक प्रकार से बच्चों के लिए सुविधा दे रही है,उन सुविधाओं को हम जनप्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग का एक-एक व्यक्ति व नागरिक को समझने की जरूरत है। जिस तरह से पुष्पराजगढ में लापरवाही देखा जा रही है इस तरह की लापरवाही बर्तास्त नही की जायेगी।
इनका कहना है
जिलेभर में वितरण के लिए आई पुस्तको को भंडार के रूप में पटना विद्यालय का चयन किया गया है,वही से सभी जगह वितरित की जाती है, अगर सुरक्षित नही रखा गया है तो मैं जल्द ही निरीक्षण में जाऊंगा, रही बात छात्रावास की व्यवस्था की तो उसे भी दिखवाता हूं, मैं स्वयं चाहता हूं की व्यवस्था में सुधार हो।
हेमंत खैरवाल, डीपीसी
सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर
सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर
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